*कर्नाटक की हार के बाद बीजेपी का पूरा फोकस राजस्थान पर, 8 लोकसभा क्षेत्रों की 45 विधानसभा सीटों पर नजर*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*कर्नाटक की हार के बाद बीजेपी का पूरा फोकस राजस्थान पर, 8 लोकसभा क्षेत्रों की 45 विधानसभा सीटों पर नजर*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

【मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】हाल के विस चुनाव में कर्नाटक की हार के बाद बीजेपी की सेंट्रल लीडरशिप का पूरा फोकस अब राजस्थान पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल के दिनों मेंअजमेर में बड़ी सभा की थी। इसी के साथ भाजपा के विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत हो गई हैं। भाजपा अजमेर की सभा में 2 लाख लोगों से अधिक की भीड़ जुटाने का दावा कर रही है।

प्रदेश संगठन की ओर से इसके लिए हर जिला । कार्यकारिणी को कार्यकर्ताओं को जनसभा तक लाने का टारगेट दिया गया था। मोदी इस सभा के जरिए 8 लोकसभा क्षेत्रों की 64 में से 45 विधानसभा सीटों को साधा था। इन 45 सीटों में से भाजपा के पास सिर्फ 20 सीटें हैं। बाकी की 25 सीटों में से 20 कांग्रेस, 2 राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) और 3 सीटें निर्दलीयों के कब्जे में हैं।

मोदी की सभा के साथ ही भाजपा देशभर में चलाए जाने वाले महाजनसंपर्क अभियान की शुरुआत भी किया गया। यह अभियान 30 जून तक चलेगा। बीजेपी पूरे एक माह तक मोदी सरकार के नौ साल की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाएगी। इसके तहत जिला स्तर से लेकर विधानसभा क्षेत्र और मंडल स्तर पर बीजेपी की सभाओं की सीरीज और जनसंपर्क का बड़ा अभियान चलेगा।

महाजनसंपर्क अभियान के जरिए बीजेपी कोशिश करेगी कि मोदी सरकार के कामों को जनता के बीच पहुंचाकर गहलोत सरकार की 'फ्री बिजली' और 'चिरंजीवी' जैसी योजनाओं से बने माहौल का असर कम किया जाए। इस अभियान को व्यापक स्तर पर चलाने के लिए बड़े नेताओं की संभाग,जिला और मंडल स्तर पर अलग-अलग जिम्मेदारी तय की जा रही है।

प्रधानमंत्री के अजमेर दौरे को लेकर की गई रही तैयारियां। यात्रा को लेकर सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस भी हाई अलर्ट पर थी । पहली बार पूरे प्रदेश से मंडल स्तर तक के पदाधिकारी पहुंचें थे मोदी की सभा में । अब तक मोदी की जहां भी सभाएं हुई हैं आसपास की सिर्फ टारगेटेड सीटों से ही पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों को बुलाया जाता था। इस बार प्रदेश की सभी 200 सीटों से बीजेपी ने अपने मंडल स्तर तक के प्रमुख कार्यकर्ताओं को अजमेर पहुंचने के लिए कहा है यानी सभी जिलों से प्रमुख कार्यकर्ता अजमेर पहुंचें थे।

प्रमुख कार्यकर्ताओं में जिलाध्यक्ष से लेकर मंडल स्तर के पदाधिकारी,जनप्रतिनिधि और सभी मोर्चों से जुड़े प्रमुख लोग शामिल होंगे। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और अजमेर संभाग प्रभारी प्रसन्न मेहता कहना था कि ऐसा पहली बार है कि हम पूरे प्रदेश से प्रमुख कार्यकर्ताओं को सभा में बुला रहे हैं। ये ऐसे कार्यकर्ता होंगे,जो जिला और मंडल स्तर पर किसी न किसी पद पर हैं। इसके पीछे मकसद यही है कि प्रधानमंत्री मोदी की बात प्रदेश के हर कोने तक पहुंच सके।

मोदी ने अजमेर ही क्यों चुना? राजस्थान के नक्शे में अजमेर बीच में आता है। अजमेर को राजस्थान का दिल भी कहा जाता है। भौगोलिक रूप से अजमेर प्रदेश के केंद्र में है। इसी वजह से मोदी ने अपनी सरकार की 9वीं वर्षगांठ पर सभा करने के लिए अजमेर को चुना था। भाजपा के वरिष्ठ नेता और अजमेर नॉर्थ के विधायक वासुदेव देवनानी का कहना था कि पीएम मोदी अपनी सरकार के नौ साल पूरे होने के अवसर पर सेवा, जनकल्याण और सुशासन के क्षेत्र में हुए कामों की अजमेर से लाॅन्चिंग करेंगे।

मोदी ने अजमेर को सबसे पहले चार सौगातें दी थी। स्मार्ट सिटी, हेरिटेज सिटी, प्रसाद योजना और अमृत योजना। अजमेर राजस्थान की राजनीति का केंद्र है और यह प्रदेश के बीचोंबीच है। यहां से मोदी की सभा का राजनीतिक मैसेज पूरे प्रदेश में जाएगा।

इधर भाजपा के रिसर्च एवं पॉलिसी विंग के प्रदेश संयोजक सुनील भार्गव कहना था कि इस सभा के जरिए राजस्थान के हर कोने से बुलाए गए भाजपा कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करके मोदी अपने चुनावी मंत्र उनको देंगे ताकि सभा के बाद अपने-अपने क्षेत्र में पहुंचकर कार्यकर्ता मोदी का संदेश लोगों तक पहुंचा सकें। इसके साथ ही अजमेर में होने वाली सभा पर पूरे देश की नजरें भी रहेंगी। इस दौरान मोदी 9 साल के कार्यकाल में किए गए काम भी गिनाएंगे। मोदी का फोकस विधानसभा चुनाव के साथ-साथ लोकसभा चुनाव पर भी है।

प्रधानमंत्री की अजमेर में होने वाली सभा को लेकर व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए। स्थानीय पुलिस के अलावा केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां सुरक्षा को लेकर अलर्ट थी। खास फोकस 8 लोकसभा क्षेत्रों पर,यहीं से ज्यादा भीड़ जुटाई थी बीजेपी ने। सभा में भीड़ लाने के लिए बीजेपी खासकर अजमेर के आसपास की 8 लोकसभा सीटों को फोकस कर रही है।अजमेर,नागौर,जयपुर शहर,जयपुर ग्रामीण,पाली,भीलवाड़ा,राजसमंद और टोंक लोकसभा क्षेत्र से भीड़ जुटाने की तैयारियां चल रही हैं। इन आठ लोकसभा क्षेत्रों में 64 विधानसभा क्षेत्र आते हैं लेकिन अजमेर से सीधी कनेक्टिविटी के हिसाब से 45 सीटों से भीड़ जुटाने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इन सीटों से बीजेपी के सभी विभाग, प्रकोष्ठ और मोर्चों के सभी पदाधिकारियों के साथ बूथ स्तर के सभी पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।

अब जानिए, किस लोकसभा सीट की किस-किस विधानसभा सीट पर बीजेपी का फोकस हैं?

जयपुर ग्रामीण : मोदी की सभा के लिए जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट की आठ सीटों में से तीन विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने फोकस किया है। इनमें से सिर्फ एक सीट भाजपा के पास है। बाकी की दो सीटों पर एक कांग्रेस और एक पर निर्दलीय विधायक हैं। सीटों की बात करें तो फुलेरा– भाजपा, दूदू- निर्दलीय (कांग्रेस को समर्थन), झोटवाड़ा– कांग्रेस के पास है।

जयपुर शहर : सभी आठ विधानसभा सीटों पर फोकस किया गया है। आठ में से भाजपा के पास सिर्फ तीन सीटें हैं। बाकी पांच सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। बगरू– कांग्रेस, विद्याधर नगर– भाजपा, सिविल लाइंस– कांग्रेस, किशनपोल– कांग्रेस, आदर्शनगर– कांग्रेस, मालवीय नगर– भाजपा, हवामहल– कांग्रेस, सांगानेर सीट भाजपा के पास है।

टोंक– सवाईमाधोपुर : टोंक-सवाईमाधोपुर लोकसभा सीट की आठ में से चार विधानसभा सीटों पर मोदी की सभा में भीड़ जुटाई जाएगी। इन चार सीटों में से सिर्फ एक विधानसभा सीट भाजपा के पास है। बाकी की तीन सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। मालपुरा– भाजपा, निवाई, टोंक और देवली-उनियारा सीट कांग्रेस के पास है।कर्नाटक में हार के बाद बीजेपी की सेंट्रल लीडरशिप का पूरा फोकस अब राजस्थान पर है।

अजमेर :अजमेर लोकसभा क्षेत्र की आठ में से सात विधानसभा क्षेत्रों से मोदी की सभा में भीड़ जुटाई जाएगी। इन सात विधानसभा क्षेत्रों में से पिछली बार भाजपा ने 4 सीटें जीती थीं। बाकी की तीन सीटों में से दो कांग्रेस और एक सीट निर्दलीय के कब्जे में है। किशनगढ़– निर्दलीय, अजमेर उत्तर– भाजपा, अजमेर दक्षिण– भाजपा, पुष्कर– भाजपा, नसीराबाद– भाजपा, मसूदा– कांग्रेस और केकड़ी सीट कांग्रेस के पास है।

राजसमंद :राजसमंद लोकसभा क्षेत्र की आठ में से पांच सीटों को फोकस किया गया है। इनमें से पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सिर्फ दो सीट जीती थी। बाकी की तीन सीटों में से दो कांग्रेस और एक आरएलपी के पास है। ब्यावर– भाजपा, भीम– कांग्रेस, मेड़ता– आरएलपी, डेगाना– कांग्रेस और जैतारण भाजपा के पास है।

नागौर :नागौर लोकसभा क्षेत्र की सभी आठ सीटों से मोदी की सभा में भीड़ जुटाई जाएगी। इन आठ में से पिछले चुनाव में भाजपा ने सिर्फ 2 सीटें जीती थीं। बाकी छह सीटों में से 5 कांग्रेस और एक सीट आरएलपी के पास है। जायल– कांग्रेस, नागौर– भाजपा, खींवसर– आरएलपी, डीडवाना– कांग्रेस, मकराना– भाजपा, परबतसर– कांग्रेस, नावां– कांग्रेस, लाडनूं– कांग्रेस के पास है।

पाली :पाली लोकसभा क्षेत्र की आठ में से तीन सीटों को बीजेपी ने मोदी की सभा के लिए फोकस किया है। इनमें से पिछली बार 2 सीटें बीजेपी ने जीती थी, जबकि एक सीट पर निर्दलीय का कब्जा है। पाली– भाजपा, मारवाड़ जंक्शन– निर्दलीय (कांग्रेस को समर्थन) और सोजत– भाजपा के पास है।

भीलवाड़ा : भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में से 7 सीटों से भाजपा मोदी की सभा में भीड़ जुटाएगी। पिछली बार इन सात में से 5 सीटें भाजपा ने जीती थी, जबकि दो सीटें कांग्रेस के कब्जे में हैं। मांडल– कांग्रेस, सहाड़ा– कांग्रेस, भीलवाड़ा– भाजपा, शाहपुरा– भाजपा, जहाजपुर– भाजपा, मांडलगढ़– भाजपा, आसींद– भाजपा के पास है।

सभा के लिए 4 लाख वर्गमीटर में बनाए तीन डोम, 76 ब्लॉक में एक लाख कुर्सियां लगाई गई थी। मोदी की सभा में आने वाली भीड़ की व्यवस्था के लिए अजमेर की कायड़ विश्राम स्थली पर 4 लाख वर्गमीटर से ज्यादा जमीन को घेरकर तीन डोम बनाए गए थे। इनको 76 ब्लॉक में बांटा गया था । जहां करीब एक लाख कुर्सियां लगाई गई थी। आगे के वीआईपी ब्लॉक के साथ महिलाओं के लिए अलग ब्लॉक बनाए गए थे।

विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर में 20 मिनट दर्शन और पूजा का कार्यक्रम रखा गया था। पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर से दिया हिंदुत्व का संदेश । सभा से पहले मोदी पुष्कर गए। यहां उनका विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर में 20 मिनट दर्शन और पूजा का कार्यक्रम रखा गया था। ऐसा पहली बार है कि वे प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार ब्रह्मा मंदिर गए थे। यहां से वे देशभर में बीजेपी के मूल एजेंडे हिंदुत्व का संदेश देने की कोशिश की गई थी। पुष्कर के पुरोहित समाज की ओर से उनके सम्मान का कार्यक्रम भी प्रस्तावित था।

8 माह में 6वीं बार राजस्थान आ गए मोदी । आठ माह में मोदी का राजस्थान में यह छठा दौरा था। इसी माह 10 तारीख को उन्होंने सिरोही के आबूरोड में सभा की थी। इस सभा के जरिए मोदी ने दक्षिणी राजस्थान के सिरोही, जालोर और पाली सहित आसपास के जिलों की 26 सीटों को साधा था। दक्षिण राजस्थान का यह इलाका भाजपा के लिए मजबूत माना जाता है। यहां की 26 में से पिछली बार भाजपा ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके पहले 12 फरवरी को मोदी ने पूर्वी राजस्थान के आठ जिलों दौसा,करौली, भरतपुर, टोंक, जयपुर, अलवर, सवाई माधोपुर,धौलपुर की 58 विधानसभा सीटों को साधने के लिए गुर्जर-मीणा बहुल दौसा में सभा की थी। पूर्वी राजस्थान भाजपा की कमजोर कड़ी माना जाता है। यहां पिछले चुनाव में 58 में से उसे मात्र 11 सीटों पर ही जीत मिल सकी थी।

4 महीने पहले भीलवाड़ा के आसींद में हुई थी सभा ।
28 जनवरी को मोदी ने भीलवाड़ा के आसींद में सभा की थी। यहां से उन्होंने गुर्जर समाज को साधने के लिए मालासेरी में स्थित देवनारायण भगवान के मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। पिछले साल 1 नवंबर को मोदी ने बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में सभा करके आसपास की 19 सीटों को साधा था। इससे पहले 30 नवंबर को मोदी सिरोही के आबूरोड आए थे। उस समय प्रदेश बीजेपी में चरम पर चल रही खींचतान को दूर करने के लिए उन्होंने सभी नेताओं को एक साथ मंच पर खड़ा करके एकजुटता का संदेश दिया था। मोदी के अब तक हुए दौरों पर गौर किया जाए तो वे लगभग 100 विधानसभा सीटों को कवर कर चुके हैं। मोदी के सभी दौरे जाति-समाजों को साधने के मकसद से ही हुए हैं। उनका फोकस आदिवासी,ओबीसी, गुर्जर-मीणा और एससी समुदाय रहा है। अब अजमेर में हुई सभा में जिन 45 सीटों से बीजेपी भीड़ जुटाने की तैयारी कर रही है, उनमें भी ज्यादातर सीटें ओबीसी और एससी बहुल सीटें हैं। आठ माह में मोदी का राजस्थान में यह छठा दौरा होगा। इसी माह 10 तारीख को उन्होंने सिरोही के आबूरोड में सभा की थी। साल 2018 में वसुंधरा की गौरव यात्रा के समापन पर अजमेर आए थे मोदी । पिछले चुनाव में भी मोदी ने चुनाव अभियान का आगाज अजमेर से ही किया था। वे तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की प्रदेशभर में निकाली गई गौरव यात्रा के समापन पर अजमेर आए थे। यहीं से उन्होंने प्रदेश में चुनावी शंखनाद किया था। इस बार भी उनकी सभा को राजस्थान में बीजेपी का चुनावी बिगुल बताया जा रहा है।【Photo Courtesy Google】

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#मोदी#राजस्थान#बीजेपी

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