*2479 वां ओसवाल वंश का स्थापना दिन महोत्सव हर्षोल्लासित सम्पन्न,एक शाम वरकाणा पार्श्वनाथ दादा के नाम भक्ति मे मची घूम,पाली कलेक्टर महोदय का रहा सानिध्य,सैकडो ओसवाल बंधू आये एक मंच पर*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*2479 वां ओसवाल वंश का स्थापना दिन महोत्सव हर्षोल्लासित सम्पन्न,एक शाम वरकाणा पार्श्वनाथ दादा के नाम भक्ति मे मची घूम,पाली कलेक्टर महोदय का रहा सानिध्य,सैकडो ओसवाल बंधू आये एक मंच पर*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई /रानी : रिपोर्ट स्पर्श देसाई】राजस्थान के श्री वरकाना पार्श्वनाथ जैन तीर्थ के प्रांगण में 14 अगस्त रविवार को पाली जिले के कलेक्टर महोदयजी श्री नमीतजी मेहता समारोह अध्यक्ष श्री महेन्द्रजी बोहरा सेलो ग्रुप के डायरेक्टर व ओसवाल रत्न से सम्मानित श्री प्रदीपजी बदामिया समारोह संरक्षक श्री माणेकजी शाह के सानिध्य मे 2479 वां ओसपाल वंश स्थापना दिन महोत्सव हर्षोल्लासित सैंकडो ओसवाल बंधुओं के साथ मनाया गया ।"अखिल भारतीय ओसवाल जैन महासंघ व मरूधर का तहलका पब्लिकेशन" द्वारा आयोजित इस पांचवे महोत्सव के लाभार्थी श्री वरकाना पार्श्वनाथ जैन तीर्थ के अध्यक्ष श्री प्रवीणकुमारजी लुनिया व कोषाध्यक्ष श्रीअशोककुमारजी तापडिया थे जिनका कलेक्टर महोदय ने सम्मान किया गया था। महोत्सव की शुरूआत मंचाधिन सभी मेहमानो के हाथों दिप प्रज्जवलित कर मंगलाचरण के साथ शुरू हुआ । पधारे हुये सभी महमानों का समारोह संयोजक श्री शांतीलालजी बोकडिया ने स्वागत किया । सोने में सुहागा देश की आजादी के अमृत महोत्सव की उजवनी भी इस समारोह में सभी मेहमानो ने राष्ट्रध्वज हाथ में लेकर राष्ट्रगान के साथ भारत माता की जय के नारे के साथ की थी। कार्यक्रम में देश-समाज के हीत में तन मन धन से सेवा देने वाले श्रेष्ठीवर्यो का "ओसवाल रत्न" "ओसवाल गौरव" और" महीला गौरव "से सम्मानित किया गया था । इस महोत्सव में ओसवाल समाज के इतिहास में पहली बार मरणोपरांत "धर्मवीर रत्न" व "धर्मवीर गौरव" से दो श्रेष्ठीवर्यो कों कलेक्टर महोदय के हाथो सम्मान दिया गया था। जिसमें पहला मरूधर में सादडी निवासी व हाल बैंगलुरू निवासी स्व.श्री दिनेश कुमार जी देवराजजी रांका जो एक बहुत बडे बिल्डर थे। जिन्होंने अपने जीतेजी धर्मकार्य में जीवदया मानवसेवा में तन, मन और धन से सेवा की,कभी कही दीखावें में नहीं आयें, ऐसे श्रेष्ठीवर्य को श्रद्धांजली अर्पित कर मरणोपरांत "ओसवाल धर्मवीर रत्न" सें सम्मानित किया गया व दूसरे श्रेष्ठीवर्य स्व.श्री दिनेशकुमार गजराजजी कोठारी विठूडा पिरान हाल बैंगलुरू जो अपने छोटे से जीवन में बडे बडे कार्य कर सैंकडों लोगो को धर्म कार्य करने की राह बताकर गये थे,उन्होंने अपने काका श्री रमेशजी कोठारी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने पैतृक गाँव को आदर्श गांव बनाना व गाँव के युवाओ को रोजगार देना सभी मंदिरो का जिर्णोद्धार कराना पशुपक्षियों के लिए अकाल में चारा पानी की व्यवस्था करना आदी कई सेवा के कार्य कर गये थे,ऐसे स्व.श्रेष्ठी वर्य को श्रद्धांजली अर्पित कर मरणोपरांत "ओसवाल धर्मवीर गौरव"से सम्मानित किया गया था। इसी क्रम मे सेलो ग्रुप के युवा डायरेक्टर श्री प्रदीपजी घीसूलालजी बदामिया सादडी -मुंबई, जो इतने बड़े कंपनी के डायरेक्टर होते हुए भी ज़मीन से जुड़कर देश समाज की तन, मन और धन से सेवा दे रहे है । कोराना काल में रोज हजारों गरीबों को भोजन पानी दवाईयां उपलब्ध कराई थी,अभी राजस्थान में जब भीषण अकाल पडा तो बांध की सफाई कर उसको पानी के भराव की क्षमता बढ़ाई, पूरे गोडवाड़ क्षेत्र के पशुओं के लिए रोज लाखो रुपये के चारा पानी की व्यवस्था की, सरस्वती पूत्रो को सम्मान देने वाले ऐसे श्रेष्ठीवर्य श्री प्रदीपजी बदामिया को "ओसवाल रत्न" से श्री कलेक्टर महोदय श्री नमितजी मेहता वरकाणा अध्यक्षश्री प्रवीणजी लुनिया वरकाना स्कूल के भूतपूर्व अध्यक्ष श्री फतेचंदजी राणावत वरकाणा तीर्थ के उपाध्यक्ष श्री जंयती भाई एमके केशर से तिलक कर साफा हार मोमेन्टो जिनशासन दुप्पटा से सम्मानित किया गया था। भाबीजी श्रीमती संगीताजी प्रदीपजी बदामिया का भी चूनड़ी हार तिलक से स्वागत किया गया था। यहां यह याद रहे कि स्व. श्री घीसूलालजी बदामिया ने ही इस "ओसवाल वंश महोत्सव" को चालु करने की प्रेरणा दी थी और वे संरक्षक बने थे । श्री माणेकजी एम. शाह जो इस संस्था के संरक्षक के साथ ओसवाल रत्न से सम्मानित भी हो चुके हैं, नादाणा तीर्थ के अध्यक्ष भी है और देश सेवा मानवसेवा व साधर्मिक बंधुओ की सेवा मे समर्पित है, पत्रकार बंधुओ का बहुत ही सम्मान करते है, ऐसे श्रेष्ठी वर्य का भी सम्मान स्मृति चिह्न देकर किया गया था। एम. टी. सी. ग्रुप के डायरेक्टर सांडेराव निवासी हाल मुंबई श्री नरेन्द्रजी मगनराजजी मेहता को भी "ओसवाल रत्न" से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कोराना काल में और उसके पहले भी और अभी भी सैंकडो, हजारों लोगो को राशन पानी की व्यवस्था दवाईयों का खर्चा व समाज के धार्मिक सामाजिक हर संस्थानो मे तन,मन और धन से समर्पित होकर अपने माता पिता के संस्कारों में चार चांद लगाये हैं। मान्यवर जे.के. संघवी मरूधर में आहोर निवासी जिन्होंने अपने जीवन को धर्म कार्य में समर्पित कर दिया हैं, साधुजी-साध्वीजी की सेवा अपने परिवार से चारचार दीक्षाएं हरदम अपने मन में एक ही विचार धर्मकी रक्षा साघुसाध्वीजी की सेवा पापों से कैसे बचना यानी सांसारिक होते हुये भी संयम जीवन जीना, ऐसे श्रेष्ठीवर्य को भी "ओसवाल रत्न"से सम्मानित किया गया था। श्रीमान अमृतकुमारजी हीराचंदजी सोलंकी जिनके परिवार ने शासन के लिए हरदम तन, मन और धन से समर्पित होकर सेवा की और आज भी मानवसेवा जीवदया व धर्मकार्य में अग्रणी रहने वाले श्रेष्ठीवर्य को "ओसवाल गौरव" से सम्मानित किया गया था। मान्यवर बस्तीमलजी चुन्नीलालजी जैन (ढालावत) जिन्होंने अपने जीवन के अमुल्य समय शासन सेवा मे समर्पित कर तन, मन और धन से सेवा दी हैं व आज भी श्रीवरकाना पार्श्वनाथ तीर्थ में तथा श्री सेसली पार्श्वनाथ तीर्थ में सेवा दे रहे है,ऐसे श्रेष्ठीवर्य को "ओसवाल गौरव" से सम्मानित किया गया था । जैन श्रेष्ठी प्रकाशचंदजी सेठिया जिन्होंने आज के सच का आईना बताने जीवन जीने की कला को सीखने संस्कारो को सीखने माता पिता की सेवा की सीख पर पुस्तके लिख कर युवा पीढी के लिए एक वरदान बनाया, ऐसे श्रेष्ठीवर्य को "साहीत्य रत्न" से सम्मानित किया गया था। श्रीमान राजेन्द्रकुमारजी नाहर जो खजवाना /विल्लीपुरम से है व सैंकडो मंदिरो को जिणोद्वार कराया व अभी भी कई प्राचीन बडे बडे तीर्थों में पदाधिकारी है, ऐसे श्रेष्ठीवर्यको "जिणोद्वार रत्न" से सम्मानित किया गया था। हमारे जिन शासन की शान हमारी बहनें जो घर संसार को संभालकर भी समाज व साधार्मिक बहनों की चिंता कर उनको सक्षम बनाने कोरोना काल मे तन, मन और धन से सेवा देकर जो काम किया । जिन्होंने हजारों बहनों को रोजगार दिलाया व संस्कारो व पुराने रितीरिवाजों का अपनाकर आगे दूसरी बहनों को सिखाना,एकता की माला में पिरोना, ऐसी हमारी बहनें श्रीमती मनीषा सुशील जी मेहता बीरामी मुंबई,श्रीमती अंजनाजी दिनेशजी कोठारी नाडोल मुंबई, श्रीमती ज्योतिजी श्रीपालजी मुणोत दादाई मुंबई और श्रीमती चंद्राजी मेहता बाली मुंबई को "महिला गौरव" से सम्मानित किया गया था। साधू संतो व निम्न वर्ग के भाईयो बहनो के लिए अच्छी और सस्ती आर्युवेदिक दवाईयो का निर्माण कर सेवा देने वाले श्री संजयजी जैन को "वैयावच्च सम्मान" से सम्मानित किया गया था। समारोह में आयुश्री राजपूत द्वारा "पधारो म्हारे देश" के गीत पर सुंदर प्रस्तुती दी थी। वरकाना स्कूल की बच्चियों द्वारा स्वागत गीत की सुंदर प्रस्तुति, प्राचार्य श्रीमती अमीताजी भंडारी के सांनिध्य मे दी गयी थी। मुंडारा से पधारी नन्ही मुन्नी बच्ची द्वारा जिन शासन के गीत की प्रस्तुति दी गयी । पधारे हुये महमानों ने बच्चियों को आर्थिक पुरस्कार दिया था व बच्चियों का अभिवादन किया गया था ।समारोह अध्यक्ष महोदय श्री महेन्द्रजी बोहरा ने देश भक्ति और समाज द्वारा दिये गये सम्मान पर सविस्तार प्रस्तुति दी थी । पाली जिला कलेक्टर महोदयजी ने बहुत ही सुंदर शब्दों में "ओसवाल वंश" पर व उनके द्वारा हो रहे सेवा कार्यो की सराहना कर कहा कि मुझे गर्व है मैं ऐसे समाज से हुं,जो हरदम देश सेवा व समाज सेवा मे अपने तन,मन और धन का सद्उपयोग करता है। संस्थापक व प्रधान संपादक श्री जगदीश जे. मेहता ने साधार्मिक सेवा के लिए सभी को आगे आने व ओसवाल भाईयो की एकता बनाकर रखने का आवहान किया था। पधारे हुए सभी महमानों के साथ मुंबई से पधारे पत्रकार बंधू जोधपुर से पधारे पत्रकार बंधू श्री पारसजी शर्मा, बाली से पधारे श्री अशोकजी पूनमीया, मुंबई से पधारे पत्रकार रविजी यादव, विक्रम सुराणा, राकेश मेहता, श्रीपालजी संचेती, दिलखुश कोठारी, कमलेश रांका,मीतेश राठौड, राजेश मेहता,तरुण मेहता,धनेशभाई मालवीया,भास्कर भाई, उत्तमचंद गांधी संगीतकार सुरेशजी ओसवाल, उमेशजी शर्मा, मंचसंचालक दिनेश शर्मा का भी सम्मान किया गया था । समारोह में ओसवाल समाज के एक से बढ़कर एक श्रेष्ठीवर्य मे पधारकर ओसवाल एकता की मिशाल पेश की थी। समारोह बहुत ही सफलतम रहा था। अखिल भारतीय ओसवाल समिति के सदस्य श्री जगदीश मेहता, श्री शांतिलालजी बोकड़ीया, श्री जंयतीभाई (एमकेशाह ),श्री सुकनजी परमार, श्री विमलजी रांका,श्री प्रकाश जी चोपडा,श्री प्रवीणजी मेहता,श्री मनोजजी परमार,श्री विक्रम सुराणा,श्री राकेश मेहता,श्री कांतिभाई बलाई,श्री कमलेश रांका ने पधारे हुये महमान कोहीनूर जो एक से बढ़कर एक श्रेष्ठी वर्य थे । सभी का स्वागत किया श्री वरकाणा पार्श्वनाथ तीर्थ के उपाध्यक्ष कर्नाटक से पधारे ओसवाल बंधुओ ने अगले वर्ष ओसवाल वंश महोत्सव बैंगलुरू में रखने का सुझाव दिया था। जिसपर संस्थापक अध्यक्ष जगदीश जे.मेहता ने कमेटी में विचार विमर्श कर विचार करने को कहा था । कुल मिलाकर समारोह बहुत ही सफलतम रहा था। वरकाना स्कूल के प्रांगण में केन्टीन का उद्घाटन का प्रसंग होने के कारण व श्रीमती ज्योति मुणोत द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम होने के कारण ओसवाल वंश महोत्सव समय से देढ़ कलाक देरी से चालु हुआ था। जिसमें कई वक्ता अपने भाव उजागर नही कर सके । जिसका संस्थापक जगदीश मेहता ने खेद जताया था। पधारे हुये करीब 400 बंधुओ ने समारोह को सफल बनाया था। आखिर में श्री विक्रमजी सुराणा ने आभार व्यक्त किया था। सुबह का नास्ता व दोपहर का खाना सभी बघूंओ ने लाभ लेकर महोत्सव का समापन किया था।【Photos by MCP】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#ओसवाल वंश स्थापना महोत्सव
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