√• न्याय नही होगा किसी अन्य विधि से, मिलेगा गुजारा भत्ता अब मुकदमा तिथि से: कहा सुप्रीम कोर्ट ने / रिपोर्ट स्पर्श देसाई

√• न्याय नही होगा किसी अन्य विधि से, मिलेगा गुजारा भत्ता अब मुकदमा तिथि से: कहा सुप्रीम कोर्ट ने / रिपोर्ट स्पर्श देसाई






                  Photo Courtesy Google

【मुंबई / रिपोर्ट स्पर्श देसाई 】 सुप्रीम कोर्ट ने वैवाहिक विवाद मामलों में देश की विभिन्न अदालतों द्वारा अंतरिम मुआवजे और गुजारा भत्ते की राशि के निर्धारण में एकरूपता लाने के इरादे से बुधवार को विस्तृत दिशानिर्देश तय किए। इसके मुताबिक जिस दिन मुकदमा दायर होगा उसी दिन से गुजारा भत्ते का भुगतान किया जाएगा। जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने कहा कि ओवरलैपिंग अधिकार क्षेत्र और परस्पर विरोधी आदेशों की समस्या से निकलने के लिए कुछ निर्देश देने की आवश्यकता थी।


गुजारा भत्‍ता पर तय किए दिशानिर्देश :

शीर्ष अदालत ने ओवरलैपिंग अधिकार क्षेत्र, अंतरिम गुजारा भत्ते का भुगतान, गुजारा भत्ते की राशि निर्धारित करने का आधार, गुजारा भत्ते के भुगतान की तारीख का निर्धारण और गुजारा भत्ते के आदेशों पर अमल जैसे बिंदुओं पर दिशानिर्देश तय किए हैं। शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र के एक वैवाहिक मामले में यह फैसला सुनाया। इस मामले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के अंतर्गत पत्नी और बेटे के लिए गुजारा भत्ते का सवाल उठाया गया था।


ओवरलैपिंग अधिकार क्षेत्र पर अहम व्यवस्था :

सुप्रीम कोर्ट ने अधिकार क्षेत्र ओवरलैपिंग होने के मुद्दे पर निर्देश दिया कि अगर कोई पक्ष अलग-अलग कानून के तहत एक के बाद एक दावे करता है तो अदालत बाद की कार्यवाही में किसी प्रकार की राशि का निर्धारण करते समय पहले की कार्यवाही में निर्धारित राशि को समायोजित करेगी या इसे अलग कर देगी।


पहली कार्यवाही में सुधार के लिए जाना होगा पूर्व अदालत :

शीर्ष अदालत ने कहा, 'आवेदक के लिए दूसरी कार्यवाही शुरू करते समय पहली कार्यवाही और उसमें दिए गए आदेशों की जानकारी देना अनिवार्य है। अगर पहली कार्यवाही में दिए गए आदेश में किसी प्रकार के सुधार की आवश्यकता हुई तो इसके लिए उक्त पक्ष को पहले कार्यवाही वाली अदालत में ही जाना होगा।'


परिस्थितियों के हिसाब से गुजारा भत्ते का निर्धारण :

पीठ ने कहा कि गुजारा भत्ता के लिए जिस तारीख को आवेदन दायर किया जाएगा, उसी तारीख से गुजारा भत्ते का भुगतान करना होगा। गुजारा भत्ते की राशि का निर्धारण करते समय संबंधित अदालत इस फैसले में निर्धारित आधारों पर विचार करेगी। हालांकि, ये पहलू ही पूरे नहीं हैं और संबंधित अदालत अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल करते हुए किसी अन्य पहलू पर भी विचार कर सकती है, जो उसे पेश मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में प्रासंगित लगते हों।


अदालतों की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा फैसला:

अदालत ने कहा कि यह फैसला जागरूकता पैदा करने और अमल के लिए सभी जिला अदालतों, कुटुंब अदालतों, न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालतों की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा।


★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई √•Metro City Post•News Channel•


Comments

Popular posts from this blog

*मुंबई में अगले तीन दिन भारी बारिश, कल जल प्रलय हो सकता है मुंबई में भारी बारिश का अनुमान, बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*तेलंगाना में 300 करोड़ रुपये का 200 किलो सोना और 105.58 करोड़ की नकदी जब्त*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*संचार के द्वारपाल: समाचारों को प्राथमिकता देने में पत्रकार की महत्वपूर्ण भूमिका*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई