*निःशक्तजनों को आत्मनिर्भर बनाने में समाज का योगदान जरूरी : राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*निःशक्तजनों को आत्मनिर्भर बनाने में समाज का योगदान जरूरी : राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】 देश के अंधे, बहरे और अन्य विकलांग लोगों को न केवल सहानुभूति की जरूरत है, बल्कि समाज से सहयोग की भी जरूरत है। विकलांगों की भगवान के रूप में सेवा करना एक पवित्र कार्य है। राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने ऐसा यहां जोर देकर कहा कि हर काम राज्य या केंद्र सरकार पर नहीं छोड़ा जाएगा, लेकिन विकलांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए समाज का योगदान जरूरी है।
मुंंबई मेंं स्वास्थ्य और शिक्षा को सशक्त बनाना उनके लिए दिव्यांग और परिवार के साथ दिवाली स्नेह मिलन का आयोजन हुआ । जिसे महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग और हेतु चैरिटेबल ट्रस्ट, मुंबई द्रारा 15वें दीपावली स्नेह मिलन के रुप में उद्घाटन राज्यपाल कोश्यारी ने शनिवार दिनांक 15 को किया था । जब वह बोल रहे थे।
भारतीय संस्कृति में सेवा को धर्म माना गया है । सेवा परमो धर्म: राज्यपाल ने कहा कि मानवता की सेवा को ईश्वरीय कार्य माना जाता है और जब हम एक दूसरे की मदद करेंगे तभी पूरे समाज को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अगर हमें मौका मिला तो हम अपना भविष्य विकलांगों के लिए काम करने के लिए समर्पित कर देंगे। इस मौके पर राज्यपाल ने हेतु चैरिटेबल ट्रस्ट को 5 लाख रुपये और दिव्यांगों के बैंड को 50 हजार रुपये दान देने की घोषणा की थी। दौरान इस अवसर पर जियो एपेक्स के अध्यक्ष घेवरचंदजी बोहरा ने 5 लाख हेतु ट्रस्ट को और एक लाख ब्लाइंगड म्यूजिकल ग्रुप को दान दिया था।
इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा विकलांग छात्रों को मिठाई और नोटबुक वितरित किए गए और संस्थान के संरक्षकों को राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया गया था।
इस अवसर पर राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) कमलकिशोर टेट, आयोग के सदस्य एम.ए.सईद, ऋखबचंद जैन, हेतु चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष घेवरचंद बोहरा,जियो अध्यक्ष धर्मेश मंडालिया आदि उपस्थित थे । इस अवसर पर विकलांगजनों के 'हेतु संगीत समूह' द्वारा गीतों का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया था।【Photo by MCP】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#दिव्यांगों #राज्यपाल कोशियारीजी
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