*राहुल गांधी ने लोकसभा के सांसद के रूप में भारत के राष्ट्रपति माननीय श्रीमती द्रौपदी मुर्मूजी को लिखा खत, क्या लिखा है उस खत में?*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*राहुल गांधी ने लोकसभा के सांसद के रूप में भारत के राष्ट्रपति माननीय श्रीमती द्रौपदी मुर्मूजी को लिखा खत, क्या लिखा है उस खत में?*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई



【मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】दिनांक 31 मई को राहुल गांधी ने बतौर लोकसभा के सांसद के रूप में भारत के राष्ट्रपति माननीय श्रीमती द्रौपदी मुर्मूजी को खत लिखा है । जो वायरल हो गया है । जो कुछ इस तरह के राहुल गांधी की अपनी संवेदनशीलता को प्रस्तुत करता हैं। उस खत में लिखा है कि...

माननीय श्रीमती. द्रौपदी मुर्मू,भारत के राष्ट्रपति...प्रिय माननीय अध्यक्ष महोदया,

आशा है कि यह पत्र मिलने तक आप सकुशल होंगे। मैं भारत के सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में आपको देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले अग्निवीरों को न्याय दिलाने की अपील के साथ लिख रहा हूं। नियमित सैनिकों की तुलना में हमारे मारे गए अग्निवीरों के परिवारों को दिए जाने वाले लाभों की प्रकृति और सीमा में भेदभाव पर आपका तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।


 कुछ दिन पहले मैं पंजाब के रामगढ़ सरदारन गांव में अग्निवीर अजय कुमार (23) के परिवार से मिला। उन्होंने इस जनवरी में जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास एक बारूदी सुरंग विस्फोट में सर्वोच्च बलिदान दिया। हर भारतीय की तरह मैं भी उनकी शहादत से मर्माहत था। इतनी कम उम्र में अजय का आशाजनक जीवन दु:खद रूप से समाप्त हो गया। इसके अलावा मैं यह देखकर भी हैरान रह गया कि उनका परिवार बेहद गरीबी में जी रहा था। मैं उनकी छह बहनों और माता-पिता से मिला, जो उनके एक कमरे के घर में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं। उनके परिवार ने अजय के जीवन के बारे में कहानियाँ साझा कीं। अपने बेटे को खोने के बावजूद उन्हें देश की सेवा में उसके बलिदान पर गर्व था हालाँकि उन्होंने उनकी मृत्यु के बाद सरकार द्वारा प्रदर्शित चौंकाने वाली उदासीनता और असंवेदनशीलता का भी वर्णन किया। अजय के परिवार को नियमित सैनिकों के परिवारों को मिलने वाला कोई भी आजीवन लाभ या सामाजिक सुरक्षा नहीं मिली है। इसका मतलब है कि उन्हें पेंशन, चिकित्सा सुविधाएं, शिक्षा के लिए सहायता या रोजगार में प्राथमिकता नहीं मिलेगी। अपने देश की सेवा करने के अजय के सपने,उनकी कड़ी मेहनत और सर्वोच्च बलिदान के बावजूद उनके परिवार को उस सम्मान और मान्यता से वंचित किया जाता है। जो अन्य सैनिकों को मिलता है, केवल इसलिए क्योंकि वह एक अग्निवीर हैं। अजय के परिवार को जिस दु:खद स्थिति का सामना करना पड़ा। वह वही अन्याय है । जिसका आज हजारों अग्निवीरों को सामना करना पड़ रहा है और भविष्य में लाखों लोगों को सामना करना पड़ेगा।



अग्निपथ योजना में मूलभूत दोष का इससे स्पष्ट उदाहरण नहीं हो सकता है कि सैनिकों के "कम" कैडर का निर्माण किया जाए जिनसे कम वेतन, लाभ और संभावनाओं के साथ समान कार्यों पर काम करने की उम्मीद की जाती है। अजय जैसे गरीब परिवारों को अपने बच्चों के सर्वोच्च बलिदान के बावजूद बहुत कम राहत मिलती है। यह अन्याय-अन्याय है - यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी और हमारे भारतीय सहयोगियों ने अग्निपथ योजना का कड़ा विरोध किया है और सरकार बनने पर इसे रद्द करने का वादा किया है।.इस बीच मैं आपसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध करता हूं। मैं मानता हूं कि राष्ट्रपति आम तौर पर नीति के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है । जो निर्वाचित सरकार का क्षेत्र है हालाँकि मेरा मानना ​​है कि इस मामले की गंभीरता और आपकी अद्वितीय स्थिति दोनों को देखते हुए इस मामले में एक अपवाद की आवश्यकता है। आप भारत की सशस्त्र सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर हैं। आपने भारत के लोगों की भलाई के लिए खुद को समर्पित करने की शपथ ली है। क्या हमारे अग्निवीर शहीदों के खिलाफ यह भेदभाव हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा नहीं है? क्या यह हमारे उन युवाओं के साथ घोर अन्याय नहीं है। जो बहादुरी से अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा करते हैं? क्या अजय के माता-पिता, उसकी बहनों और उनके जैसे अन्य परिवारों की भलाई सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य नहीं है?
इन महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर केवल सकारात्मक में ही दिया जा सकता है। इसलिए मैं आपसे अपील करता हूं कि आप अपने प्रतिष्ठित कार्यालय का उपयोग अग्निवीर सैनिकों के लिए न्याय - न्याय करने के लिए करें जो अपने जीवन का बलिदान देते हैं। यह सुनिश्चित करके कि उन्हें हमारी मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले किसी भी सैनिक के समान लाभ मिले ईमानदारी से। ऐसा राहुल गांधी ने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी खत में लिखा हैं। 


इस खत के निचे सांसद राहुल गांधी की सही है और पता 10 जनपथ लिखा हुआ हैं । पूरा खत अंग्रेजी भाषा में है जिसका सुचारू रूप से यहां अनुवाद प्रस्तुत किया गया है।【Photos Courtesy Google】

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#राहुल गांधी#राष्ट्रपति#खत







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