*मुंबई से सटे वजेश्ररी में मुंबई प्रान्तीय राष्ट्रभाषा प्रचार सभा की दो दिवसीय शिविर हूई संपन्न*/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*मुंबई से सटे वजेश्ररी में मुंबई प्रान्तीय राष्ट्रभाषा प्रचार सभा की दो दिवसीय शिविर हूई संपन्न*/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【वजेश्ररी-मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】भारत के राष्ट्र पिता महात्मा गांधी और गांधी वादी जमनालाल बजाज के सराहनिय प्रयासों से प्रस्थापित,करीब सौ साल पुरानी संस्था *मुंबई प्रान्तीय राष्ट्र भाषा प्रचार सभा* और *भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय* के संयुक़्त तत्वावधान में मुंबई से सटे वजेश्ररी के भाटिया सेनेटोरियम में प्रतिवर्ष के मुताबिक दो दिवसीय शिविर का आयोजन हुआ ।
संस्था के अध्यक्ष डॉ. बिपीनचंद्र मेहता ने सभी अभिभावकों का स्वागत करते हुए इस आयोजन का महत्व समजाया था । जबकि संस्था संचालक व मंत्री ब्रिजेश तिवारी ने दोनों दिनों के कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत की थी ।
आयोजित सत्र में "राष्ट्रभाषा के प्रचार-प्रसार में हिंदी फिल्मों का योगदान" व "राष्ट्रभाषा और रोजगार" जैसे जलद विषयों पर विद्वानों ने अपनी बात रखी थी । सबसे ज्यादा भारत में बोली जानेवाली भाषा हिन्दी ही हैं, इस बात पर प्रकाश डाला गया था। हिन्दी भाषा के बढ़ावे के लिए हिन्दी फिल्मों का अहम योगदान की भी बात रखी गई थी ।
जबकि"ओएमजी बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स" के प्रो. दिनेश गुप्ता 'आनंदश्री' ने प्राकृतिक थेराॅपियों व "एक ताली बड़ी निराली" पर तालियों का महत्व शिविरार्थियों को समजाया था । सेवा निवृत्त रेल कर्मचारी हेरी जोसेफ ने स्व. मोहम्मद रफी साहब के गाने सुनाकर सबको सराबोर कर दिया था ।
शाम को आयोजित कवि सम्मेलन का प्रारंभ में कवि रवि यादव ने अपनी स्वरचित सरस्वती वंदना से किया था। दौरान रवि यादव ने "माता के महत्व" को बताती कविता गाकर सबको भावविभोर कर दिया। साथ में उन्होंने देश में चल रहे भ्रष्टाचार पर करारा व्यंग्य करती हुई रचनाएं भी प्रस्तुत की थी। कवि व पत्रकार स्पर्श देसाई ने अपनी गज़लों से कार्यक्रम की रौनक बढ़ाई थी । कवियत्री प्रज्ञा आंब्रेकर ने "इर्ष्या छोड़कर मानवता के रास्ते पर चलने की" बात की थी । जबकि युवा कवि वीरेंद्र यादव ने अपने काव्य में प्रेम के उन्माद को बढ़ाकर अपनापन तलाशने की कोशिश की। अपनेपन का एहसास दिलाने का काम करते हुए "मुस्कान" पत्रिका के संपादक डाॅ. लालबहादुर यादव" ललन" ने कविता पाठ किया। इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ. महेंद्र मिश्रा ने की थी । जबकि कवि सम्मेलन का संचालन किया लालमणि यादव "कमल" ने । उन्होंने भी मां पर आधारित स्वरचित रचनाएं सुनाई थी । जिससे सब लोग भावुक हो गए थे, साथ में उन्होंने गांव से जूदा होने से बिछड़ने की अपनी व्यथा भोजपुरी रचना में व्यक्त की थी। इस कवि सम्मेलन में प्रो.दिनेश गुप्ता ने जीवन में उत्साह लाने की बात की थी । यह कवि सम्मेलन दो दौर में देर रात चला था ।
कार्यक्रम में आयोजित सम्मान समारोह में प्रज्ञा आंब्रेकर, गायक हेरी जोसेफ़,रवि यादव,स्पर्श देसाई, विरेन्द्र यादव और प्रो. दिनेश गुप्ता को संस्था अध्यक्ष डॉ. बिपीनचंद्र मेहता के वरद हाथों प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया था ।
इस शिविर के आयोजन में संस्था अध्यक्ष डा.बिपिनचंद्र मेहता, मंत्री-संचालक ब्रजेश तिवारी, कोषाध्यक्ष- डा.महेंद्र मिश्र, सत्येन्द्र श्रीवास्तव, डा.लालबहादुर यादव, नितिन पाटील, राजकुमार तृषित, सेवालालजी, राजेश सुरती, रमाशंकर रमा, सुमंत गुप्ता आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर शिविर को सफल बनाया था ।
इस शिविर में हिन्दी भाषा को देश में कैसे बढावा मिलें? इस पर व्यापक चर्चा हुई थी । दूसरे दिन दोपहर दो बजे शिविर संपन्न का एलान किया गया था । अत: शिविरार्थियों ने आसपास के देखने लायक गणेशपुरी मंदिर,जलाराम मंदिर,गर्म पानी के कूंड,सांईबाबा मंदिर और तानसा नदी आदी स्थलों की मुलाकात की थी ।【Photos By MCP】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#हिन्दी शिविर
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