आज मंगलवार को आकाश में होगी अद्भुत खगोलीय घटना, दुनिया की 90 प्रतिशत आबादी के लिए होगा ग्लोबल ब्लैक आउट/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
आज मंगलवार को आकाश में होगी अद्भुत खगोलीय घटना, दुनिया की 90 प्रतिशत आबादी के लिए होगा ग्लोबल ब्लैक आउट/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】इस बार पूरे साल में एक रात ऐसी भी आती है । जब दुनिया की अधिकांश आबादी वाला क्षेत्र एक पल के लिए अंधेरे का सामना कर रहा होगा। वैज्ञानिकों ने रात के अंधकार के इस समय को वैश्विक अंधकार का क्षण कहा है। साल में एक रात ऐसी भी आती है। जब दुनिया की अधिकांश आबादी वाला क्षेत्र एक पल के लिए अंधेरे का सामना कर रहा होगा।
इस बार यह रात 6 दिसंबर को ऐसी होगी। इस दौरान दुनिया के लगभग 90 प्रतिशत आबादी क्षेत्र रात का अंधेरा छाया होगा। यह मात्र पलभर का समय होगा। वैज्ञानिकों ने इस समय को वैश्विक अंधकार का क्षण कहा है । भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बंगलुरु के रिटायर्ड खागिलविद प्रो. आर.सी. कपूर ने बताया कि एशिया,अफ्रीका व यूरोप का अधिकांश हिस्से में रात हो रही होगी और सर्वविदित है कि दुनिया की अधिकांश आबादी इन्ही महाद्वीपों में निवास करती है।
जिस समय यह वक्त आएगा । उस समय भारतीय समय अनुसार रात का 1:26 बज रहा होगा। वैज्ञानिकों ने रात के अंधकार के इस समय को वैश्विक अंधकार का क्षण कहा है। जिस समय यह वक्त आएगा । उस समय भारतीय समय अनुसार रात का 1:26. बज रहा होगा। वैज्ञानिकों ने रात के अंधकार के इस समय को वैश्विक अंधकार का क्षण कहा है। सूर्य की रोशनी में होंगे दुनिया के कुछ हिस्से हांलाकि इस समय दुनिया के कुछ हिस्से सूर्य की रोशनी में होंगे। इन क्षेत्रों में अमेरिका, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश भाग शामिल होंगे। आबादी के हिसाब से इन क्षेत्रों में दुनिया की सबसे कम आबादी है। वैज्ञानिकों ने कुछ महीने पहले आबादी वाले क्षेत्र में दिन की रोशनी का कंप्यूटर के जरिए पता लगाया।
अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान सूचना नेटवर्क केंद्र से एकत्र किया हैं यह डेटा । यह आंकड़े कोलंबिया विश्वविद्यालय में वैज्ञानिकों ने अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान सूचना नेटवर्क केंद्र से यह डेटा एकत्र किया। तब दिन की आधिकांश रोशनी का पता चला कि आठ जुलाई को दुनिया के सबसे अधिक हिस्से में सूर्य की रोशनी पड़ती है। जिसके चलते यही से विश्व के अधिकांश हिस्से में रात के अंधेरे का पता लगाया गया। वरिष्ठ खगोल विज्ञानी का कहना कि यह स्वाभाविक इधर आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय का कहना है कि यह स्वाभाविक है क्योंकि दिन रात के घटने बढ़ने का क्रम पूरे वर्ष चलता है। इस क्रम में उत्तरी व दक्षिणी गोलार्ध में साल की सबसे लंबी रात व दिन होता है। साथ ही वर्ष में दो दिन ऐसे भी होते हैं । जब दिन व रात का समय बराबर हो जाता है।【Photo Courtesy Google】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#ब्लैक आउट#ग्लोबल
Comments