*पेरिस का एफिल टॉवर और जापान के टोक्यो टॉवर के बारे में जाने*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*पेरिस का एफिल टॉवर और जापान के टोक्यो टॉवर के बारे में जाने*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】एफिल टॉवर यह पेरिस में प्यार और रोमांस का प्रतीक है। 324 मीटर ऊंचा यह टॉवर सन 1889 में विश्व मेले के लिए बनाया गया था और इसका नाम गुस्ताव एफिल के नाम पर रखा गया था। जिन्होंने इसे डिज़ाइन किया था। टॉवर लोहे की जाली से बना है और इसमें तीन स्तर हैं । जहाँ से आगंतुक शहर के लुभावने दृश्य देख सकते हैं। कई जोड़े सूर्यास्त देखने और इसके किसी रेस्तराँ में रोमांटिक डिनर का आनंद लेने के लिए ऊपर चढ़ते हैं।
• जापान के टोकियो टॉवर के बारे में भी जाने । जो एफिल टॉवर की नकल हैं और एफिल से भी उंचा हैं।
-टोक्यो टॉवर : यह जापान में एक प्रतिष्ठित स्थल है और एफिल टॉवर से प्रेरित है। 333 मीटर ऊंचा यह टॉवर सन 1958 में जापान के युद्ध के बाद के पुनर्जन्म और पुनर्प्राप्ति की याद में बनाया गया था। टॉवर में दो अवलोकन डेक हैं । जो शहर के शानदार दृश्य पेश करते हैं। एक 150 मीटर पर और दूसरा 250 मीटर पर। बीच में "न्यू यॉर्क ग्रिल" नामक एक लोकप्रिय रेस्तरां भी है । जो लुभावने दृश्य का आनंद लेते हुए स्वादिष्ट व्यंजन पेश करता है।
•पहले एफिल टॉवर:
-निर्माण और उद्देश्य:
एफिल टॉवर पेरिस फ्रांस में स्थित है और इसे गुस्ताव एफिल की कंपनी ने सन 1887 से सन 1889 के बीच निर्मित किया था। इसका उद्देश्य सन1889 में पेरिस में आयोजित होने वाले विश्व प्रदर्शनी (Exposition Universelle) के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करना था। यह टॉवर उस समय के विज्ञान और इंजीनियरिंग की उपलब्धियों का प्रतीक था।
•विशेषताएँ:
-ऊँचाई: एफिल टॉवर की ऊँचाई लगभग 300 मीटर (984 फीट) है, और यह पेरिस का एक पहचान चिह्न है।
-संरचना: टॉवर का निर्माण लोहे से किया गया है और इसकी विशिष्ट डिजाइन इसे बहुत आकर्षक बनाता हैं। टॉवर को विभिन्न स्तरों पर देखने के लिए लिफ्ट और सीढ़ियाँ उपलब्ध हैं।
-पर्यटन: एफिल टॉवर हर साल millions of tourists को आकर्षित करता है और यह पेरिस का सबसे अधिक देखे जाने वाला जगहों में से एक है।
•अब टोक्यो टॉवर:
- निर्माण और उद्देश्य:
टोक्यो टॉवर जापान की राजधानी टोकियो में स्थित है। इसका निर्माण सन 1957 में शुरू हुआ और यह 1958 में पूरा हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य जापान के प्रसारण वालों के लिए एक टॉवर्स के रूप में कार्य करना था साथ ही यह देश के पुनर्निर्माण का प्रतीक भी माना जाता है।
•विशेषताएँ:
-ऊँचाई: टोक्यो टॉवर की ऊँचाई लगभग 333 मीटर (1,092 फीट) है। जो इसे जापान का सबसे ऊँचा टॉवर बनाती है।
-संरचना: यह टॉवर एफिल टॉवर से प्रेरित होकर बनाया गया है लेकिन इसमें एक अद्वितीय जापानी डिजाइनें है। इसका रंग आसमानी और सफेद है। जो इसे अन्य टॉवर्स से अलग बनाता है।
-पर्यटन: टोक्यो टॉवर भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। जहाँ पर्यटक कई स्तरों से शहर के दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
- निष्कर्ष:
दोनों टावर एफिल टॉवर और टोक्यो टॉवर अपने-अपने देशों के सांस्कृतिक और तकनीकी उपलब्धियों का प्रतीक हैं। एफिल टॉवर जहां फ्रांस की सुंदरता और इंजीनियरिंग का प्रतीक है। वहीं टोक्यो टॉवर जापान की आधुनिकता और पुनर्निर्माण का प्रतीक है। दोनों ही टॉवर अपने-अपने देशों में महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में शामिल हैं।
•एफिल टॉवर,पेरिस, फ्रांस में चैंप डी मार्स पर टॉवर को लेकर विकिपीडिया क्या कहता हैं?
एफिल टॉवर (फ़्रान्सीसी: Tour Eiffel, /tur efel/) फ्रांस की राजधानी पैरिस में स्थित एक लौह टॉवर है। इसका निर्माण 1887-1889 में शैम्प-दे-मार्स में सीन नदी के तट पर पैरिस में हुआ था। यह टॉवर विश्व में उल्लेखनीय निर्माणों में से एक और फ़्रांस की संस्कृति का प्रतीक है। एफिल टॉवर की रचना गुस्ताव एफ़िल के द्वारा की गई है और उन्हीं के नाम पर से एफ़िल टॉनर का नामकरन हुआ है। एफिल टॉवर की रचना १८८९ के वैश्विक मेले के लिए की गई थी। जब एफिल टॉवर का निर्माण हुआ उस वक़्त वह दुनिया की सबसे ऊँची इमारत थी। आज की तारीख में टॉवर की ऊँचाई 324 मीटर है। जो की पारंपरिक 81 मंज़िला इमारत की ऊँचाई के बराबर है। बगैर एंटेना शिखर के यह इमारत फ़्रांस के मियो (फ़्रान्सीसीः फ़्रान्सीसी) शहर के फूल के बाद दूसरी सबसे ऊँची इमारत है। यह तीन मंज़िला टॉवर पर्यटकों के लिए साल के 365 दिन खुला रहता है। यह टॉवर पर्यटकों द्वारा टिकट खरीद के देखी गई दुनिया की इमारतों में अव्वल स्थान पे है।
अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ताज महल जैसे भारत की पहचान है। वैसे ही एफ़िल टॉवर फ़्रांस की पहचान है। सन1889 में फ़्रांसीसी क्रांति के शताब्दी महोत्सव के अवसर पर वैश्विक मेले का आयोजन किया गया था। इस मेले के प्रवेश द्वार के रूप में सरकार एक टॉवर बनाना चाहती थी। इस टॉवर के लिए सरकार के तीन मुख्य शर्तें थीं--1)टॉवर की ऊँचाई 300 मीटर होनी चाहिए। 2)टॉवर लोहे का होना चाहिए। 3)टॉवर के चारों मुख्य स्थंभ के बीच की दूरी 125 मीटर होनी चाहिए।
इस प्रस्ताव पर 107 इंजीनियरों ने डिजाइन दिए जिसमें से गुस्ताव एफ़िल की परियोजना मंज़ूर की गई। मौरिस कोच्लिन, एमिल नुगिए इस परियोजना के संरचनात्मक इंजीनियर थे और स्टीफेन सौवेस्ट्रे वास्तुकार थे। 300 मजदूरों ने मिलकर एफ़िल टॉवर को 2 साल, 2 महीने और 5 दिनों में पूरा किया। इसका उद्घाटन 31 मार्च 1889 में हुआ और 6 मई से यह टॉवर लोगों के लिए खुला गया था हालाँकि एफ़िल टॉवर उस समय की औद्योगिक क्रांति का प्रतीक था और वैश्विक मेले के दौरान आम जनता ने इसे काफी सराहा फिर भी कुछ नामी हस्तियों ने इस निर्माण की आलोचना की। उस वक़्त के सभी समाचार पत्र पैरिस के कला समुदाय द्वारा लिखे गए निंदा पत्रों से भरे पड़े थे। विडंबना की बात यह है कि जिन नामी हस्तियों ने शुरुआती दौर में इस टॉवर की निंदा की थी । उन में से कई हस्तियाँ ऐसी थीं जिन्होंने बदलते समय के साथ अपनी राय बदली। ऐसी हस्तियों में नामी संगीतकार शार्ल गुनो थे। जिन्होंने 14 फ़रवरी 1887 के समाचार पत्र "Le Temps " में एफ़िल टॉवर को पैरिस की बेइज्जती कहा था। बाद में उनके विचार बदले और उन्होंने एफिल टॉवर की प्रशस्ति में एक कॉन्सर्ट की रचना की।
शुरुआती दौर में विचार यह था कि एफ़िल टॉवर को सिर्फ 20 साल तक कायम रखा जाएगा और सन 1909 में इसे नष्ट कर दिया जाएगा लेकिन इन 20 सालों के दौरान टॉवर ने पर्यटकों को इस कदर आकर्षित किया और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इसे ऐसा उपयोगी माना गया कि इसे तोड़ने के बजाए इसे विश्व धरोहर के रूप में कायम रखने का फैसला किया गया।
•टोक्यो टॉवर के बारे में विकिपीडिया क्या कहता है?
टोक्यो टॉवर दुनिया का सबसे ऊंचा स्वयं-समर्थित स्टील टॉवर है। यह टोक्यो के केंद्र में स्थित है और इसकी ऊंचाई 333 मीटर है।
टोक्यो टॉवर रेडियो और टेलीविज़न प्रसारण के लिए एंटीना समर्थन संरचना के रूप में काम करता है। टोक्यो टॉवर एक पर्यटन स्थल है। यहां आने वाले पर्यटक सबसे पहले टॉवर के ठीक नीचे स्थित चार मंजिला इमारत, फुटटाउन में जाते हैं । यहां खरीदारी,खाने-पीनेऔर कई संग्रहालयों और दीर्घाओं का दौरा किया जा सकता है। टोक्यो टॉवर की दो अवलोकन डेक हैं। इनमें से पहले अवलोकन डेक तक पहुंचने के लिए,फुटटाउन की पहली मंज़िल से निकलने वाली लिफ़्टों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
•टोक्यो टॉवर के बारे में कुछ और खास बातेंः
-टोक्यो टॉवर एफ़िल टॉवर से 13 मीटर ऊंचा है।
-टोक्यो टॉवर में ऐडवांस में टिकट बुक करना ठीक रहता है।
-टोक्यो टॉवर में व्हीलचेयर लाने-ले जाने की सुविधा है।
टोक्यो टॉवर तीन अलग-अलग खंडों में विभाजित है। फुट टाउन टॉवर के तल पर स्थित है और यह कैफे,रेस्तरां और स्मारिका दुकानों का एक जीवंत क्षेत्र है । मुख्य डेक 150 मीटर ऊपर स्थित है और शहर के यादगार दृश्य के साथ-साथ एक “लुक-डाउन” विंडो भी प्रदान करता है । जो कमज़ोर दिल वालों के लिए नहीं । टोकियो (जापानी: 東京) आधिकारिक रूप से टोकियो महानगर हैं। जिसे पहले एदो के नाम से जाना जाता था। जापान की राजधानी और सबसे बड़ा नगर है। इसका महानगरीय क्षेत्र 13,452 km विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या है, 2018 तक अनुमानित 37.468 मिलियन निवासियों के साथ नगर में 13.99 मिलियन लोगों की जनसंख्या है। टोकियो खाड़ी के शीर्ष पर स्थित यह प्रान्त जापान के सबसे बड़े द्वीप होंशू के मध्य तट पर कान्टो क्षेत्र का भाग है। टोकियो जापान के आर्थिक केन्द्र के रूप में कार्य करता है और यह जापान की सरकार और जापान के सम्राट दोनों की अवस्थान स्थल है। मूल रूप से एदो नाम का एक मत्स्यजीवी ग्राम। सन 1603 में यह नगर एक प्रमुख राजनीतिक केन्द्र बन गया। जब यह तोकुगावा शोगुनराज का स्थान बन गया। 18वीं शताब्दी के मध्य तक एदो 10 लाख से अधिक लोगों की जनसंख्या वाले विश्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले नगरों में से एक था। सन1868 की मेजी पुनर्स्थापन के बाद क्योटो में शाही राजधानी को एदो में स्थानान्तरित कर दिया गया। जिसका नाम बदलकर "टोकियो" (इसका अनुवाद होता है कि पूर्वी राजधानी) कर दिया गया। टोकियो 1923 के महान कान्टो भूकम्प से और फिर द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मित्र देशों की बमबारी से ध्वंस हो गया था। 1950 के दशक की आरम्भ में नगर में द्रुत गति से पुनर्निर्माण और विस्तार के प्रयास हुए। जो जापानी युद्धोत्तर आर्थिक चमत्कार का नेतृत्व करने के लिए चल रहा था। सन 1943 के बाद से टोक्यो महानगरीय सरकार ने प्रान्त के 23 विशेष वार्डों, इसके पश्चिमी क्षेत्र में विभिन्न कम्यूटर नगरों और उपनगरों और टोकियो द्वीप समूह के रूप में जाने वाली दो बाहरी द्वीप शृंखलाओं को प्रशासित किया है। नगर ने साल 1964 ग्रीष्मकालीन ओलिम्पिक और 1964 ग्रीष्मकालीन पैरालिम्पिक, 2020 ग्रीष्मकालीन ओलिम्पिक और 2020 ग्रीष्मकालीन पैरालिम्पिक (स्थगित; 2021 में आयोजित) और जी7 के तीन शिखर सम्मेलन (1979, 1986 और 1993 में) सहित कई अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों की आतिथ्य किया है। टोकियो जापान में अग्रणी अनुसंधान और विकास केंद्र है और इसी तरह कई प्रमुख विश्वविद्यालयों द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है। विशेष रूप से टोकियो विश्वविद्यालय सहित। टोकियो स्थानक जापान के द्रुतगामी रेलमार्ग अन्तर्जाल, शिंकान्सेन का केन्द्र है। टोकियो का शिंजुकु स्थानक दुनिया का सबसे व्यस्त रेलमार्ग स्थानक भी है। टोकियो के उल्लेखनीय विशेष वार्डों में शामिल हैं,चियोदा, राष्ट्रीय डायट भवन और टोकियो इम्पीरियल पैलेस की साइट; शिंजुकु नगर का प्रशासनिक केन्द्र और शिबुया, एक वाणिज्यिक,सांस्कृतिक और व्यावसायिक केन्द्र हैं।
एफिल टावर और टोक्यो टावर दोनों ही इंजीनियरिंग के अद्भुत नमूने हैं और अपने-अपने शहरों की पहचान का प्रतीक हैं। इनकी विशेषताएँ, निर्माण इतिहास और सांस्कृतिक महत्व पर एक विस्तृत नजर डालते हैं।
•एफिल टावर:
-इतिहास और निर्माण:
-निर्माण:एफिल टावर का निर्माण 1887 से 1889 तक हुआ, इसे पेरिस में 1889 के विश्व मेले (Exposition Universelle) के लिए बनाया गया था, जो फ्रेंच क्रांति की शताब्दी भी मना रहा था। यह गुस्ताव एफिल के नेतृत्व में बना, जो एक प्रसिद्ध फ्रांसीसी सिविल इंजीनियर थे।
-डिज़ाइन:यह टावर लोहे से निर्मित है और इसे बनाने के लिए 18,000 से अधिक धातु के हिस्सों को 2.5 मिलियन रिवेट्स से जोड़ा गया था। इसका डिज़ाइन आर्किटेक्चरल और इंजीनियरिंग के उत्कृष्ट संयोजन का उदाहरण है।
•विशेषताएँ:
-ऊँचाई: इसकी प्रारंभिक ऊँचाई 300 मीटर (984 फीट) थी, लेकिन एंटीना जोड़ने के बाद यह लगभग 330 मीटर (1,083 फीट) हो गई है।
-प्रभाव: शुरुआत में, पेरिस के कुछ निवासियों और कलाकारों ने इसके डिजाइन की आलोचना की थी लेकिन समय के साथ यह पेरिस की पहचान बन गया और अब यह शहर के सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से एक है।
-सांस्कृतिक महत्व:
एफिल टावर न केवल पेरिस का प्रतीक है, बल्कि यह फ्रांस की रचनात्मकता और नवाचार का भी प्रतीक है। इसे हर साल लाखों पर्यटक देखने आते हैं और यह कई सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजनों का स्थल भी बनता है।
•टोक्यो टावर
- इतिहास और निर्माण:
-निर्माण:टोक्यो टावर का निर्माण 1957 में शुरू हुआ और यह 1958 में पूरा हुआ। इसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान के आर्थिक पुनरुत्थान के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
-डिज़ाइन:इसका डिज़ाइन एफिल टावर से प्रेरित है, लेकिन इसे आधुनिक तकनीक के साथ बनाया गया है। टॉवर को मुख्य रूप से स्टील से बनाया गया है और इसे सफेद और अंतरराष्ट्रीय नारंगी रंग में रंगा गया है ताकि यह हवाई यातायात नियमों का पालन कर सके।
•विशेषताएँ:
-ऊँचाई: 333 मीटर (1,092 फीट) ऊँचा यह टावर एफिल टावर से थोड़ा ऊँचा है।
-उपयोग: यह टावर एक प्रमुख संचार और प्रसारण टावर है। जिसमें कई एंटीना लगे हैं जो रेडियो और टेलीविजन प्रसारण के लिए उपयोग किए जाते हैं।
-सांस्कृतिक महत्व:
टोक्यो टावर जापान की तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था और तकनीकी प्रगति का प्रतीक है। यह पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है, जहां से टोक्यो शहर का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है। इसके अंदर कई संग्रहालय, रेस्तरां और अवलोकन डेक हैं।
दोनों टावर अपनी-अपनी सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिकता का प्रतीक हैं। जो न सिर्फ अपने देशों में बल्कि पूरे विश्व में मशहूर हैं। इनकी संरचना,उद्देश्य और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि इन्हें अनूठा बनाती है।【Photos: Google】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई √•Metro City Post•News Channel•#एफिल टॉवर# टोक्यो टॉवर #पेरिस #टोकियो #पर्यटनस्थल
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