*ओडिशा में महानदी उफान पर,आस-पास के इलाकों में बाढ़ का खतरा,राजस्थान में भारी बारिश...*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*ओडिशा में महानदी उफान पर, आस-पास के इलाकों में बाढ़ का खतरा,राजस्थान में भारी बारिश...*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】 पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण जलग्रहण क्षेत्रों में महानदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद ओडिशा के कुछ जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा होने का खतरा मंडरा रहा है । हीराकुड जलाशय में और ज्यादा पानी आ रहा हैं। अधिकारियों ने बताया कि संभावित परिस्थितियों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने हीराकुड जलाशय के आठ और द्वार बंद कर दिए हैं । उन्होंने कहा कि ऊपरी और निचले जलग्रहण क्षेत्रों में तेज बारिश के कारण महानदी की सभी सहायक नदियों में पानी का स्तर बढ़ गया है । विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने कहा कि छत्तीसगढ़ के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश होने की वजह से हीराकुड जलाशय में और ज्यादा पानी आ रहा है । 34 की बजाय 26 द्वारों से पानी छोड़ा जा रहा था: उन्होंने कहा कि तेल नदी से डेढ़ लाख क्यूसेक की बजाय तीन लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी महानदी नदी में आ रहा है । जिससे स्थिति और खराब हो गई है । जेना ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि बाढ़ को मध्यम दर्जे तक रखने के लिए हमें हीराकुड बांध के आठ द्वार बंद करने पड़े । रविवार को 34 की बजाय 26 द्वारों से पानी छोड़ा जा रहा था । सोमवार को शाम छह बजे बैराज से 10.41 लाख क्यूसेक पानी बह रहा था तथा इसमें और वृद्धि के आसार हैं । जेना ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ के पानी को कटक के पास 10.5 लाख क्यूसेक की सीमा के अंदर रखने का प्रयास कर रही है इसलिए आठ द्वारों को बंद करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था । बाढ़ के खतरे को देखते हुए अधिकारियों ने संबंधित जिलाधिकारियों और जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों को सतर्क रहने और स्थिति पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है । कटक, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और पुरी में विशेष इंतजाम के निर्देश दिए गए हैं।
दौरान राजस्थान में फिर आई भारी बारिश को लेकर चेतावनी । जाने जिलेवार बरसात की परिस्थिति। राजस्थान के अनेक हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी के बीच राज्य में बारिश का दौर जारी है । बीते 24 घंटे में सबसे अधिक 180 मिलीमीटर बारिश बांसवाड़ा के भूंगड़ा में दर्ज की गई । मौसम विभाग के अनुसार 16 अगस्त मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक के 24 घंटे के दौरान बांसवाड़ा के भूंगड़ा में 18 सेंटीमीटर, झालावाड़ के डग में 17 सेंटीमीटर, माउंट आबू में 12 सेंटीमीटर व प्रतापगढ़ के पीपलखूंट में 10 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। इसके अलावा भी बूंदी,उदयपुर, चित्तौड़गढ़, टोंक व कोटा जिले में अनेक जगह चार से लेकर 10 सेंटीमीटर तक बारिश हुई थी। 16-17 अगस्त को राज्य में कहीं-कहीं भारी से अति भारी बारिश होने की प्रबल संभावना हैं। इस दौरान राज्य के लगभग सभी जिलों में कहीं कहीं हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हुई थी। राजधानी जयपुर में कई दिनों से बादल छाये हैं व बूंदाबांदी का दौर जारी है । मंगलवार को भी शहर व आसपास के इलाकों में बादल छाये रहे थे। मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार उत्तरी बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के चलते राज्य में बारिश हो रही है । इसके असर से 16 व 17 अगस्त को राज्य में कहीं-कहीं भारी से अति भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है।
राजस्थान में मूसलाधार बारिश, 30 स्टेशनों पर 50 एमएम से ज्यादा बारिश दर्ज की गई । राजस्थान के साउथ एरिया में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण मूसलाधार बारिश हो रही है और यह दौर अगले 24 घंटे तक जारी रह सकता है। मौसम विभाग की माने तो उदयपुर,अजमेर,जोधपुर और कोटा संभाग के एक-दो क्षेत्रों में मंगलवार (16 अगस्त) को 200 एमएम बारिश तक हो सकती है। ऐसे में अत्यंत भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया गया है। उधर पिछले 24 घंटे के दौरान बांसवाड़ा के भूंगडा में 180 एमएम बारिश दर्ज की गई है । जबकि राजस्थान के 30 से अधिक स्टेशनों पर 50 एमएम से ज्यादा बारिश दर्ज हुई है।
राजस्थान में बना कम दबाव का क्षेत्र । मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक आर.एस. शर्मा ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र उड़िसा से होता हुआ मध्य प्रदेश से राजस्थान में आ चुका है और इस समय कोटा (राजस्थान) से 160 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व में स्थिति है। इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते रहने और अगले 12 घंटों के दौरान धीरे-धीरे कमजोर होकर एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव के क्षेत्र में जाने की संभावना है। इसके चलते बारिश की गतिविधियां लगातार जारी रहेंगी और अत्यंत भारी बारिश भी हो सकती है। बतादें कि कई नदियां फिर से उफान पर हैं और बांधों के गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है।
पिछले 24 घंटे में कहां कितनी बारिश ? प्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान बारिश की बात करें तो बांसवाड़ा जिले में बादल सबसे ज्यादा मेहरबान रहे हैं। यहां 180 एमएम यानि मूसलाधार बारिश दर्ज की गई है। इसके चलते माही बांध में पानी की आवक लगातार बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार बांसवाड़ा में बारिश का दौर जारी है और मंगलवार को दिनभर अच्छी बारिश की संभावना थी। बांसवाड़ा के अलावा झालावाड़ के डग में 166 एमएम, प्रतापगढ़ के पीपलखूंट में 102 एमएम, माउंट आबू तहसील में 120 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जबकि 32 स्टेशनों पर 50 एमएम से ज्यादा बारिश हो चुकी है।
अगले 24 घंटों में यूं रहेगा मौसम ? मौसम केन्द्र जयपुर की माने तो बांसवाड़ा, सिरोही, प्रतापगढ़, करौली, झालावाड़,जालौर में भारी से अति भारी बारिश दर्ज हो चुकी है। मंगलवार को भी कोटा, उदयपुर, अजमेर और जोधपुर संभाग में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था। उदयपुर और जोधपुर संभाग के कुछ जिलों में 24 घंटों के भीतर 200 एमएम से अधिक बारिश दर्ज हो सकती है।
बांसवाड़ा में कहां कितनी बारिश ? मौसम विभाग की माने तो बांसवाड़ा में पिछले 24 घंटों के दौरान भूंगड़ा में 180 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है और अभी तक बारिश का दौर जारी है। उधर गढ़ी व जगपुरा में 85-85 एमएम, घाटोल व कुशलगढ़ में 70-70, बांसवाड़ा व अरथूना में 62-62, दानपुर व सज्जनगढ़ में 60-60, सल्लोपाट में 57, शेरगढ़ में 48, बागीदौरा में 46, लोहारिया में 38 व केसरपुरा में 32 एमएम बारिश दर्दू हो चुकी है। उदयपुर संभाग के सबसे बड़े माही बांध का जलस्तर बढ़कर 278.20 मीटर हो गया है। बांध में 77 टीएमसी कुल क्षमता के मुकाबले मंगलवार सुबह तक 62.56 टीएमसी पानी आ चुका है।
बीसलपुर बांध का जलस्तर 311.71 आरएल मीटर तक। जपयुर और अजमेर सहित कई जिलों की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध का जलस्तर बढ़कर 311.71 आरएल मीटर पर पहुंच गया है और पानी की आवक धीमी गति से लगातार जारी है। बांध के भराव क्षेत्र में बह रही त्रिवेणी की ऊंचाई 3.50 मीटर पर है। माना जा रहा है कि झालावाड़ और चित्तौगढ़ में हो रही अच्छी बारिश के चलते त्रिवेणी की ऊंचाई बढ़ सकती है। बतादें कि बीसलपुर बांध में बीते चार दिनों में कुल 70 सेंटीमीटर पानी की आवक हुई है।
कालीसिंध बांध से पानी की निकासी जारी हैं। झालावाड़ के कालीसिंध बांध में पानी की आवक जारी है और बांध के गेट खोलकर निकासी की जा रही है। कालीसिंध बांध के मंगलवार को सात गेट 21.5 मीटर ऊंचाई पर खोलकर करीब 82 हजार 096 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बांध से पानी की निकासी लगातार होने के कारण प्रशासन ने मुंडेरी व गागरोन तक के गांवों के लिए सावधानी बरतने का अलर्ट जारी कर रखा है।
राजस्थान में भारी बारिश : उफान पर नदी, जान जोखिम में डाल रहे लोग । राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के धरियावद विधानसभा के पारसोला धरियावद मार्ग पर उफनती जाखम नदी में बहकर आ रही लकड़ियों को पकड़ने के लिए मूसलाधार बारिश के बीच लोगों का तांता लगा रहा था । पुलिस और प्रशासन के इस बारे में सख्त हिदायत देने के बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर लकड़ियां निकाल रहे हैं। बीती रात से जिलेभर में लगातार बारिश के चलते जिलेभर के कई नदी नाल उफान पर चल रहे है। धरियावद-पारसोला मार्ग के बीच में गुजर रही जाखम नदी भी पूरे वेग के साथ बह रही है। जाखम नदी में बड़े-बड़े पेड़ भी बहकर आ रहे हैं। जाखम के तेज बहाव ने जहां नदी किनारे की फसलों को तबाह कर दिया है, वहीं बहकर अपने साथ लकड़ी के रूप में गरीबों के निवाले का साधन भी बन रही है। यही वजह है कि आदिवासी अंचल के लोग बहकर आ रही लकड़ी को निकालने के चक्कर में अपनी जान जोखिम में डाल रहे है। जाखम के तेज बहाव के बीच लकड़ियां निकालने वालों का तांता लगा रहा था। प्रशासन और पुलिस की चेतावनी का भी लोगों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। लोग जाखम नदी में बहकर आ रहे पेड़ों व उनके ठूंठों को निकालने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। निवाले के लिए पकड़ी जाने वाली लकड़ी कहीं काल न बन जाए इसलिए प्रशासन को भी इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है। नदियों की पुलिया पर लोगों की भीड़ होने के बाद भी पुलिस और प्रशासन का इस और कोई ध्यान नहीं है। इस लापरवही के चलते कही किसी की जान पर ना आ पड़े।
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#बारिश#राजस्थान#ओडिशा
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