*11 दिन का विलंब वोटर प्रतिशत के प्रकाशन में नहीं होना चाहिए, नहीं हो सकता लेकिन उससे महत्वपूर्ण, ज्यादा चिंताजनक बात जो वोटर प्रतिशत में वृद्धि हुई है, वो हैं*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*11 दिन का विलंब वोटर प्रतिशत के प्रकाशन में नहीं होना चाहिए, नहीं हो सकता लेकिन उससे महत्वपूर्ण, ज्यादा चिंताजनक बात जो वोटर प्रतिशत में वृद्धि हुई है, वो हैं*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

【मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】डॉ.अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि दोस्तों आप देख रहे हैं कि मेरे साथ एक बहुत सम्मानित इंडिया अलायंस का डेलिगेशन है। मैं अलग- अलग नाम नहीं ले रहा हूं मेरे सम्मानित मित्रों का। सभी पार्टियों से हैं। देश के हर क्षेत्र से हैं जो बड़े सम्मानित लोग हैं सार्वजनिक जीवन में। हम लोग सब इकट्ठे होकर इंडिया की तरफ से करीब-करीब एक घंटा, पौना घंटा बिताकर आए हैं। हमने मुख्य रूप से दो मुद्दे उठाए हैं।

पहला मुद्दा कि एक तो 11 दिन का विलंब वोटर प्रतिशत के प्रकाशन में नहीं होना चाहिए, नहीं हो सकता लेकिन उससे महत्वपूर्ण, ज्यादा चिंताजनक, जो वोटर प्रतिशत में वृद्धि हुई है। वो पहले दिन प्रकाशित आंकड़े और 11 दिन या 5 दिन या 7 दिन बाद प्रकाशित आंकड़ों में लगभग साढ़े पांच प्रतिशत है। एक में पांच दशमलव कुछ प्रतिशत और एक में 5.7 प्रतिशत नंबर एक हैं।

नंबर दो अगर आप इसको तुलनात्मक रूप से देखें 2019 के चुनाव से तो इन्हीं चरणों में ये आंकड़े जो बदले थे । वो लगभग दो, ढाई, एक सवा एक प्रतिशत थे। जो इस बार साढ़े पांच या 5.7 प्रतिशत हैं  यानी तुलनात्मक रूप से इतनी वृ‌द्धि हमने 2019 के चुनाव में चरणों के दौरान नहीं पाई थी।

नंबर तीन इसमें ये प्रश्न उठता है लाजमी कि अगर आप जल्द से जल्द तुरंत प्रकाशन कर दें तो अटकलें नहीं हों, संदेह नहीं हो, प्रश्नचिन्ह ना हो कि कौन सी कॉन्स्टिटुएंसी हैं, जहाँ पर ये हुआ है। कौन सी कॉन्स्टिटुएंसी हैं? सिर्फ यही कॉन्स्टिटुएंसी हैं, जहाँ पर अचानक वृद्धि हुई है । जहाँ पर सत्तारूढ़ पार्टी पहले हारी है? इन सबको बचाने के लिए इन सब प्रश्नचिन्हों को अवॉयड करने के लिए आवश्यक है कि चुनाव आयोग जल्द से जल्द ये प्रकाशन करे। ये हमारी शिकायत कई दिन पहले दी गई थी। ये थोड़ी दुर्भाग्य की बात है कि आज(10 मई) हमें समय दिया 5 बजे का और 4:00-4:15 बजे इसको अपलोड किया गया। इसका जवाब चुनाव आयोग द्वारा। हम तो इसको देखकर अवलोकन करके आगे बढ़े हैं लेकिन मैं समझता हूं कि जो हमें आंतरिक रूप से बताया चुनाव आयोग ने । उसमें बहुत संशोधन व सुधार का स्कोप है और ये विश्वसनीयता,ये विश्वास,ये समर्थन जो चुनाव आयोग की संस्था से है। उसको मेंटेन करना अति आवश्यक है।
संक्षेप में दूसरी बात और बहुत चिंताजनक है। दूसरी बात बहुत चिंताजनक है। आज सिर्फ कांग्रेस पार्टी को लीजिए आप तो माननीय मोदी जी और माननीय गृहमंत्री जी के मामले में लगभग 11 याचिकाएं कम्प्लेंट दी गई हैं। ज्यादातर सब हमने ही मैं खुद आया हूं कई बार, हमने खुद ने लिखित रूप से दी हैं और मेरे जो यहाँ सब मित्र हैं । उनकी पार्टियों ने भी दी हैं और वो अप्रैल 2024 से शुरू होती हैं। अप्रैल से आज आप आ गए हैं मई तक और चुनाव खत्म होने वाले हैं तीन हफ्ते बाद। आपने अभी तक इसके अगेंस्ट कोई एक्शन नहीं लिया। मैं सिर्फ बात कर रहा हूं माननीय प्रधानमंत्री और माननीय गृह मंत्री के बारे में। मैंने कहा है मैं दोहरा रहा हूं वो लोग ट्रायल पर बाद में होंगे । इस वक्त चुनाव आयोग ट्रायल पर होगा। एच आर खन्ना साहब ने एक बार कहा था कि 99 प्रतिशत केस तो अपने आप हो जाते हैं । वो एक प्रतिशत केस होता है जिसमें विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह उठता है और उसका हमें बहुत जरूरी जल्द जवाब चाहिए, क्योंकि ये विंडो बदलाव नहीं हो सकता, रिवर्सेबल नहीं है, ये खत्म हो जाएगा समय।【Photo : Google】

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#अभिषेक सिंधवी

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