ताजमहल’ मंदिर या मकबरा ?/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई
‘ताजमहल’ मंदिर या मकबरा ?/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】मौजूदा वक्त में एक बहस तूल पकड़ रही है की ताजमहल कभी कोई मंदिर था या एक मकबरा ही है, आइये जानने की कोशिश करते हैं की आखिर इसका मालिक है कौन और किसकी है ये ज़मीन। दरअसल जिस जमीन पर ताजमहल बना है, वह अकबर के मशहूर सेनापति राजा मान सिंह की ज़मीन थी। जब मुमताज की मौत हुई, तो उस समय राजा मान सिंह के पोते राजा जयसिंह उस ज़मीन के मालिक थे। हालांकि तब शाहजहाँ या राजा जयसिंह ने यह अनुमान नहीं लगाया होगा कि एक दिन ऐसा आएगा जब ताजमहल की तामीर से जुड़ी अफवाहों के लिए दस्तावेजों की जाँच की जाएगी, शुक्र है कि मुगल हुकूमत की नौकरशाही अपना काम बखूबी करती थी, उस दौर में उनके द्वारा हजारों दस्तावेज तैयार और संरक्षित किए गए थे।
हालांकि एक लम्बा अरसा बीत जाने की वजह से उसमें से कई दस्तावेज अब मौजूद नहीं हैं, लेकिन कुछ दस्तावेज अब भी मौजूद हैं। शहंशाहों के संस्मरणों के अलावा; कई समकालीन लेख लिखे गए जो उस दौर की हर तफ़सील को दर्ज करते हैं। शाहजहां के दौर-ए-हुकूमत में कई दरबारी तारीखें भी लिखी गयीं। वो थी काज़विनी का पादशाहनामा, अब्दुल हमीद लाहौरी का पादशाहनामा और मोहम्मद सालिह कानबो का शाहजहाँनामा। ये किताबें शाहजहां की हुक्मरानी, इंतेजामिया, फुतुहात और उनकी इमारतों के बारे में मालूमात हासिल करने का एक अहम् जरिया हैं। 19वीं और 20वीं सदियों में कई ऐसी तहरीरे सामने आयीं, जिनमें कुछ अफवाहों को दर्ज किया गया था, शाहजहां के दौर से लेकर मुगलों की सल्तनत खत्म होने तक किसी दस्तावजों में आपको कुछ भी नहीं मिलेगा।
समकालीन तहरीरों में उस मकबरे का हवाला दिया गया है जो शाहजहां ने अपनी मलिका मुमताज महल के लिए तामीर करवाया था। जिसे रौज़ा ए मुनव्वरा या रौशन मकबरा कहा जाता है। W.E. Begley और Z.A. Desai ने मुख्तलिफ स्रोतों का हवाला देते हुए अपनी किताब Taj Mahal: The Illumined Tomb में लिखा है की ताजमहल जिस ज़मीन पर तामीर किया गया था वहां राजा जय सिंह की हवेली थी लेकिन उस ज़मीन पर कोई मजहबी इमारत का जिक्र नहीं है।
अंग्रेजी अखबार रहनुमा के मुताबिक, "राजा जयसिंह नेक मकसद के लिए उस ज़मीन को मुफ्त में देना चाहते थे, लेकिन शाहजहां इसके लिए रजामंद न हुए उन्होंने इस जमीन और हवेली के बदले उन्हें उससे बड़ी हवेली दी। कई तारीखी किताबों में 4 हवेलियों का जिक्र मिलता है जो राजा जयसिंह को उस हवेली और जमीन के बदले में दी गयी थी। हमने राजा जयसिंह के लिए जारी शाही फरमान की फोटो भी शेयर की है जिसे आप देख सकते हैं। (Taj Mahal: The Illumined Tomb | Page N. - 169)
*तेजोमहालय का उदय*
तेजोमहालय वाली बात साल 1989 में इतिहासकार पी एन ओक की एक किताब "ट्रू स्टोरी ऑफ ताज" में छपी थी जिसमें ताजमहल को शिव मंदिर या राजपुताना महल बताते हुए शाहजहां द्वारा कब्जा कर मकबरे में बदलने के बारे में लिखा गया था।
"
*कौन है पी एन ओक?*
साल 1917 में इंदौर में जन्मे पी एन ओक का पूरा नाम पुरषोत्तम नागेश ओक है।
*विवाद के कारण*
पी एन ओक के अनुसार, जिन कमरों में मूल मंदिर के अवशेषों को छिपाया गया है उन्हे सील कर दिया गया है।
*22 कमरों में राज़ छिपे होने का दावा*
मुख्य गुम्बद के नीचे प्लेटफार्म को चमेली फर्श कहा जाता है। नीचे 22 कमरे है जिनको खुलवाने की मांग की जा रही है। वहीं पुरातत्त्व विभाग से जुड़े पुराने अधिकारी इसको सही नहीं मानते,उनके मुताबिक यह कमरे नहीं सिर्फ मेहराबें है, वहां कुछ होने का मतलब ही नहीं है।【Photo & article Courtesy History Hours】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#ताजमहल
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