*हमने केवल छोटे अतिक्रमण हटाए', NDMC ने दी ये दलील, तो कोर्ट ने पूछा- क्या उसके लिए बुलडोजर की जरूरत थी?*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*हमने केवल छोटे अतिक्रमण हटाए', NDMC ने दी ये दलील, तो कोर्ट ने पूछा- क्या उसके लिए बुलडोजर की जरूरत थी?*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】 जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने के मामले पर आज 21 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अगले दो हफ्ते तक जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दी है और कहा है कि यथास्थिति को बरकरार रखा जाए। इस मामले की सुनवाई अब दो हफ्ते के बाद होगी। कोर्ट के फैसले के बाद एमसीडी की ओर से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन होगा। वहीं कोर्ट ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए कहा कि अगर आदेश के बाद भी कार्रवाई की गई तो हम सख्ती करेंगे।
*बुल्डोजर पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़ा किया*
इस पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नगर निगम ने कहा है कि सिर्फ छोटे निर्माण को तोड़ा गया है, लेकिन क्या इसके लिए बुल्डोजर की जरूरत थी। जिसके जवाब में एनडीएमसी की ओर से कोर्ट में अडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि कल सिर्फ छोटे निर्माण को ही तोड़ा गया था। जिसपर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए जस्टिस भूषण रामकृष्ण गोवई ने कहा कि छोटी कुर्सियों, बॉक्स आदि को हटाने के लिए आपको बुल्डोजर की जरूरत थी।
*कपिल सिब्बल ने प्रशासन को घेरा*
कोर्ट में यह सवाल भी उठा कि क्या बिना नोटिस दिए यह कार्रवाई अचानक से की गई। कोर्ट में अतिक्रम अभियान की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़ा हुआ। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ये कोई राजनीति का मंच नहीं है, देश में कानून का राज कायम है, इसे बताने के लिए कोर्ट की जरूरत है। अतिक्रमण पूरे निगम में हो रहा है, यह किसी एक समुदाय विशेष तक सीमित नहीं है। लेकिन जहांगीरपुरी में एक विशेष समुदाय को बुल्डोजर के जरिए निशाना बनाया जा रहा है।
*याचिकाकर्ताओं के वकील ने एनडीएमसी पर साधा निशाना*
सॉलिसिटर जनरल जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में दो याचिकाएं दायर की गई है, इसमे एक याचिका जमीयत उलमा ए हिंद है जोकि गलत आरोप लगा रहा है कि एक विशेष समुदाय के खिलाफ यह कार्रवाई हुई है। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील और दुष्यंत दवे ने कहा कि इन लोगों को पता था कि हम 2 बजे कोर्ट जाने वाले हैं, लेकिन सुबह 9 बजे से ही इन लोगों ने अभियान शुरू कर दिया। कोर्ट के आदेश के बाद भी तोड़फोड़ अभियान जारी रहा। उन्होंने यह भी सवाल खड़ा किया कि दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने एक पत्र लिखा और इसके बाद तोड़फोड़ शुरू हो गई। इन लोगों को याद रखना चाहिए कि यहां सैनिक फॉर्म या गोल्फ लिंक नहीं चल रहा था, यहां गरीब रहते हैं। यहां पर गरीबों को निशाना बनाया जा रहा है।
*क्या कहना है मेयर का?*
उत्तरी दिल्ली के मेयर राजा इकबाल ने कहा कि जो कोर्ट का आदेश है हम उसका पालन करेंगे और उसे सिर झुकाकर मानेंगे। जो भी काम हुआ है वह कानूनी तरह से हुआ है । हमे जो भी जवाब देना है वह कोर्ट में देंगे। जैसे ही कोर्ट का आदेश आया, हमने कार्रवाई को बंद कर दिया था। पहले की कार्रवाई को लेकर मेयर ने कहा कि एमसीडी का अभियान हर वॉर्ड के भीतर चलता है। जो भी सरकारी जमीन पर अवैध तरह से कब्जा किया उसे हटाना हमारा काम है।【Photo Courtesy Google】
★ब्यूरो रिपोर्ट : स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•
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