*कौन सा देश मरने के लिए सबसे बेहतर? सूची जारी- टॉप पर ब्रिटेन,पैराग्वे अंतिम,भारत 59वें नंबर पर*/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*कौन सा देश मरने के लिए सबसे बेहतर? सूची जारी- टॉप पर ब्रिटेन,पैराग्वे अंतिम,भारत 59वें नंबर पर*/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】दुनिया में केवल जीवन की क्वालिटी नहीं बल्कि मृत्यु की क्वालिटी भी मायने रखती है । हम सभी ये आशा करते हैं कि एक अच्छी जिंदगी जीने के बाद हमारी सांसें भी सुकून से ही थमें लेकिन जहां हाई इनकम देशों में रह रहे लोगों के लिए ये सच्चाई होती है,वहीं लो इनकम देशों के लोगों के लिए ये महज एक सपना रह जाता है । ऐसा क्यों होता है,इसका जवाब वैज्ञानिकों ने हाल ही में क्वालिटी ऑफ डेथ एंड डायिंग इंडेक्स 2021 के जरिए दिया है । इस स्टडी को अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने किया है । इसमें दुनिया भर के 81 देशों को जिंदगी के आखिरी वक्त में दी जा रही देखभाल के आधार पर A, B, C, D, E, F ग्रेड दिए गए हैं । रिपोर्ट में जहां केवल 6 देशों ने A ग्रेड कमाया है,वहीं 21 देशों को F ग्रेड मिला है. इस इंडेक्स में यूनाइटेड किंगडम पहले स्थान पर है । इसके अलावा आयरलैंड,ताइवान,कोस्टा रिका,दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को भी A ग्रेड मिला है । रिपोर्ट के मुताबिक, इन देशों में रह रहे लोगों को उनके अंतिम दिनों में अच्छी शारीरिक और मानसिक देखभाल मिलती है ।
81वें स्थान पर पैराग्वे को रखा गया है यानी यहां के लोग अपनी अंतिम सांसें सुकून में नहीं ले पाते हैं । बांग्लादेश, लेबनान, हैती, ब्राजील, सेनेगल,पुर्तगाल,दक्षिणअफ्रीका, आर्मेनिया,अर्जेंटीना,नेपाल,सूडान, मलेशिया, इथियोपिया और इराक जैसे देशों को भी F ग्रेड की लिस्ट में रखा गया है. इस इंडेक्स में भारत D ग्रेड के साथ 59वें स्थान पर है । भारत के अलावा,चीन,रूस,ग्रीस, इंडोनेशिया,चिली,जॉर्जिया,वियतनाम और मेक्सिको को भी D ग्रेड मिला है. हैरानी वाली बात यह है कि अमेरिका को C ग्रेड के साथ 43वें पायदान पर जगह दी गई है । अमेरिका के साथ कोलम्बिया,म्यांमार,मेक्सिको, थायलैंड,मिस्र,घाना,इजराइल,यूगांडा,डेन्मार्क और नाइजीरिया जैसे देश भी C ग्रेड में शामिल हैं ।
रिसर्च से जुड़े शोधकर्ता स्टीफन कॉनर कहते हैं कि अच्छे ग्रेड्स में हाई इनकम देशों का शामिल होना कोई संयोग नहीं हैं. यहां की सरकारें बाकी देशों के मुकाबले नागरिकों के स्वास्थ्य पर ज्यादा खर्च करती हैं । जिन देशों के ग्रेड अच्छे नहीं हैं, वहां की सरकारों को नागरिकों के स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है । यहां हाई इनकम देशों की तुलना में एक तिहाई से भी कम स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं । कॉनर और उनके साथी शोधकर्ता एरिक फिंकेलस्टीन कहते हैं कि भले ही इस रिसर्च में अधिकतर A ग्रेड वाले देशों की अर्थव्यवस्था मजबूत है लेकिन हमेशा पैसा ही सब कुछ नहीं होता । उन्होंने अमेरिका का उदाहरण देकर कहा कि कई बार पैसा होने के बाद भी जीवन के अंतिम दिनों में बेहतर देखभाल मिलने की गारंटी नहीं होती । फिंकेलस्टीन कहते हैं कि आप जिस समाज में रहते हैं, वहां आखिरी वक्त में कैसी देखभाल की जाती है,ये भी मायने रखता है । उनके अनुसार, विकसित और विकासशील दोनों ही प्रकार के देशों में ये स्थिति अच्छी नहीं है । लोग अपना अधिकांश पैसा जीवन जीने में ही खर्च कर देते हैं इसलिए जीवन के आखिरी पल अपनी चुनी जगह और इलाज के अभावों में बिताना उनकी मजबूरी बन जाती है ।【Photo Courtesy Google】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#मौत
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