*मुंंबई में पिछले 10 वर्षों में 2013 से 22 तक पंजीकृत बलात्कार के मामलों में 130% (391 से 901) और छेड़छाड़ के मामलों में 105% (1,137 से 2,329) की वृद्धि*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*मुंंबई में पिछले 10 वर्षों में 2013 से 22 तक पंजीकृत बलात्कार के मामलों में 130% (391 से 901) और छेड़छाड़ के मामलों में 105% (1,137 से 2,329) की वृद्धि*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

【मुंबई /रिपोर्ट स्पर्श देसाई】: प्रजा फाउंडेशन ने मुंबई में पुलिसिंग और कानून व्यवस्था की स्थिति, 2023 पर अपनी रिपोर्ट जारी कीहैं।  जिसमें संबंधित रुझानों पर प्रकाश डाला गया हैं । जो पुलिसिंग और कानून व्यवस्था प्रणाली के तत्काल ध्यान और सुधारों की आवश्यकता का संकेत देता है। रिपोर्ट में बढ़ते पुलिस सुधारों,अपराध की घटनाओं, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (पॉक्सो), साइबर अपराध, फोरेंसिक विभाग और पुलिस कर्मियों से संबंधित मुद्दों को शामिल किया गया है। वैश्विक शहर मुंबई में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के महत्व को अनदेखा नहीं किया जा सकता। जहां विश्व स्तरीय सुविधाओं की आकांक्षाएं के साथ-साथ शहरी जीवन की जितलायें हैं। सुरक्षा की इस खोज में बड़े और छोटे दोनों खतरे शामिल हैं, जहां अपराधों के पंजीकरण, समय पर जांच और न्याय के प्रशासन में दक्षता की आवश्यकता है। दौरान प्रजा फाउंडेशन के सी.ई.ओ मिलिंद म्हस्के ने कहा कि कानून और व्यवस्था के रखरखाव में दक्षता लाने के लिए भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 2006 में 'प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ मामले' के फैसले में सात पुलिस सुधारों के लिए निर्देश जारी किया था।

सुधारों में एक पुलिस के विभिन्न कार्यों को अलग करना था। महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक संजीव दयाल ने 24 मई 2015 को 'सत्र अदालत के तहत सुनवाई योग्य मामलों में जांच को कानून और व्यवस्था से अलग करना' शीर्षक से एक स्थायी आदेश पारित किया था। हालांकि मुंबई पुलिस के पांच क्षेत्रीय कार्यालयों में से तीन ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (आर.टी.आई) आवेदन पर प्राप्त प्रतिक्रिया के अनुसार अलग-अलग जांच इकाइयों पर उनके रिकॉर्ड में डेटा उपलब्ध नहीं है । पुलिस शिकायत प्राधिकरण (पी.सी.ए) की स्थापना पुलिस प्रणाली में नागरिकों के विश्वास को सुनिश्चित करने के लिए एक और सुधार था। हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने 25 मई 2015 को अधिसूचित राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण (एस.पी.सी.ए) का गठन किया, मुंबई शहर के कोंकण प्रभागीय प्रशासन पी.सी.ए पर हमारे आर.टी.आई आवेदन पर कोई जानकारी प्राप्त नहीं दी गयी। मुंबई का वर्तमान परिदृश्य, पंजीकृत आपराधिक गतिविधियों की बढ़ती घटनाओं के साथ चुनौतियों की एक श्रृंखला प्रस्तुत करता है । जो हमारे तत्काल ध्यान की मांग करता है। पिछले 10 वर्षों में यानी 2013 से 2022 तक, बलात्कार के पंजीकृत मामलों में 130% (391 से 901) और छेड़छाड़ के मामलों में 105% (1,137 से 2,329) की वृद्धि हुई है। इसके अलावा मुंबई में दर्ज बलात्कार के कुल मामलों में से 63% (615) मामले नाबालिग लड़कियों के खिलाफ हैं।

प्रजा फाउंडेशन के रिसर्च एंड एनालिसिस के प्रमुख योगेश मिश्रा ने कहा कि मुंबई पुलिस की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार ये मामले यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम 2012 (पॉक्सो) के तहत दर्ज किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, मुंबई पुलिस में (जुलाई 2023 तक) 30% पुलिस कर्मियों की कमी है। और भी, अपराध की जांच में लगे अधिकारियों (पुलिस निरीक्षक, सहायक पुलिस निरीक्षक और पुलिस उप-निरीक्षक) में 22% कमी देखी गई है। यह कमी दर्ज किए गए अपराधों की समय पर जांच को प्रभावित करती है। वर्ष 2022 के अंत में पंजीकृत पॉक्सो मामलों में से 73% लंबित थे । म्हस्के ने आगे ये भी जोड़ा कि 2022 में अन्य पंजीकृत आपराधिक मामलों की लंबित जांच की स्थिति उपलब्ध नहीं है क्योंकि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की भारत में अपराध - 2022 रिपोर्ट अभी तक प्रकाशित नहीं हुई है ।

मिश्रा ने आगे कहा कि दुनिया भर में साइबर अपराध बढ़ रहा है और मुंबई भी इसका अपवाद नहीं है। मुंबई में पंजीकृत साइबर अपराध मामलों में 2018 (1,375) से 2022 (4,723) तक 243% की वृद्धि हुई। साइबर अपराध के सबसे अधिक मामले "क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी" के रूप में दर्ज किए गए हैं । जो 2018 में 461 से 657% बढ़कर 2022 में 3,490 हो गए हैं हालांकि इस मुद्दे पर रोक लगाने के लिए मुंबई पुलिस द्वारा शमन कदम उठाए गए हैं । जैसे कि पुलिस स्टेशनों में साइबर सेल का गठन, 2022 में पहचान अनुपात केवल 8% था। यह अनुपात साइबर अपराध के मामलों की तीव्र जांच के लिए पुलिस अधिकारियों के तकनीकी कौशल की क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है ।

म्हास्के ने समापन करते हुए कहा कि मुंबई पुलिस में जनता के विश्वास को मजबूत करने के साथ-साथ पुलिसिंग और कानून व्यवस्था को अधिक कुशल बनाने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पुलिस सुधारों को लागू करना महत्वपूर्ण है। पुलिस कर्मियों में रिक्ति पदों के अंतराल को भरने और तकनीकी प्रगति का उपयोग करने की उनकी क्षमता का निर्माण करने से बढ़ती आपराधिक घटनाओं की समय पर जांच और न्याय देने की दक्षता में सुधार होगा।

साल 2022 मेंकुल बलात्कार के मामलों में 63% पीड़ित नाबालिग लड़कियां हैं और पॉक्सो अधिनियम के तहत पंजीकृत किया गया हैं। साल 2022 के अंत में, पॉक्सो के 73% मामले जांच के लिए लंबित हैं। पुलिस कर्मियों के रिक्ति पदों में 2018 में 22% से बढ़कर 2023 में 30% हो गई है। जुलाई 2023 तक जांच में शामिल अधिकारी पदनामों की 22% कमी है। वर्ष 2022 के अंत में फोरेंसिक जांच के 44% मामले लंबित थे और मार्च 2023 तक फोरेंसिक विभाग में 39% कर्मचारियों की कमी है।
साइबर अपराध के मामले 2018 में 1,375 से 243% बढ़कर 2022 में 4,723 हो गए। इसी अवधि में क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी के मामलों में 657% (461 से 3,490) की वृद्धि हुई। साल2022 में पंजीकृत साइबर अपराध के मामलों की पहचान दर केवल 8% है।

प्रजा के बारे मेःप्रजा फाउंडेशन हमारी सरकार को जवाबदेह बनाने के लिए पिछले दो दशकों से काम कर रही है। नागरिक मुद्दों पर आँकड़ों का अध्ययन करके और नागरिकों, मीडिया और सरकार और प्रशासनिक निकायों को इसकी जानकारी प्रसारित करके, प्रजा जनप्रतिनिधियों के साथ भी काम करती हैं। यह जन-प्रतिनिधियों को उनके कार्य में त्रुटियों को सुधारने में सहायता करने, सूचना की पूर्णता को बढ़ाने और स्थिति में सुधार के लिए उचित उपाय करने के लिए प्रेरित करने के रूप में है। प्रजा का उद्देश्य लोगों के जीवन को सरल बनाना,नागरिकों को अधिकार देना और सरकार को सही स्थिति बताना और साथ ही भारत के नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार करना है। प्रजा लोगों की भागीदारी के माध्यम से एक जवाबदेह और कुशल समाज के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं।【Photo Courtney Google】

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#अपराध#मुंंबई#प्रजा

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