*मराठी वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि नं.धो.महानोर का निधन हो गया,उन्होंने पुणे के रूबी हॉल क्लिनिक में सुबह 8:30 बजे अंतिम सांस ली,वह 81 वर्ष के थे*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*मराठी वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि नं.धो.महानोर का निधन हो गया,उन्होंने पुणे के रूबी हॉल क्लिनिक में सुबह 8:30 बजे अंतिम सांस ली,वह 81 वर्ष के थे*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

【मुंंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】मराठी वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि नं.धो.महानोर का निधन हो गया।  उन्होंने पुणे के रूबी हॉल क्लिनिक में सुबह 8:30 बजे अंतिम सांस ली। वह 81 वर्ष के थे । उनके निधन से साहित्य जगत में शोक फैल गया है। मराठी साहित्य और कला जगत के लिए यह लगातार दूसरा झटका है। उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार शुक्रवार को उनके पैतृक गांव पलासखेड़ में किया जाएगा। मराठी कविता के क्षेत्र में वे एक ऐसे कवि के रूप में जाने जाते थे। जो अपने शब्दों से बेतहाशा सुगंध फैलाते थे और मराठी लोगों के दिलों में जगह बनाते थे। मराठी साहित्य के क्षेत्र में महानोर ने अपने गवरन साहित्य के दम पर अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। उन्हें प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी और पद्मश्री पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। पिछले 12 दिनों से पुणे के रूबी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था ।

धो.महानोर ही थे जिन्होंने महाराष्ट्र को लोकप्रिय नारा 'पानी अदवा, पानी जिरवा' दिया था।  उनकी आखिरी किताब उनके द्वारा लिखी गई 'फुटस्टेप्स ऑफ सुलोचना' थी। उनके लेखन से 'अजंता', 'कपूस खोदवा','पानज़ाद','बरसात की कविताएँ', 'पल्सखेड के गीत' 'पार्टियों का ध्यान', 'जंगल में कविताएँ', 'शेती', 'गंगा वाहु' डी निर्मल', 'द मेमरीज़' ने ज़ोका', 'दिवेलागनीज़ टाइम' जैसी गुणवत्तापूर्ण सामग्री का निर्माण किया था। उन्होंने 'वाटर फॉर एग्रीकल्चर' 'जलधारण', 'लोटपदान', 'ड्रिप इरीगेशन', 'शेतकारी दिंडी' किताबें लिखीं थी। महनोर विधान परिषद के पूर्व विधायक थे। विधान परिषद में नियुक्त होने के बाद उन्होंने कृषि पर अपने जुनून और अध्ययन के विषय पर सवाल उठाना शुरू कर दिया था। उन्होंने साबित कर दिया कि पानी की समस्या को हल करने के लिए कम पानी में भी फसलें उगाई जा सकती हैं।  उनके इस प्रयोग को संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार ने शुष्कभूमि फल वृक्ष योजना शुरू की थी । यह कविता सुदूर जंगल में आज भी लोकप्रिय है।  इस कविता का हर शब्द प्रकृति में सृजन के बारे में था। उनके निधन के बाद महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार,एकनाथ शिंदे,अजित पवार, सुप्रिया सुले ने उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। कल रात जब डॉक्टरों ने कहा कि उन पर इलाज का असर नहीं हो रहा है तो उनके चिरंजीव ने वरिष्ठ नेता शरद पवार और अशोक जैन से सलाह ली और उनका इलाज किया गया था।  शाम को उनकी सांस रुक गई थी । कला गुरु नितिन देसाई ने कल आत्महत्या कर ली थी। आज महनोर की मौत ने एक और सदमा दिया है ।【Photo Courtesy Google】

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#कवि#निधन:#मराठी भाषी

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