*प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता सिंधुताई सपकाल जो "हजारों अनाथों की माँ" की मां थी,उनके निधन के बाद पुणे में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता सिंधुताई सपकाल जो "हजारों अनाथों की माँ" की मां थी,उनके निधन के बाद पुणे में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

【मुंंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】सिंधु ताई सपकाल जिनकी उम्र 74 थी,जिनकी सर्जरी हुई थी और एक महीने से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती थी उन्होंने मंगलवार 4 जनवरी रात गैलेक्सी अस्पताल में कार्डियक अरेस्ट के बाद अंतिम सांस ली थी। पिछले नवंबर में पद्मश्री से सम्मानित,वह अपनी एकमात्र जैविक बेटी ममता के अलावा 1,500 से अधिक अनाथों को छोड़ गई है जिन्हें उन्होंने गोद लिया था और जो उन्हें अपनी माई के रूप में प्यार करते थे। 

उन्को 5 जनवरी बुधवार सुबह राष्ट्रीय तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर को शहर के बाहरी इलाके में हडपसर के पास मंजरी गांव ले जाया गया था । जहां उनके कई पालक बच्चों सहित लोगों ने बाल सदन में अंतिम श्रद्धांजलि दी थी। उनके सैकड़ों प्यारे बच्चे -अब भारत और दुनिया में अन्य जगहों पर विभिन्न व्यवसायों में लग गए हैं । अपनी "माँ" की अंतिम झलक के लिए नम आँखों से आए और उन्हें अपने अनाथ में एक उद्देश्य देने के लिए उनका मौन आभार व्यक्त किया था। बाद में एक पुलिस दल के साथ एक गंभीर जुलूस में शव को ले जाया गया था और बंदूक की सलामी दी गई थी । भारतीय ध्वज को औपचारिक रूप से उतार दिया गया था और उसे थोसरपगा श्मशान में उनका अंतिम संस्कार किया गया था । ऐसा एक दु:खी पारिवारिक मित्र ने बताया था। जैसे ही उसके शरीर को श्मशान में लाया गया गया तो "माई अमर रहे", "सिंधुताई जिंदाबाद" के नारे हवा में गुंजे गए और कई रोकर टूट गए।

 सिंधुताई सपकाली को राष्ट्रीय और राज्य के नेताओं और आम लोगों ने शोक व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी थी।
 डॉ सिंधुताई सपकाल का जीवन साहस, समर्पण और सेवा की एक प्रेरक गाथा थी। वह अनाथों,आदिवासियों और हांशिए के लोगों से प्यार करती थीं और उनकी सेवा करती थीं। साल 2021 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।उन्होंने अविश्वसनीय धैर्य के साथ अपनी कहानी खुद लिखी थी । ऐसा महामहिम राष्ट्रपति  रामनाथ कोविंद ने एक संदेश में कहा था।

 प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह सिंधुताई सपकाल के निधन से दु:खी हैं । जिन्हें समाज के लिए उनकी महान सेवाओं के लिए याद किया जाएगा। पीएम ने आगे कहा था कि उनके प्रयासों के कारण, कई बच्चे जीवन की बेहतर गुणवत्ता जी सके। उन्होंने हाशिए के समुदायों के बीच भी बहुत काम किया।

 महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि हजारों अनाथों की मां के निधन के साथ कई अब फिर से अनाथ हो जाएंगे। मैं सिंधुताई सपकाल के निधन से बहुत दु:खी हूं। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि उनके सभी बच्चों को इस परीक्षा को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ऐसा  उन्होंने एक संदेश में कहा था।

 मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह उन हजारों अनाथों के लिए एक गॉडमदर की तरह हैं जिन पर उन्होंने वर्षों तक एक माँ के प्यार और स्नेह की वर्षा की थी। उनके असामयिक निधन से हमने एक प्रेरक व्यक्तित्व खो दिया है । जिन्होंने नि:स्वार्थ भाव से निराश्रित बच्चों को विशेषकर लड़कियों का समर्थन किया और उन्हें जीवन में आत्मनिर्भर बनने में मदद की थी।

 राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार,उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष जयंत पाटिल,कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, मंत्री दिलीप वलसे-पाटिल,नवाब मलिक, अशोक चव्हाण, बालासाहेब थोराट,शिवसेना नेता किशोर तिवारी,नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र  फडणवीस, सांसद सुप्रिया सुले और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने समाज के लिए उनकी सेवाओं को याद किया था। 【Photo Courtesy Google】

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•MetroCity Post•News Channel•#सकपाल

Comments

Popular posts from this blog

*मुंबई में अगले तीन दिन भारी बारिश, कल जल प्रलय हो सकता है मुंबई में भारी बारिश का अनुमान, बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*तेलंगाना में 300 करोड़ रुपये का 200 किलो सोना और 105.58 करोड़ की नकदी जब्त*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*संचार के द्वारपाल: समाचारों को प्राथमिकता देने में पत्रकार की महत्वपूर्ण भूमिका*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई