अपराधी विकास दुबे अपडेट्स : चार बड़े कारोबारी, 11 विधायक-मंत्री, पांच अफसरों से थे विकास के संबंध, एसटीएफ ने सौंपी सीडी / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई / रिपोर्ट स्पर्श देसाई】
कुख्यात विकास दुबे के उज्जैन से कानपुर आने तक हुई पूछताछ और बयानों की सीडी बनाकर एसटीएफ ने शासन और प्रवर्तन निदेशालय को सौंपी है। इसमें उससे 50 से ज्यादा सवाल पूछे गए हैैं। पूछताछ में विकास ने उससे संबंध रखने वाले कई लोगों के नाम बताए, जिसमें कारोबारी, विधायक-मंत्री और बड़े अफसर शामिल हैं। रास्ते में विकास सोया नहीं, कुछ देर के लिए सीट पर सिर टिका आंख जरूर बंद लेता था।
सूत्रों ने बताया कि विकास दुबे ने दो जुलाई को वारदात वाली रात से लेकर उज्जैन में गिरफ्तार होने तक की पूरी कहानी बताई और मदद करने वालों के नाम बताए हैैं। अपने चार बड़े करीबी कारोबारियों, 11 विधायकों-मंत्रियों और पांच उच्च पदों पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से मित्रता होने की जानकारी दी है। उसने यह भी बताया कि उसकी संपत्तियां कहां और किसके नाम पर हैैं ? अवैध रूप से जुटाई गई रकम का इन्वेस्टमेंट और अन्य खर्चों के बारे में भी बताया है। एसटीएफ ने उसके बयान का वीडियो भी बनाया है।
फोन करके करा देता था पोस्टिंग
विकास ने बताया कि सरकार और शासन में पकड़ होने के कारण ही वह फोन करके ट्रांसफर व पोस्टिंग भी करा देता था। कुछ माह पूर्व एक थानेदार और चार चौकी प्रभारियों की भी तैनाती कराई थी। 50 पुलिस वाले उसके यहां आते थे। विकास ने दो आइपीएस अधिकारियों व तीन एएसपी से भी मित्रता होने की बात कही। बताया कि इनसे फोन पर अक्सर बात होती थी। जरूरत होती थी तो अपना आदमी भेज देता था उनके पास।
सीओ मुझे बर्बाद करने की कोशिश कर रहे थे
सूत्रों के मुताबिक विकास ने बताया कि सीओ देवेंद्र कुमार मिश्र मुझे बर्बाद करना चाहते थे। मेरे करीबियों से कहते थे कि उसकी दूसरी टांग मैैं ही तोड़ूंगा। करीबी घर आकर सारी बात बताते थे, मेरे गांव व क्षेत्र में मेरी मर्जी के बिना पुलिस घुस नहीं सकती, वहां से घसीटकर ले जाने और एनकाउंटर करने की बात कहते थे। यही बात नागवार गुजरी। बोला, दबिश हुई तो गुस्से में यह हो गया। विकास ने हमले में शामिल रहे करीब एक दर्जन लोगों के नाम भी बताए, जो पुलिस को नहीं मालूम थे।
◆ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई √●Metro City Post●News Channel● ●Photo By Agenc●
कुख्यात विकास दुबे के उज्जैन से कानपुर आने तक हुई पूछताछ और बयानों की सीडी बनाकर एसटीएफ ने शासन और प्रवर्तन निदेशालय को सौंपी है। इसमें उससे 50 से ज्यादा सवाल पूछे गए हैैं। पूछताछ में विकास ने उससे संबंध रखने वाले कई लोगों के नाम बताए, जिसमें कारोबारी, विधायक-मंत्री और बड़े अफसर शामिल हैं। रास्ते में विकास सोया नहीं, कुछ देर के लिए सीट पर सिर टिका आंख जरूर बंद लेता था।
सूत्रों ने बताया कि विकास दुबे ने दो जुलाई को वारदात वाली रात से लेकर उज्जैन में गिरफ्तार होने तक की पूरी कहानी बताई और मदद करने वालों के नाम बताए हैैं। अपने चार बड़े करीबी कारोबारियों, 11 विधायकों-मंत्रियों और पांच उच्च पदों पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से मित्रता होने की जानकारी दी है। उसने यह भी बताया कि उसकी संपत्तियां कहां और किसके नाम पर हैैं ? अवैध रूप से जुटाई गई रकम का इन्वेस्टमेंट और अन्य खर्चों के बारे में भी बताया है। एसटीएफ ने उसके बयान का वीडियो भी बनाया है।
फोन करके करा देता था पोस्टिंग
विकास ने बताया कि सरकार और शासन में पकड़ होने के कारण ही वह फोन करके ट्रांसफर व पोस्टिंग भी करा देता था। कुछ माह पूर्व एक थानेदार और चार चौकी प्रभारियों की भी तैनाती कराई थी। 50 पुलिस वाले उसके यहां आते थे। विकास ने दो आइपीएस अधिकारियों व तीन एएसपी से भी मित्रता होने की बात कही। बताया कि इनसे फोन पर अक्सर बात होती थी। जरूरत होती थी तो अपना आदमी भेज देता था उनके पास।
सीओ मुझे बर्बाद करने की कोशिश कर रहे थे
सूत्रों के मुताबिक विकास ने बताया कि सीओ देवेंद्र कुमार मिश्र मुझे बर्बाद करना चाहते थे। मेरे करीबियों से कहते थे कि उसकी दूसरी टांग मैैं ही तोड़ूंगा। करीबी घर आकर सारी बात बताते थे, मेरे गांव व क्षेत्र में मेरी मर्जी के बिना पुलिस घुस नहीं सकती, वहां से घसीटकर ले जाने और एनकाउंटर करने की बात कहते थे। यही बात नागवार गुजरी। बोला, दबिश हुई तो गुस्से में यह हो गया। विकास ने हमले में शामिल रहे करीब एक दर्जन लोगों के नाम भी बताए, जो पुलिस को नहीं मालूम थे।
◆ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई √●Metro City Post●News Channel● ●Photo By Agenc●
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