*NATO क्या है, उनमें कौनसे देश शामिल है उनका कार्य क्या है? उनका हेडक्वॉर्टर कहा पर हैं? जाने*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*NATO क्या है, उनमें कौनसे देश शामिल है उनका कार्य क्या है? उनका हेडक्वॉर्टर कहा पर हैं? जाने*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】नाटो क्या है? उनमें कौनसे देश शामिल हैं?उनका कार्य क्या है?और उनका हेडक्वॉर्टर कहाँ है?वह इस ब्लॉग पोस्ट में जानिए,नाटो के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई हैं। नाटो का मतलब दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण संगठन । नाटो यानी उत्तर अटलांटिक संधि संगठन। यह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। जिसका मुख्य उद्देश्य दुनिया की शांति और सुरक्षा को बनाए रखना है। यह संगठन 1949 में स्थापित हुआ था और उस समय से लगातार अपने सदस्य देशों की संख्या बढ़ाता रहा है। इसमें कौन कौन शामिल है? नाटो में 30 सदस्य देश शामिल हैं। जिनमेंअमेरिका,कनाडा,फ्रांस,जर्मनी,ब्रिटेन, इटली,जापान और भारत शामिल हैं। इन सभी देशों का मिलकर नाटो एक शक्तिशाली संगठन बनाता है । जो विश्व की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नाटो का मुख्य कार्य अपने सदस्य देशों की सुरक्षा और रक्षा का ध्यान रखना है। यह संगठन आपसी सहयोग और संयुक्त शक्ति के माध्यम से विभिन्न संकटों और संघर्षों का सामना करता है। नाटो के सदस्य देश एक-दूसरे की मदद करते हैं और साथ मिलकर विश्व की सुरक्षा में योगदान देते हैं। नाटो का मुख्यालय ब्रसेल्स, बेल्जियम में स्थित है। यहाँ से नाटो के सभी कार्यक्रम और निर्णय लिए जाते हैं और यहाँ से ही संगठन की सभी गतिविधियां नियंत्रित होती हैं। ब्रसेल्स का यह स्थान नाटो के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण केंद्र है। यह संयुक्त शक्ति का प्रतीक हैं। नाटो एक संयुक्त शक्ति का प्रतीक है जो विश्व की सुरक्षा और स्थिरता के लिए काम करता है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य दुनिया को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण स्थिति में रखना है। नाटो के सदस्य देश एक-दूसरे की मदद करते हैं और साथ मिलकर विश्व की सुरक्षा में योगदान देते हैं। नाटो एक महत्वपूर्ण संगठन है जो सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में काम करता है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य अपने सदस्य देशों की सुरक्षा और रक्षा का ध्यान रखना है। नाटो के सदस्य देश एक-दूसरे की मदद करते हैं और साथ मिलकर विश्व की सुरक्षा में योगदान देते हैं।
नाटो एक महत्वपूर्ण संगठन है । जो सामरिक सहयोग के क्षेत्र में काम करता है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य अपने सदस्य देशों के बीच सामरिक सहयोग को बढ़ाना है। नाटो के सदस्य देश एक दूसरे की मदद करते हैं और साथ मिलकर विश्व की सुरक्षा में योगदान देते हैं । नाटो एक महत्वपूर्ण संगठन है जो साथ मिलकर विश्व की सुरक्षा में योगदान देता है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य दुनिया को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण स्थिति में रखना है। नाटो के सदस्य देश एक-दूसरे की मदद करते हैं और साथ मिलकर विश्व की सुरक्षा में योगदान देते हैं। नाटो एक महत्वपूर्ण संगठन है। जो विश्व की सुरक्षा और स्थिरता के लिए काम करता है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य दुनिया को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण स्थिति में रखना है। नाटो के सदस्य देश एक-दूसरे की मदद करते हैं और साथ मिलकर विश्व की सुरक्षा में योगदान देते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हमने नाटो के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी है। यह संगठन विश्व की सुरक्षा और स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके सदस्य देश एक-दूसरे की मदद करते हैं। नाटो का मुख्यालय ब्रसेल्स, बेल्जियम में स्थित है। आपको यह ब्लॉग पोस्ट कैसी लगी? कृपया अपने विचार कमेंट्स में साझा करें।
•NATO का पूरा नाम हैं "North Atlantic Treaty Organization" है । मिन्स नाटो । जिसे हिंदी में "उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन" कहा जाता है। यह एक सैन्य गठबंधन है। जिसकी स्थापना 4 अप्रैल 1949 को हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य अपने सदस्य देशों की सामूहिक रक्षा करना और शांति एवं सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
NATO में वर्तमान में कुल 30 सदस्य देश शामिल हैं। कुछ प्रमुख सदस्य देश हैं:1.अमेरिका,2.कनाडा,3.ब्रिटेन,4.फ्रांस,5.जर्मनी,6. इटली,7.स्पेन,8.टर्की,9.नॉर्वे,10.डेनमार्क और अन्य देश हैं।
•NATO के कार्य:
-सामूहिक रक्षा: NATO का सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत "कोलेक्टिव डिफेंस" है, जिसका मतलब है कि अगर किसी सदस्य देश पर हमला होता है, तो सभी सदस्य देश एकजुट होकर उसकी रक्षा करेंगे ।जैसा कि आर्टिकल 5 में उल्लेखित है।
-सुरक्षा सहयोग: सदस्य देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना।
-कृषि और पारदर्शिता: सदस्यों के बीच संवाद और पारदर्शिता को बढ़ावा देना।
-अन्य अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों का सामना: आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, और अन्य वैश्विक समस्याओं का सामना करना।
•NATO का हेडक्वॉर्टर:
NATO का मुख्यालय ब्रुसेल्स, बेल्जियम में स्थित है। यह संगठन की नीतियों और संचालन का केंद्र है।
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (अंग्रेज़ी: North Atlantic Treaty Organization, NATO ; नॉर्थ एटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइज़ेशन, नाटो ) एक सैन्य गठबंधन है । जिसकी स्थापना 4अप्रैल 1949 को हुई थी। अभी इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स बेल्जियम में है। संगठन ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है। जिसके अन्तर्गत सदस्य राज्य बाहरी आक्रमण की स्थिति में सहयोग करने के लिए सहमत होंगे।
•उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन। North Atlantic Treaty Organization। नाटो गठबन्धन का ध्वज भी है। स्थापना 4 अप्रैल 1949 मुख्यालय:ब्रुसेल्स, बेल्जियम।
•अब देखें इसकी सदस्यता ले चूके 30+1 राज्य के नाम ।
प्रमुख देश जो रूसी संगठन का भाग नहीं थे अलबानिया,
बेल्जियम, बुल्गारिया, कनाडा,क्रोएशिया,चेक गणराज्य,
डेनमार्क, एस्तोनिया,फ्रांस, जर्मनी,यूनान, हंगरी,आइसलैंड, इटली,लात्विया,लिथुआनिया, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैण्ड,नॉर्वे, पोलैंड,
पुर्तगाल, रोमानिया,स्लोवाकिया, स्लोवेनिया,स्पेन,तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, मैंसीडोनिया मॉन्टेनीग्रो,
फिनलैंड और स्वीडन हैं।
• इसकी आधिकारिक भाषा;अंग्रेजी,फ्रांसीसी हैं। महासचिव हैं जेन्स स्टोल्टेनबर्ग । सैन्य समिति के अध्यक्ष हैं गियामपाओलो दी पाओला। नेट: www.nato.int। गठन के प्रारम्भ के कुछ वर्षों में यह संगठन एक राजनीतिक संगठन से अधिक नहीं था किन्तु कोरियाई युद्ध ने सदस्य देशों को प्रेरक का काम किया और दो अमरीकी सर्वोच्च कमाण्डरों के दिशानिर्देशन में एक एकीकृत सैन्य संरचना निर्मित की गई। लॉर्ड इश्मे पहले नाटो महासचिव बने थे। जिनकी संगठन के उद्देश्य पर की गई टिप्पणी "रूसियों को बाहर रखने,अमेरीकियों को अन्दर और जर्मनों को नीचे रखने" के लिए गई है। जो खासी चर्चित रही थी। यूरोपीय और अमरीका के बीच सम्बन्ध की भाँति ही संगठन की ताकत घटती-बढ़ती रही। इन्हीं परिस्थितियों में फ्रांस स्वतन्त्र परमाणु निवारक बनाते हुए नाटो की सैनिक संरचना से साल 1966 से अलग हो गया। मैसिडोनिया 6 फरवरी 2019 को नाटो का 30 वाँ सदस्य देश बना। साल 1989 में बर्लिन की दीवार के गिरने के पश्चात संगठन का पूर्व की तरफ बाल्कन हिस्सों में हुआ और वारसा संधि से जुड़े हुए अनेक देश साल 1999 और 2004 में इस गठबन्धन में शामिल हुए।1अप्रैल 2009 को अल्बानिया और क्रोएशिया के प्रवेश के साथ गठबन्धन की सदस्य संख्या बढ़कर 28 हो गई। संयुक्त राज्य अमेरिका में 11 सितम्बर 2001 के आतंकवादी आक्रमण के पश्चात नाटो नई चुनौतियों का सामना करने के लिए नए सिरे से तैयारी कर रहा है। जिसके तहत अफ़गानिस्तान में सैनिकों की और इराक में प्रशिक्षकों की नियुक्ति की गई है। बर्लिन प्लस समझौता नाटो और यूरोपीय संघ के बीच 16 दिसम्बर 2002 को बनाया का एक व्यापक पैकेज है। जिसमें यूरोपीय संघ को किसी अन्तरराष्ट्रीय विवाद की स्थिति में कार्यवाही के लिए नाटो परिसम्पत्तियों का उपयोग करने की छूट दी गई है। बशर्ते नाटो इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं करना चाहता हो। नाटो के सभी सदस्यों की संयुक्त सैन्य खर्च दुनिया के रक्षा व्यय का 70% से अधिक है । जिसका संयुक्त राज्य अमेरिका अकेले दुनिया का कुल सैन्य खर्च का आधा हिस्सा खर्च करता है और ब्रिटेन, फ्रांस,जर्मनी और इटली 15% खर्च करते हैं।【Photos by Google】
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