*क्या निजी स्कूलों और मुंबई मनपा शिक्षा विभाग के बीच सांठगांठ है?प्रशासन का स्कूलों पर कोई नियंत्रण न होने से अभिभावकों की हो रही है परेशानी,आम आदमी पार्टी का आरोप*/रिपोर्ट जैक रिपोर्टर
*क्या निजी स्कूलों और मुंबई मनपा शिक्षा विभाग के बीच सांठगांठ है?प्रशासन का स्कूलों पर कोई नियंत्रण न होने से अभिभावकों की हो रही है परेशानी,आम आदमी पार्टी का आरोप*/रिपोर्ट जैक रिपोर्टर
【मुंंबई/रिपोर्ट जैक रिपोर्टर】क्या निजी स्कूलों और मुंबई मनपा शिक्षा विभाग के बीच सांठगांठ है?प्रशासन का स्कूलों पर कोई नियंत्रण न होने से अभिभावकों की हो रही है परेशानी,आम आदमी पार्टी के नेताओं ने शिक्षा विभाग पर आरोप लगाया है हालांकि शिक्षा का अधिकार (Right to Education) अधिनियम 2014 से लागू है लेकिन कई स्कूल इस अधिनियम का उल्लंघन करते पाए गए हैं । इसके बावजूद मनपा शिक्षा विभाग के अधिकारी इन स्कूलों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। क्या निजी स्कूल और मनपा शिक्षा विभाग में सांठगांठ है? ऐसा आरोप आम आदमी पार्टी के नेताओं ने लगाया है।
शिक्षा का अधिकार (Right to Education) अधिनियम 2014 से लागू हुआ था। इस एक्ट के मुताबिक सभी निजी स्कूलों को आरटीई की मान्यता लेनी जरूरी है। शहरी क्षेत्रों में महानगर पालिका मंजूरी देती है और यह मनपा की जिम्मेदारी है कि वह कानून को लागू करे । मुंबई में कई आरटीई से मान्यता प्राप्त निजी स्कूल हैं और ये स्कूल कानून का खुला उल्लंघन कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता धनराज वंजारी ने आरोप लगाया कि मुंबई मनपा का शिक्षा विभाग ऐसे स्कूलों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करता और उन्हें मनमानी करने की खुली छूट दे रखी है।
आम आदमी पार्टी के नेता नितिन दलवी ने कहा कि मुंबई में बिना मंजूरी के चल रहे निजी बड़े स्कूलों को बिना कार्रवाई के बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका एक बड़ा आर्थिक कारण है और कानून में प्रावधान होने के बावजूद गरीब छात्रों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा नहीं मिल पाती है। उनके माता-पिता को मनमानी फिस देकर निजी स्कूलों में पढ़ाना पड़ता है। मनपा द्वारा जुर्माना नहीं वसूले जाने से सरकार को करीब 600 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है साथ ही महाराष्ट्र के अन्य गैर स्वीकृत स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से 1200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आम आदमी पार्टी मुंबई की अध्यक्ष प्रीति शर्मा मेनन ने कहा कि सामान्य माता-पिता अपना पेट काटकर स्कूल की फिस भरते हैं। निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाना जरूरी है लेकिन राज्य सरकार और मनपा का शिक्षा विभाग ठोस कदम तो दूर स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने से भी कतरा रहा है। मुंबई मनपा पर कई वर्षों तक शिवसेना-भाजपा का शासन रहा हैं। सत्तारूढ़ शिवसेना और भाजपा दोनों ने सत्ता की मलाई खाने के लिए जानबूझकर इस घोटालें को नजर अंदाज किया करते हैं। शिक्षा का व्यवसायी करण करने वाले निजी स्कूलों को संरक्षण दिया जा रहा है । जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है और गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। राज्य सरकार और मुंबई मनपा को दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल से सीख लेनी चाहिए। ऐसा आम आदमी पार्टी मुंबई और उसकी मीडिया टीम ने मुंबई में आयोजित एक पत्रकार परिषद में बताया था । 【Photo By MCP】
★ब्यूरो रिपोर्ट जैक रिपोर्टर√•Metro City Post•News Channel•#आप#बीएमसी#शिक्षा विभाग
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