तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश से पूछा-क्या बिहार में सब घोटाले भूतों ने किए ? / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश से पूछा-क्या बिहार में सब घोटाले भूतों ने किए ? / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई / रिपोर्ट स्पर्श देसाई 】 बिहार में कोरोना टेस्ट में फर्जीवाड़े के बाद देश भर में बिहार की प्रतिष्ठा एक बार फिर से धूमिल हुई है। दाग मिटाने के लिए बिहार सरकार ने सफाई दी है और कहा है कि एक-दो गलती से पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा करना ठीक नहीं। इधर,कोरोना घोटाला की बात प्रमाणित होने पर विपक्ष की ओर से सीएम नीतीश पर लगातार हमले जारी हैं। एक बार फिर तेजस्वी यादव सरकार पर निशाना साधा है।
सब घोटाले भूतों ने किए?
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश से सवाल पूछा है। उन्होंने पूछा-आदरणीय मुख्यमंत्री जी,अब तो बता दीजिए बिहार में कागजों पर हुए 2 करोड़ से अधिक कोरोना टेस्ट में कितने फीसदी फर्ज़ी टेस्ट थे? 70-80% या उससे भी अधिक? बिहार में सरकार द्वारा सत्यापित अब तक हुए 63 घोटालों में आपकी कोई भूमिका ही नहीं है। है ना? सब घोटाले भूतों ने किए?
तेजस्वी ने कहा था कि बिहार में कोरोना घोटाला अरबों का है। जांच कराने वाले का नाम फर्जी, मोबाइल नंबर जीरो, पता और उम्र भी जीरो है। उन्होंने कहा था कि आरजेडी की ओर से संसद में मामला उठाने के बाद सीएम घोटाला करने वालों से ही घोटाले की जांच करवा चंद घंटों में ही क्लीनचिट दिलवा रहे हैं।
नीतीश सरकार ने दी थी सफाई :
कोरोना टेस्ट को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने शनिवार को कहा था कि जमुई के बरहट और सिकंदरा में गंभीर मामले सामने आये हैं। इस लापरवाही के आरोप में जिले के सिविल सर्जन समेत कई अन्य अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।स्वास्थ्य प्रधान सचिव ने सफाई देते हुए कहा था कि अन्य जिलों में इस तरह के मामले हैं या नहीं इसकी जांच के लिए जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। 26 जिलों के डीएम को रैंडम जांच करने का निर्देश दिया गया है।
उधर मांझी' को एक और मंत्री पद नहीं मिला तो क्या हुआ? विप की सीट तो झोली में आएगी ही ?
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी अभी भी आस लगाए बैठे हैं। मांझी को लग रहा की अंत -अंत तक विधान परिषद की एक थी उनकी झोली में मिलेगी। एमएलसी सीट को लेकर वे कभी गरम हो रहे तो कभी नरम। उनकी पूरी कोशिश है कि नीतीश कुमार उन्हें विधान परिषद की 1 सीटें दे दें, ताकि उस पर अपने खास रिश्तेदार को माननीय बना सकें।
आज एक बार फिर से जीतन राम मांझी ने अपनी बात खुलकर रख दिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के मनोनयन से भरी जाने वाली 1 सीट उन्हें मिलनी चाहिए।पहले एक और मंत्री के साथ-साथ एमएलसी सीट की मांग कर रहे थे। मंत्रिमंडल का विस्तार तो हो गया लेकिन उसमें तो जगह नहीं मिली। लेकिन राज्यपाल कोटे से मनोनयन वाली 1 सीट उन्हें मिलनी चाहिए।
दौरान बिहार पंचायत चुनाव में सामने आया बड़ा पेंच :
ईवीएम वोटिंग पर बिहार और भारत निर्वाचन आयोग में ठनी, कोर्ट में पहुंचा मामला । बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर सबसे बड़ा पेंच फंस गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि चुनाव को लेकर बिहार और भारत निर्वाचन आयोग के बीच किसी मुद्दे पर ठन गई हो। दरअसल इस बार बिहार में पंचायत चुनाव ईवीएम से कराने की तैयारी है लेकिन पंचायत चुनाव में बड़ी तादाद में ईवीएम की अनुपलब्धता समस्या बन गई है। मामला इतना बिगड़ गया है कि राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव आयोग के खिलाफ हाईकोर्ट जा पहुंचा है। राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव को ईवीएम से कराने की तैयारी कर रहा है। राज्य सरकार ने इसके लिए मंजूरी भी दे दी है लेकिन ईवीएम उपलब्ध नहीं होने के कारण अब चुनाव पर ही संकट खड़ा हो गया है। बिहार निर्वाचन आयोग और चुनाव आयोग के बीच जारी रस्साकशी के बीच मामला अब पटना हाईकोर्ट जा पहुंचा है। अगर ईवीएम सही समय पर उपलब्ध नहीं हो पाया तो पंचायत चुनाव की तारीख आगे बढ़ सकती है। फिलहाल चुनाव मार्च से मई महीने के बीच 9 चरणों में होना है। बिहार निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक पंचायत चुनाव के लिए 15000 ईवीएम की खरीद होनी है लेकिन इस खरीद के लिए चुनाव आयोग से एनओसी लेना जरूरी है। राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक अभी तक भारत निर्वाचन आयोग से एनओसी प्राप्त नहीं हो पाया है। फरवरी के दूसरे सप्ताह में ईवीएम की आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए आयोग से चुनाव की तारीखों की तैयारी चल रही है। मार्च में चुनाव शुरू हो जाने हैं लेकिन ईवीएम की उपलब्धता नहीं हो पाई है इसकी वजह से संभावित कार्यक्रम को टालना भी पड़ सकता है। आयोग को 15 जून के पहले निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी कर लेनी है।
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई √•Metro City Post•News Channel•
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