*मोरबी पुल हादसा : बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के पुल का शुभारंभ, 141 की मौत, गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज,मोरबी हादसे से जुड़ी बातें*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*मोरबी पुल हादसा : बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के पुल का शुभारंभ, 141 की मौत, गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज,मोरबी हादसे से जुड़ी बातें*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】मोरबी जो देश दुनिया में "टाईल्स हब "के नाम से जाना जाने वाले गुजरात के-सौराष्ट्र का एक प्रमुख शहर मोरबी में बिते दिनों की एक शाम को ब्रिटिश कालीन पुल टूटने से कम से कम 141 लोगों की मौत हो गई थी । जबकि 177 लोगों को बचाया गया था। वहीं अन्य लोगों की तलाशी के लिए अभियान जारी दिनों तक जारी रहा था।
*मोरबी हादसे जूडी कुछ अहम बातें*
करीब 140 साल पहले नए और पुराने शहर को जोड़ने हेतु इस पुल का निर्माण हुआ था । कुल 734 फिट लंबे इस पुल की अधिकतम सामग्री इंग्लैंड से आई थी । इस पुल की लागत साढ़े तीन लाख रुपए आई थी ।
छह महीने से बंद रहा यह पुल पांच दिन पहले ही शुरू हुआ था । राज्य की राजधानी अहमदाबाद से लगभग 300 किलोमीटर दूर स्थित सस्पेंशन ब्रिज रविवार शाम 6.42 बजे उस समय गिर गया । जब छठ पूजा के लिए कुछ अनुष्ठान करने के लिए लगभग 500 लोग उस पर एकत्र हुए थे । राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल या एनडीआरएफ की पांच टीमों के मौके पर पहुंचने के साथ पुल ढहने के बाद बचाव अभियान शुरू किया गया था। बाद में सेना, नौसेना और वायु सेना को भी कार्रवाई में लगाया गया था। राजकोट, जामनगर,दीव और सुरेंद्रनगर से एनडीआरएफ की 5 प्लाटून,भारतीय नौसेना के 50 जवान और वायुसेना के 30 जवान,सेना के दो टुकड़ियां और दमकल की 7 टीमें अत्याधुनिक उपकरणों के साथ राहत कार्य में लगी हुई थी । वही गरुड़ कमांडो, हवाई जहाज और हेलीकाप्टर भी हरदम तैयार रहे थे। पांच सदस्यीय टीम इस हादसे से बचाव के हर पहलू पर नजर रखती रही हैं जिसकी निगरानी गृह मंत्री शाह कर रहे थे । इस हादसे के बाद राहत कार्यों पर प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ऑनलाइन कार्यालय से हर संभव निर्देश देते रहे थे। इस हादसे में मृतकों के प्रति गहरी संवेदना प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह ने प्रकट की थी । इसी कड़ी में देश भर के नेताओं तथा महत्वपूर्ण लोग दु:ख प्रकट किया था। प्रधानमंत्री मोदी और कई महत्वपूर्ण लोग घटनास्थल पर आए थे। गुजरात सरकार ने इस मामले में जानकारी प्राप्त करने हेतु ऑनलाइन व्यवस्था की थी । अधिकारियों ने बताया कि करीब 19 लोगों को गंभीर रूप से घायल होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था और नावों की मदद से बचाव कार्य किया गया था। चश्मदीदों का कहना है कि करीब 150 साल पुराने पुल पर कई महिलाएं और बच्चे थे । तभी एकदम से पुल की केबल टूट गई थी । जिससे कई लोग नदी में समा गए और चीख- पुकार मच गई थी। मौके से मिले वीडियो में कुछ लोगों को पुल टूटने के बाद सुरक्षित तैरते हुए देखा जा सकता था। कई लोग पुल के टूटे सिरों पर चिपके हुए दिखे थे। मच्छू नदी पर बने पुल को जीर्णोद्धार के लिए सात महीने से बंद किया गया था । इसे 26 अक्टूबर को गुजराती नव वर्ष पर जनता के लिए फिर से खोल दिया गया था । स्थानीय नगर निकाय के प्रमुख संदीप सिंह जाला ने एनडीटीवी को बताया कि गुजरात के मोरबी शहर में टूटे सदी पुराने पुल के मरम्मतकर्ता ने इसे फिर से खोलने से पहले अधिकारियों से फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं लिया था । गुजरात के श्रम और रोजगार मंत्री बृजेश मेरजा ने एक विशेष साक्षात्कार में एनडीटीवी से कहा कि पिछले सप्ताह नवीनीकरण हुआ था। हम भी हैरान हैं । हम इस मामले को देख रहे हैं । सरकार इस त्रासदी की जिम्मेदारी लेती है । गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि गैर इरादतन हत्या और जान बूझकर मौत का कारण बनने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है । जो भी जिम्मेदार पाया जाता है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी । संघवी ने कहा, "पुल गिरने की जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया है । राज्य सरकार ने हादसे में मरने वालों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पीड़ितों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की थी ।स्थानीय नगर निकाय के प्रमुख संदीप सिंह जालाको बाद में सस्पेंस किया गया था। माना जाता हैं कि उन्होंने मीडिया पर जिस तरह से बात की उब पर प्रशासन ने उन पर यह एक्शन लिया था।【Photo By √•MCP•】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#मोरबी#हादसा#
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