भारत में लागू हुआ सीटीजन अमेंडमेंट एक्ट यानि सीएए, जानिए उस कानून के बारे में*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*भारत में लागू हुआ सीटीजन अमेंडमेंट एक्ट यानि सीएए, जानिए उस कानून के बारे में*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】CAA मतलब कि सीटीजन अमेंडमेंट एक्ट 1955 भारतीय स्थानीय नागरिकों के साथ विवाह,तलाक,संबंधों की नामांकन, संबंधों के निराकरण और अदालती न्याय प्राप्त करने के लिए नागरिकता का प्राप्त करने से संबंधित विवादों और संबंधों से सम्बंधित विवादों को हल करने के लिए भारत की विधायिका का महत्वपूर्ण कानून है। इस अधिनियम ने सम्बंधों की वैधता और विवादों के समाधान के लिए प्रक्रियाएं निर्धारित की हैं। सिवाय इसके, यह अधिनियम नागरिकता के मामले में स्थानीय कानूनों की सरकारी स्वीकृति के आधार पर प्रमाणित और स्थापित करता है। इसका कार्यान्वयन भारत भर में हो सकता है। सीटीजन अमेंडमेंट एक्ट1955 को भारतीय संविधान में संशोधन करने के लिए पारित किया गया था। इस एक्ट के माध्यम से संविधान में विभिन्न प्रावधानों और धाराओं को संशोधित किया जा सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य संविधान को समय-समय पर समीक्षित और सुधारित करना है ताकि वह समय के साथ अनुकूल हो सके। यह एक अहम कदम है। जो संविधानिक सुधार को समर्थन देता है और देश की संवैधानिक संरचना को मजबूत और सुदृढ़ बनाए रखने में मदद करता है।
CAA मतलब कि सीटीजन अमेंडमेंट एक्ट के फायदे और गैर फायदे बताएं तो CAA, यानी सिटिजनशिप एमेंडमेंट एक्ट साल 2019 भारतीय नागरिकता का कानून में परिवर्तन लाने का प्रयास है। यह अधिनियम धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों जैसे हिन्दुओं,सिखों,जैनों,बौद्धों,पारसी और आज़ादी के समय ईरानी शरणार्थी का देश में नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है। इसके फायदे में इसे धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों को सुरक्षित रहने के अधिकार का संरक्षण प्रदान करने के रूप में देखा जा सकता है। इसके विरुद्ध यह आरोप किया जाता है कि यह एक असमानता की भावना को बढ़ावा देने का प्रयास है और विशेष धार्मिक समुदायों के साथ भारत में लाने का काम करता है। CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून का मुख्य उद्देश्य भारत में धर्म अनुसारिता पर आधारित नागरिकता प्राप्ति की प्रक्रिया को स्पष्टीकरण करना है। इसके फायदे में एक प्रमुख बात यह है कि इसके द्वारा भारत में धर्म अनुसारिता वाले कुछ लोगों को नागरिकता प्राप्ति की सुविधा देने से संबंधित संक्रमित व्यक्तियों को भारत सरकार द्वारा संरक्षण देने की क्षमता मिलती है। इसके साथ ही CAA के पास कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं। इसके कुछ विरोधक समझते हैं कि यह कानून भारत के संविधान में समानता और धर्म निषेध के मूल मूल्यों के खिलाफ है। उन्हें लगता है कि CAA अधर्म का प्रेरक हैं। CAA भारत में लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश के 14 ज़िलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है । उसमें लखनऊ, बरेली, मेरठ, कानपुर,मुज़फ़्फ़रनगर, सहारनपुर,
शामली,प्रयागराज,मुरादाबाद,रामपुर,बिजनौर,गाजियाबाद,गाजीपुर और वाराणसी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है । इन सभी इलाकों में नाइट पेट्रोलिंग और पैदल गश्त बढ़ाने के लिए आदेश भी दिए गए हैं । दिल्ली के सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा को और बढ़ा दिया गया है । दिल्ली में सुरक्षाबलों को फ्लैग मार्च का आदेश दे दिया गया है । दिल्ली पुलिस भी अलर्ट पर है। CAA लागू होने के बाद राजधानी दिल्ली पुलिस अलर्ट पर आ गई है। दिल्ली पुलिस की साइबर विंग भी अलर्ट पर आ गई है । CAA लागू होने के बाद अयोध्या रेंज भी अलर्ट मोड पर है। अयोध्या इलाकों के पांच जिलों में सतर्कता और भी ज्यादा बढ़ा दी गयी है। दौरान सोशल मीडिया पर भी रखी जा रही हैं पैनी नजर देश भर की कई सुरक्षा एजेंसी भी सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म पर नजर बनाये हुए है । CAA लागू होने के बाद इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि कोई भी किसी भी तरह की गलत जानकारी न फैलाएं या फिर झूठी और भ्रामक पोस्ट को शेयर न करें । इसके मद्देनजर दिल्ली एनसीआर के साथ देश भर की इंटेलिजेंस विंग और पुलिस सभी अलर्ट पर हैं। झूठी अफवाहों को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मी सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर बनाएं हुए हैं ।क्या हैं नागरिकता संशोधन अधिनियम के प्रमुख प्रावधान?वह जान ले, नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत बांग्लादेश,अफगानिस्तान और पाकिस्तान से भारत आए (31 दिसंबर 2014 से पहले) 6 धार्मिक (प्रताड़ित) अल्पसंख्यकों जिसमें हिंदू-बौद्ध-सिख-जैन-पारसी-ईसाई को भारतीय नागरिकता मिलेगी। यह संविधान की छठी अनुसूची में शामिल असम,मेघालय,मिज़ोरम व त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों और बंगाल ईस्टन फ्रंटियर रेगुलेशन-1873 के तहत 'इनर लाइन' में आने वाले क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा।【Photos Courtesy Google】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#CAA#
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