*बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया गया। यह जिया की रिहाई का आदेश उनकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और बांग्लादेश से भागने के कुछ घंटों बाद आया है।
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री हैं खालिदा जिया। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और प्रमुख विपक्षी नेता खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया है । जबकि उनकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी शेख हसीना को पद से हटा दिया गया था और वे देश से भाग गई थीं। राष्ट्रपति की प्रेस टीम ने 5 अगस्त सोमवार को एक बयान में कहा कि शहाबुद्दीन की अगुवाई में हुई बैठक में "बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया को तुरंत रिहा करने का सर्वसम्मति से फैसला किया गया"।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाए जाने पर दुनिया की प्रतिक्रिया सामने आई हैं।
सेना प्रमुख जनरल वकर-उज़-ज़मान,नौसेना और वायु सेना के प्रमुख और बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों के शीर्ष नेता राष्ट्रपति की बैठक में शामिल हुए। 78 वर्षीय जिया जो बांग्लादेश की दो बार प्रधानमंत्री रह चुकी हैं। खराब स्वास्थ्य में हैं और साल 2018 में भ्रष्टाचार के लिए 17 साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद से अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी हसीना के साथ लंबे समय से प्रतिद्वंद्विता है और उन पर अनाथालय ट्रस्ट के लिए दान में से लगभग 250,000 डॉलर का गबन करके अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप है। बीएनपी ने कहा है कि मामले मनगढ़ंत हैं और जिया को राजनीति से दूर रखने के उद्देश्य से बनाए गए हैं । हसीना की सरकार ने आरोपों से इनकार किया है।
राष्ट्रपति के बयान में कहा गया है कि बैठक में छात्र विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को रिहा करने का भी फैसला किया गया है।" सरकारी नौकरी कोटा को लेकर घातक सड़क विरोध प्रदर्शनों के दौरान पिछले महीने से 2,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जो जल्द ही हसीना के पद छोड़ने के लिए एक राष्ट्रव्यापी आह्वान में बदल गया।
अधिकारियों द्वारा कुचलने की कोशिश किए गए विरोध प्रदर्शनों के हफ्तों में लगभग 300 लोग मारे गए। रविवार को घातक हिंसा की एक रात में करीब 100 लोग मारे गए और विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया।
इससे पहले सोमवार को जनरल वकर-उज़-ज़मान ने कहा कि एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी और हफ़्तों तक चले विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई मौतों की जाँच की जाएगी। मैं आप सभी से वादा करता हूँ कि हम सभी हत्याओं और अन्याय के लिए न्याय लाएँगे। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि देश की सेना पर भरोसा रखें। मैं पूरी जिम्मेदारी लेता हूं और आपको भरोसा दिलाता हूं कि आप निराश न हों । ऐसा जनरल ने कहा।.सेना ने यह भी कहा कि वह मंगलवार को भोर में कर्फ्यू हटा लेगी और मंगलवार को सुबह 6 बजे से कार्यालय, कारखाने, स्कूल और कॉलेज खोल देगी। ढाका से आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा, गिरफ्तारी और कर्फ्यू के बावजूद,सड़कों पर लोग हसीना के बाहर निकलने पर खुश थे। सेना के गश्ती दल ने प्रदर्शनकारियों से घर जाने को कहा था कि सेना उनके साथ है और उन्हें सड़कें खाली कर देनी चाहिए। वे कह रहे थे कि प्रदर्शनकारी पूरी तरह सुरक्षित हैं और उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है लेकिन लोग अभी भी सड़कों पर रहने की योजना बना रहे हैं । भले ही वहां इतनी भीड़ न हो। ऐसा रिपोर्ट में कहा गया हैं । देश में आगे क्या होता है ?यह इस बात पर निर्भर करता है कि अंतरिम सरकार कैसे बनती है इसके सदस्य कौन हैं और वे जनता को कितने स्वीकार्य हैं। संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत आइरीन खान ने एक निजी चैनल से कहा कि सेना के सामने बहुत कठिन काम है। हम सभी उम्मीद कर रहे हैं कि संक्रमण शांतिपूर्ण होगा और जो भी मानवाधिकार उल्लंघन हुए हैं,उनके लिए जवाबदेही तय की जाएगी।
दौरान उक्शाई हुई भीडने शेख मुजिब के पूतले को तोड़ ने की कोशिश की हालांकि बांग्लादेश के जनक शेख मुजीबुर्रहमान की विशालकाय प्रतिमा को बुलडोज़र से तोड़ा गया । बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रदर्शनकारियों ने देश के जनक व पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की विशालकाय प्रतिमा को बुलडोज़र से तोड़ दिया है। सामने आए वीडियो में प्रदर्शनकारी बुलडोज़र से मूर्ति की गर्दन पर वार करते दिख रहे हैं। उनके समाधि को स्मृति मेमोरियल सरीखे बड़ी तस्वीर को भी खंडित कर दिया और बंग बंधु लायब्रेरी को आग लगा दी गई साथ में
बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने पूर्व क्रिकेट कप्तान मशरफे मुर्तज़ा के घर में लगाई थी आग । बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के बीच प्रदर्शनकारियों ने देश के पूर्व क्रिकेट कप्तान और आवामी लीग के सांसद मशरफे मुर्तज़ा के घर में आग लगा दी है। प्रदर्शनकारियों ने ढाका में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के दफ्तर में भी आग लगा दी। गौरतलब है शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद देश छोड़ दिया है।
बांग्लादेश में कब-कब हुआ है तख्तापलट?
साल 1971 में बांग्लादेश के गठन के बाद 1975 में पहली बार देश में तख्तापलट हुआ था । जब कई सैन्य अधिकारियों ने तत्कालीन राष्ट्रपति की हत्या कर दी थी। बांग्लादेश में 1982 और 2007 में भी तख्तापलट हुआ था। इसके अलावा बांग्लादेश में 1977-80 के बीच 1996,2009 और 2011 में तख्तापलट की असफल कोशिश की गई थी।
कैसा रहा है शेख हसीना का राजनीतिक सफर?
साल 2009 से लगातार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना बांग्लादेश में सर्वाधिक बार,5 कार्यकाल तक प्रधानमंत्री रही हैं। 76-वर्षीय हसीना बांग्लादेश के जनक शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी हैं और साल 1996 में पहली बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनी थीं। साल 2004 में हसीना की हत्या की कोशिश हुई थी और साल 2007 में तख्तापलट के बाद उन्हें जेल में डाल दिया गया था।
साल1975 में अपने पिता व बांग्लादेश के तत्कालीन राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान और उनके परिवार के कई लोगों की हत्या के दौरान शेख हसीना दिल्ली के लाजपत नगर में कुछ समय के लिए गुपचुप तरीके से रही थीं। बाद में वह लुटियंस दिल्ली में शिफ्ट हो गई थीं। वह 1981 तक अपने पति और बच्चों के साथ भारत में रही थीं।【Photos :Google】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#बांग्लादेश#तख्तापलट
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