*Metro...दुनिया की पहली ड्राइवर थी महिला, 106 किमी तक चलाई थी मर्सिडीज़*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*Metro...दुनिया की पहली ड्राइवर थी महिला, 106 किमी तक चलाई थी मर्सिडीज़*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】मर्सिडीज़-बेंज़ के संस्थापक कार्ल बेंज़ की पत्नी बर्था बेंज़ को दुनिया की पहली ड्राइवर कहा जाता है। उन्होंने अगस्त 1888 को जर्मनी में अपने पति द्वारा बनाई गई मोटरवेगन मॉडल-III को चलाया था। कार्ल ने पहले इस वाहन को छोटी सड़क पर चलाया था लेकिन बर्था व्यापक रूप से लंबी दूरी (106 किमी) तक वाहन चलाने वाली पहली ड्राइवर थी इसलिए दुनिया की पहली महिला ड्राइवर बेर्था बेंज थीं । जो मर्सिडीज-बेंज के संस्थापक कार्ल बेंज की पत्नी थीं। उन्होंने सन 1888 में एक ऐतिहासिक यात्रा की थी। जिसने ऑटोमोबाइल इतिहास में न केवल उनका नाम दर्ज किया बल्कि कार के व्यावसायिक उपयोग को भी बढ़ावा दिया था। बेर्था ने मैनहेम (जर्मनी) से फोर्ज़हाइम (Pforzheim) तक का सफर तय किया था। जो 106 किलोमीटर लंबा था। यह यात्रा उन्होंने अपने पति कार्ल बेंज द्वारा निर्मित तीन पहियों वाली कार "बेंज पेटेंट - मोटरवैगन मॉडल 3" से की थी। कार्ल बेंज की कार तीन साल तक नहीं बिकी थी। बेर्था ने इसे जनता के सामने प्रदर्शित करने और इसकी व्यावहारिकता साबित करने के लिए यह साहसिक यात्रा की थी। उन्होंने यह कदम बिना पति की अनुमति लिए उठाया था। रास्ते में कार का इंजन गर्म हो गया तो बेर्था ने पानी डालकर उसे ठंडा किया था। ईंधन लाइन में रुकावट आने पर उन्होंने अपनी हेयरपिन से इसे साफ किया था। ईंधन खत्म होने पर उन्होंने एक केमिस्ट की दुकान से "लिग्रोइन"(पेट्रोलियम उत्पाद) खरीदा था। जिसे दुनिया का "पहला पेट्रोल पंप" माना जाता है। इस यात्रा के बाद कार्ल बेंज की कार की बिक्री में तेजी आई थी और बाद में मर्सिडीज-बेंज कंपनी की नींव रखी गई थी। साल 2008 में इस मार्ग को "बेर्था बेंज मेमोरियल रूट" नाम दिया गया था। बेर्था के साथ उनके दो बेटे रिचर्ड (13 वर्ष) और यूजेन (15 वर्ष) भी इस यात्रा में शामिल थे। बेर्था बेंज की यह यात्रा न केवल ऑटोमोबाइल इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई बल्कि महिलाओं के लिए भी प्रेरणादायक बनी थी। उन्होंने तकनीकी समस्याओं को हल करके और सार्वजनिक प्रदर्शन के माध्यम से कार के भविष्य को सुरक्षित किया था। इस तरह से दुनिया की पहली महिला ड्राइवर बेर्था बेंज़ (Bertha Benz) बनी थी। जिसने अपने सफर की कुल दूरी लगभग 106 किलोमीटर (66 मील) एक तरफा तय की थी। इस सफर की कुछ खास बातें देखें तो यह यात्रा उन्होंने बिना अपने पति को बताए की थी ताकि यह साबित किया जा सके कि कार लंबी दूरी के सफर के लिए उपयोगी है। रास्ते में उन्होंने कई समस्याओं का हल खुद किया था। जैसे ब्रेक की मरम्मत, ईंधन (लिग्रोइन) भरवाना और पंक्चर ठीक करना आदि। यह यात्रा ऑटोमोबाइल इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण मोड़ मानी जाती है। आज जिस रास्ते को "Bertha Benz Memorial Route" कहा जाता है वह रास्ता ऐतिहासिक यात्रा का प्रतीक बन चुका है।【 Photo Courtesy Google】
◆ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#महिला# ड्राइवर# पहली# विश्व
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