*राहुल गांधी जब बीजेपी और आर.आर.एस. पर जमकर बरसे और क्षेत्रीय दलों पर भी साधा निशाना तो आर.जे.डी. व जे.एम.एम. हुई नाराज, कहा कि...*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*राहुल गांधी जब बीजेपी और आर.आर.एस. पर जमकर बरसे और क्षेत्रीय दलों पर भी साधा निशाना तो आर.जे.डी. व जे.एम.एम. हुई नाराज, कहा कि...*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर के आखिरी दिन राहुल गांधी ने कांग्रेसियों में जोश भरा था । राहुल गांधी ने कांग्रेसियों से कहा था कि देश के लोगों के साथ पार्टी का जो संपर्क टूट गया है अब उसे फिर से जोड़ना होगा । इस दौरान राहुल गांधी ने एक ऐसी बात बोल दी थी जिससे तमाम क्षेत्रीय दल भड़क गए हैं । कांग्रेसियों में जोश भरने के लिए राहुल गांधी ने चिंतन शिविर में कहा था कि केवल कांग्रेस ही बीजेपी को हरा सकती है क्षेत्रीय पार्टियां नही क्योंकि उनकी कोई विशेष विचारधारा नही है । राहुल की यही बात क्षेत्रीय पार्टियों को अखर गई थी और उन्होंने राहुल को आडे़ हाथों ले लिया था । कांग्रेस की सहयोगी JMM, RJD ने नाराजगी जाहिर की हैं ।

चिंतन शिविर के आखिरी दिन राहुल गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला था । मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा था कि केवल कांग्रेस ही बीजेपी को हरा सकती है । क्षेत्रीय पार्टियां नहीं हरा पाएंगी । उन्होंने कांग्रेसियों से पूछा कि कौन सी राजनीतिक पार्टी इस तरह के संवाद की अनुमति देती है? एक ऐसा संवाद हुआ जिसमें सबसे वरिष्ठ नेतृत्व को खुलकर और बेझिझक यह बताया गया था कि कांग्रेस पार्टी क्या महसूस करती है ? उन्होंने कहा कि कांग्रेस संवाद का मंच प्रदान करती है । जो BJP, RSS और क्षेत्रीय पार्टियों में संभव नहीं है क्योंकि देश के लोगों के बीच संवाद कांग्रेस के DNA में है ।

राहुल गांधी के बयान पर जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने पलटवार किया था । कुमारस्वामी ने कहा था कि राहुल गांधी को यह नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस ने 10 साल सत्ता का मजा सिर्फ क्षेत्रीय दलों के भरोसे ही लिया है । कुमारस्वामी ने कहा था कि आईके गुजराल की अगुवाई में संयुक्त मोर्चा की सरकार को कांग्रेस ने इसलिए गिरा दिया था क्योंकि उसकी मांग थी कि डीएमके को कैबिनेट से बाहर रखा जाए । कांग्रेस का उस समय कहना था कि डीएमके का राजीव गांधी की हत्या करने वाले संगठन लिट्टे से लिंक है लेकिन कुछ सालों बाद इसी कांग्रेस ने डीएमके से रिश्ता जोड़ लिया था । कुमारस्वामी ने ट्वीट कर पूछा कि डीएमके के साथ 10 साल सत्ता में रहकर मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए-1 और यूपीए-2 सरकार चलाना क्या कोई वैचारिक प्रतिबद्धता थी? आरजेडी प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने कहा कि क्षेत्रीय दल बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में लोकसभा में बड़ी संख्या में सीटों के साथ मजबूत स्थिति में हैं और कांग्रेस को लोकसभा की 543 सीटों में से 320 में से अधिक पर क्षेत्रीय दलों के सदस्यों को देखते हुए उन्हें ‘ड्राइविंग सीट’ पर रहने देना चाहिए और खुद ‘सहयात्री’ बन जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी यह बात कही थी ।

इस चिंतन शिविर में कांग्रेस में वंशवाद खत्म करने को ऑफर के साथ 'एक परिवार-एक टिकट' का नियम लागु किया गया था । राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर के पहले दिन पार्टी के नेताओं ने नई कांग्रेस बनाने का दम भरा था । जिस परिवारवाद की तोहमत कांग्रेस झेलती आई है उसी को लेकर एक अहम फैसला किया गया था । कांग्रेस में अब एक परिवार से एक ही शख्स को टिकट दिया जाएगा यानी 'एक परिवार एक टिकट' होगी लेकिन इसके साथ ही उन्होंने एक 'ऑफर' भी जोड़ा कि अगर परिवार के दूसरे सदस्य ने भी 5 साल पार्टी के लिए काम किया है तो उसको भी टिकट दिया जा सकता है । वहीं इस बीच बीजेपी ने भी दु:खती रग में हाथ रखने का मौका नहीं छोड़ा और पूछा कि ये नियम क्या गांधी परिवार पर लागू होंगे? 

चिंतन शिविर में तय हुए फॉर्मेूले एक परिवार-एक टिकट ने राजस्थान के मंत्रियों की चिंंता बढ़ा दी है । प्रदेश में कई ऐसे मंत्री और नेता हैं,जिनके परिवार के सदस्य भी किसी न किसी पद पर है । ऐसे में नए फैसले के बाद उन्हें तय करना होगा कि या तो वे चुनाव लड़ेगे खुद रहेंगे या फिर परिवार में से किसी एक को मौका मिलेगा । लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा का, चाहे प्रधान का चुनाव या जिला प्रमुख का । राजस्थान के कई मंत्री हैं जिन्होंने लोकसभा में अपने परिजन के लिए टिकट मांगा  हैं साथ ही इनके परिजन जिलों में और पंचायत में प्रमुख-प्रधान भी हैं हालांकि पार्टी ने ताले के साथ चाबी भी दे दी है और एक शर्त रख दी है कि कम से कम पांच साल या इससे पहले से यदि परिजन राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय है तो वह टिकट की दावेदारी कर सकता है । मंत्रियों में ऐसे कई हैं जिनके बेटे राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय है साथ ही चिंतन शिविर में प्रस्ताव आया था कि पार्टी से युवाओं को जोड़ने के लिए संगठन में 50% पद 50 साल से कम उम्र वालों को दिया जाएगा साथ ही चुनाव में 50% टिकट 50 साल से कम आयु वालों को मिलेगा । इस पर कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने उम्र के मुद्दे पे कहा है कि उनकी सोच अलग है । खाचरियावास ने कहा कि उम्र के बारे में बात करना अपनी कमजोरी छुपाना है ।【Photo Courtesy Google】

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई √•Metro City Post•News Channel•#राहुल गांधी

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