*इतिहास में जिसे डार्क क्रूजेड कहते वो क्या घर्म यूद्ध था या फिर कुछ और?*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*इतिहास में जिसे डार्क क्रूजेड कहते वो क्या घर्म यूद्ध था या फिर कुछ और?*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】डार्क क्रूजेड एक महत्वपूर्ण सामरिक अभियान था । जो सन 1096 से सन 1099 के बीच हुआ और इसे क्रूसेड्स की श्रृंखला में एक प्रमुख घटना माना जाता है। इसे धार्मिक,राजनीतिक और आर्थिक कारणों से प्रेरित होकर किया गया था। जिसमें ईसाईयों द्वारा पवित्र भूमि विशेषकर यरुशलम पर नियंत्रण पाने का प्रयास शामिल था। यहाँ इस अभियान की कुछ मुख्य विशेषताएँ और घटनाएँ दी गई हैं:
• ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
-सामाजिक और धार्मिक तनाव: 11वीं सदी में ईसाई और मुसलमानों के बीच तनाव बढ़ रहा था। पवित्र स्थलों जैसे यरुशलम पर मुसलमानों का कब्जा था। जिससे ईसाई समुदाय में असंतोष फैल गया था।
-पोपUUrban II की भूमिका: सन 1095 में पोप उर्बन II ने क्लेरमॉन्ट की परिषद में एक भाषण दिया था। जिसमें उन्होंने ईसाइयों को पवित्र भूमि की पुनः प्रप्ति के लिए युद्ध के लिए प्रेरित किया था।
•अभियान का आरंभ:
-संगठन: अभियान का नेतृत्व कई प्रमुख नेताओं जैसे गॉडफ्रे ऑफ बुलेन,बोहेमंड ऑफ तलिस और रेमंड IV ऑफ टूलूज़ ने किया था।
-मार्च और यात्रा: हजारों ईसाई सैनिकों ने पश्चिमी यूरोप से पूर्व की ओर यात्रा शुरू की थी। इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई संघर्षों का सामना किया था। जिनमें से कुछ मुसलमानों के साथ और कुछ अन्य यूरोपीय तत्वों के साथ थे।
•मुख्य घटनाएँ:
-निसा का पतन: पहले बड़े संघर्ष में ईसाई सेनाओं ने निसा (आज का तुर्की) को घेर लिया और उसे जीत लिया था।
-यरुशलम की बुजुर्गी (1099): ईसाई सेनाओं ने सन 1099 में यरुशलम पर आक्रमण किया था। यह आक्रमण काफी रक्तरंजित था और कई मुसलमानों और यहूदियों की हत्या की गई थी।
-यरुशलम की सामरिक स्थापना: जीत के बाद यरुशलम में ईसाई राज्य की स्थापना की गई थी। जिसे क्रूसेडर राज्य कहा गया। इसे ईसाई धर्म के अधिकारों और प्रभाव को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण विजय माना गया था।
•परिणाम:
-धार्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव: डार्क क्रूजेड ने ईसाई और मुसलमान दोनों में गहरे धार्मिक मतभेद उत्पन्न किए थे। इसने मध्यकालीन यूरोप में धर्म के प्रभाव को भी बढ़ाया था।
-आर्थिक और राजनीतिक बदलाव: इस अभियान ने व्यापार और राजनीतिक तंत्र को भी प्रभावित किया था। जिससे मध्य पूर्व और यूरोप के बीच सांस्कृतिक और व्यापारिक विनिमय बढ़ा था। डार्क क्रूजेड का महत्व आज भी इतिहास में महसूस किया जाता है। और यह कई शैक्षिक अध्ययन और शोध का विषय बना हुआ है। इसके परिणामस्वरूप यह मध्यकालीन इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।
इस डार्क क्रूजेड के लिए विकिपीडिया कहता है कि ईसा पश्चात सन 1095 में पोप अर्बन द्वितीय ने यरूशलेम के निकट सभी पवित्र ईसाई स्थलों पर पुनः कब्ज़ा करने के लिए एक अभियान की घोषणा की। पवित्र भूमि पर कब्जे के लिए प्रथम धर्मयुद्ध के बाद से लगभग 200 वर्षों से संघर्ष चल रहा था। सन 1291 में एकर का ईसाई किला गिर गया और संघर्ष समाप्त हो गया। यह ईसाइयों की हार थी । इसके बाद यूरोप से एक भी धर्मयुद्ध पवित्र भूमि पर नहीं लौटा। रशीदुन और उमय्यद खलीफाओं के नेतृत्व में मुस्लिम आक्रमणों के सामने बीजान्टिन साम्राज्य लंबे समय तक जीवित नहीं रह सका और उसने अपना अधिकांश क्षेत्र खो दिया। इन युद्धों को अरब - बाइज़ेंटाइन युद्ध और बीजान्टिन - सेल्जुक युद्ध के नाम से जाना जाता है। इन युद्धों के परिणाम स्वरूप अनातोलिया का विशाल उपजाऊ क्षेत्र मुस्लिम साम्राज्य के हाथ में आ गया। 1071 में मंज़िकर्ट की लड़ाई में सेल्जुक तुर्कों की हार के बाद पोप अर्बन II के नेतृत्व में सभी ईसाई चर्च एकजुट हो गए थे।【Photos by Google】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•# डार्क क्रूजेड#यहुदी#अरब#
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