*प्रजा फाउंडेशन ने मुंबई में स्वास्थ्य मुद्दों की स्थिति, 2024 पर रिपोर्ट जारी की*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*प्रजा फाउंडेशन ने 'मुंबई में स्वास्थ्य मुद्दों की स्थिति, 2024' पर रिपोर्ट जारी की*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई





【मुंबई / रिपोर्ट स्पर्श देसाई】पिछले सात वर्षों में बी.एम.सी के स्वास्थ्य बजट में 98% की वृद्धि हुई है । जो 2018-19 में ₹3,637 करोड़ से बढ़कर 2024-25 में ₹7,191 करोड़ हो गया है। बीएमसी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं (डिस्पेंसरियों) में आरोग्य कर्मचारी की रिक्तियों में पिछले दशक में तीन गुना वृद्धि हुई है। साल 2014 के 12% के मुकाबले 2023 में यह 37% हो गई। साल 2023 में क्षेत्रीय विकास योजनाओं के निर्माण और कार्यान्वयन (URDPFI) द्वारा निर्धारित प्रति 15,000 जनसंख्या पर 1 दवाखाना की उपलब्धता का मानदंड, मुंबई में एक भी वार्ड पूरा नहीं कर पाया । 207 हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे क्लीनिक में से 97 डिस्पेंसरी बंद होने के बाद मौजूदा नगरपालिका दवाखाना के परिसर में काम कर रहे हैं इसलिए केवल 110 एच.बी.टी क्लीनिक अद्वितीय स्थानों पर काम कर रहे हैं। पिछले एक दशक (2014 से 2023) में मुंबई में सबसे अधिक पंजीकृत मामलों वाली शीर्ष पांच बीमारियां डायरिया (9,36,061) इसके बाद तपेदिक (टी.बी.) (3,89,803), उच्च रक्तचाप (3,70,795), मधुमेह (3,70,081) और डेंगू (1,39,892) थे। 2014-2022 के बीच, मृत्यु के शीर्ष चार कारण मधुमेह,प्रमुख श्वसन रोग,तपेदिक (टी.बी.) और उच्च रक्तचाप थे। दौरान प्रजा फाउंडेशन ने 'मुंबई में स्वास्थ्य मुद्दों की स्थिति, 2024' नामक रिपोर्ट जारी की। इस प्रतिवेदन का उद्देश्य प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल,संवेदनशील बीमारियों,श्वसन रोगों और स्वास्थ्य कर्मियों के आंकड़ों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना है जो मुंबई के निवासियों के स्वास्थ्य और कल्याण को प्रभावित करते हैं, और साथ ही विकास की प्रक्रिया में प्रभावी योगदान करने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। प्रजा फाउंडेशन के सी.ई.ओ मिलिंद म्हस्के ने कहा कि साल 2014 में मधुमेह जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के कारण कुल 2,428 मौतें हुईं। जो साल 2022 में 485% बढ़कर 14,207 हो गई । जो मुंबई में मौत का प्रमुख कारण बन गया है। यह खतरनाक प्रवृत्ति शहरों और क्षेत्रों में शहरी नियोजन और विकास का मार्गदर्शन करने के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MHOUA) द्वारा निर्धारित शहरी और क्षेत्रीय विकास योजनाओं के निर्माण और कार्यान्वयन (URDPFI) दिशानिर्देशों का पालन करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। उन्होंने आगे बताया । इन दिशानिर्देशों में एक अनुशंसा है कि प्रति व्यक्ति के लिए कम से कम 10 वर्ग मीटर खुली जगह उपलब्ध होनी चाहिए। जो सार्वजनिक स्वास्थ्य,शारीरिक गतिविधि और कल्याण को बढ़ावा देती है हालांकि मुंबई की विकास आराखडा (2014-2034) में प्रति व्यक्ति केवल 3 वर्ग मीटर खुली जगह का प्रस्ताव है। यह एक बड़ी कमी है । जो न केवल अधिक खुली जगहों की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य और कल्याण के सहयोग के लिए अपर्याप्त अवसंरचना के व्यापक मुद्दे को भी इंगित करती है ।

हाल ही के वर्षों में मुंबई के हवा की गुणवत्ता में लगातार गिरावट आई है। एकनाथ पवार एसोसिएट मैनेजर-कैपेसिटी बिल्डिंग, मुंबई ने कहा कि साल 2019 से 2022 तक, शहर की औसत वायु गुणवत्ता में संतोषजनक (51-100 ए.क्यू.आई) से मध्यम (101-200 ए. क्यू.आई) तक गिरावट आई है। इसी अवधि (2019 से 2022) के दौरान 'प्रमुख श्वसन रोगों' के कारण 33,711 मौतें हुईं और 'तपेदिक' ने 13,524 मौतों से आंकड़ों में योगदान किया। यह मुंबई निवासियों के लिए वायु प्रदूषण के गंभीर खतरे पर प्रकाश डालता है। उन्होंने जोड़ते हुए कहा कि "2023 में हवा की गुणवत्ता में गंभीर गिरावट आई क्योंकि एक भी महीना ऐसा नहीं था जब दर्ज वायु गुणवत्ता सूचकांक (ए.क्यू.आई) अच्छी श्रेणी (0-50) में रहा हो। मुंबई में यू.आर.डी.पी.एफ. आई के नियमों के मुताबिक 525 दवाखानों की कमी है। शहर में कुल 191 नगरपालिका दवाखाना चालू हैं हालांकि इनमें से केवल 95% दवाखाना (181) दिन में केवल 7 घंटे काम कर रहे हैं । श्रेयस चोरगी - एसोसिएट मैनेजर रिसर्च, प्रजा फाउंडेशन ने कहा। साल 2022 में 207 हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे (एच.बी.टी) चिकित्सालय जोड़ना नगरपालिका औषधालयों पर बोझ को कम करने के लिए एक स्वागत कदम है हालांकि 207 एच.बी.टी क्लीनिकों में से 97 नगरपालिका औषधालयों के समान परिसर के भीतर संचालित हैं। इसके अतिरिक्त एच.बी.टी क्लीनिकों में से केवल 6% (207 में से 13) 14 घंटे (सुबह 7:00 बजे से रात 10:00 बजे तक) के लिए उपलब्ध हैं। सभी क्षेत्रों की बेहतर सेवा के लिए नगरपालिका और एच. बी. टी क्लीनिक को खासकर बड़ी झुग्गी आबादी वाले वार्डों में 14 घंटे के लिए संचालित रहना चाहिए ।  पिछले तीन वर्षों में, नगरपालिका चुनाव नहीं हुए हैं और बी.एम.सी निर्वाचित प्रतिनिधित्व के बिना काम कर रही है। नतीजतन महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दों को हल करने के लिए स्वास्थ्य समिति का गठन नहीं किया गया है। समग्र स्वास्थ्य परिस्थिति शहर के सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यों में अधिक नागरिक भागीदारी की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एन.एच.एम.आई.एस) को मौतों और बीमारियों की जानकारी सहित स्वास्थ्य आंकड़ों के कुशल वास्तविक समय संग्रह को सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से संचालनात्मक होना चाहिए। मुंबई को एक विश्व स्तरीय शहर में बदलने और अपने नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए बी.एम.सी को खुले जगहों तक पहुंच को प्राथमिकता देनी चाहिए और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना चाहिए। यह दृष्टिकोण स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देगा और जीवन शैली संबंधित बीमारियों की बढ़ती चुनौती से निपटने में मदद करेगा । श्री म्हस्के ने अपनी समापन टिप्पणी में कहा था।
-प्रजा फाउंडेशन के बारे में:
पिछले दो दशकों से प्रजा फाउंडेशन जवाबदेह शासन को सक्षम बनाने की दिशा में काम कर रही है। हम नागरिक मुद्दों पर आँकड़े संचालित अनुसंधान करते हैं और निर्वाचित प्रतिनिधियों (ई.आर), नागरिकों, मीडिया और सरकारी प्रशासन जैसे प्रमुख हितधारकों को सूचित करते हैं। इसके अलावा ई. आर के साथ काम करते हैं ताकि वे अपनी कार्य प्रक्रियाओं में अक्षमताओं को दूर करने, सूचना अंतराल को पाटने और परिवर्तन की वकालत करते हुए सुधारात्मक उपाय करने में प्रेरित हो। प्रजा का लक्ष्य, लोगों के जीवन को सरल बनाना, नागरिकों और सरकार को तथ्यों के साथ सशक्त बनाना और भारत में नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए परिवर्तन के साधन बनना है। प्रजा फाउंडेशन जनभागीदारी के माध्यम से एक जवाबदेह और कुशल समाज बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।【Photos by Google】

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#प्रजा#स्वास्थ्य#नागरिक#मुंबई#बिमारी

Comments

Popular posts from this blog

*मुंबई में अगले तीन दिन भारी बारिश, कल जल प्रलय हो सकता है मुंबई में भारी बारिश का अनुमान, बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*तेलंगाना में 300 करोड़ रुपये का 200 किलो सोना और 105.58 करोड़ की नकदी जब्त*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*संचार के द्वारपाल: समाचारों को प्राथमिकता देने में पत्रकार की महत्वपूर्ण भूमिका*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई