*भारत में जन्माष्टमी का त्यौहार : कृष्ण जन्मोत्सव का पवित्र पर्व*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*भारत में जन्माष्टमी का त्यौहार : कृष्ण जन्मोत्सव का पवित्र पर्व*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】भारतीय संस्कृति उत्सवों और त्योहारों का खजाना है। जो समृद्ध परंपराओं और गहरे आध्यात्मिक महत्व को दर्शाते हैं। जन्माष्टमी ऐसे ही एक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। जो भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाता है।
भगवान कृष्ण जिन्हें हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में पूजा जाता है। उनका जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। इस तिथि को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है । जो एक ऐसा दिन है जब भक्त प्रभु कृष्ण का गुणगान करते हैं और उनके जीवन और शिक्षाओं का स्मरण करते हैं।
जन्माष्टमी भारत भर में बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाई जाती है। मंदिरों को फूलों और रंग-बिरंगे ध्वजों से सजाया जाता है और भक्त पवित्र भजन गाते हुए भगवान कृष्ण की मूर्तियों की पूजा करते हैं।
पवित्र ग्रंथों के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म कंस के शासन के दौरान हुआ था। जो उनके चचेरे भाई थे और मथुरा के क्रूर राजा थे। भविष्यवाणी की गई थी कि कंस की मृत्यु उसके भतीजे के हाथों होगी इसलिए उसने अपनी सभी बहनों के नवजात शिशुओं को मार डाला था.हालांकि कृष्ण की माता देवकी अपने आठवें बच्चे को कंस की क्रूरता से बचाने में सक्षम थीं। उन्हें भगवान विष्णु द्वारा निर्देश दिया गया था कि वे अपने नवजात शिशु को यशोदा और नंद नामक चरवाहों के पास ले जाएं । जो वृंदावन में रहते थे।
वृंदावन में कृष्ण ने अपनी युवावस्था बिताई और अपनी दिव्य लीलाओं के माध्यम से अपने भक्तों के दिलों को जीत लिया। उनकी मधुर बांसुरी की धुन,उनका रासलीला नृत्य और उनका दिव्य प्रेम आज भी भक्तों को आकर्षित करता है।
जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिरों में विशेष प्रार्थनाएं और अनुष्ठान किए जाते हैं। भक्त रात भर जागते रहते हैं,भजन गाते हैं और कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं को सुनते हैं। कई स्थानों पर भव्य झांकियां और रंगीन जुलूस निकाले जाते हैं । जो कृष्ण की लीलाओं को दर्शाते हैं।
जन्माष्टमी न केवल भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव है। बल्कि यह भक्ति, प्रेम और आध्यात्मिक जागृति का पर्व भी है। कृष्ण की शिक्षाएं निस्वार्थ प्रेम, कर्मयोग और भक्ति के आदर्शों पर जोर देती हैं।
जन्माष्टमी का त्यौहार न केवल भारत में बल्कि विश्व भर में हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है। यह एक ऐसा अवसर है जब भक्त अपने आंतरिक आध्यात्मिक विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं और भगवान कृष्ण के दिव्य प्रेम और मार्गदर्शन से जुड़ते हैं।
जैसे ही हम जन्माष्टमी के पवित्र पर्व को मनाते हैं । आइए, हम भगवान कृष्ण की शिक्षाओं का पालन करें और उनके दिव्य गुणों को अपने जीवन में अपनाएं। आइए, हम सभी प्राणियों के प्रति दया और करुणा का अभ्यास करें । निःस्वार्थ प्रेम करें और ज्ञान और भक्ति के मार्ग पर चलें।
जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर हम आपको और आपके परिवार को आध्यात्मिक उन्नति,शांति और खुशी की शुभकामनाएं देते हैं। कृष्ण की कृपा आप सभी पर सदैव बनी रहे।【Photos : Google】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#जन्माष्टमी#त्यौहार
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