*राजस्थान में अगले दो सप्ताह तक ऐसा रहेगा मौसम, जारी हुआ पूर्वानुमानव दूसरी खबरें*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*राजस्थान में अगले दो सप्ताह तक ऐसा रहेगा मौसम, जारी हुआ पूर्वानुमानव दूसरी खबरें*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】राजस्थान में मानसून की रफ्तार कुछ कमी आई है। अगले दो सप्ताह तक तेज बारिश के आसार नहीं है। मौसम केंद्र ने गुरुवार को जारी पूर्वानुमान में बताया कि अगले दो सप्ताह में पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से कम बारिश होगी। वहीं, पूर्वी राजस्थान में पहले सप्ताह सामान्य बारिश व दूसरे सप्ताह में सामान्य से कम बारिश होने के संभावना हैं। मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटों में बाड़मेर में 13.7 मिमी बारिश इस बीच गुरुवार को प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश नहीं हुई। बादल छाए मगर कुछ ही स्थानों पर हल्की बारिश हुई थी। केवल बाड़मेर में 13.7, श्रीगंगानगर में 8.4 और बारां में 3.5 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। इसके अलावा जयपुर, जैसलमेर में हल्की बारिश हुई थी। चंबल खतरे के निशान से 16 मीटर ऊपर प्रदेश में भारी बारिश का दौर भले ही थम गया हो लेकिन चंबल में बढ़ते जलस्तर ने अब तक के सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं।26 अगस्त गुरुवार शाम छह बजे चंबल का जलस्तर 146.50 मीटर रेकॉर्ड किया गया। यह खतरे के निशान से करीब 16 मीटर ऊपर है। इससे पहले चंबल में सर्वाधिक जलस्तर वर्ष 1996 में 23 अक्टूबर को रेकॉर्ड किया गया था। तब चंबल का जलस्तर 145.54 मीटर तक पहुंच गई थी हालांकि अब जलस्तर में बढ़ोतरी थमने लगी है। धौलपुर के सवा सौ गांवों में तबाही चंबल के पानी ने धौलपुर जिले के करीब 125 गांव में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया हैं। प्रशासन,सेना,पुलिस और एसडीआरएफ की ओर से जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। गुरुवार तक 120 गांवों के करीब छह हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। धौलपुर के हथियाखार गांव में बाढ़ में फंसे चार लोगों को एयरलिफ्ट किया गया था।
दौरान बीसलपुर बांध के गेट खोलने को लेकर आया लेटेस्ट अपडेट,
जयपुर, टोंक, अजमेर व भीलवाड़ा की लाइफ लाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध पर लोगों की नजरे बांध के छलकने पर टीकी हुई है। बीसलपुर बांध परियोजना व देवली उपखंड प्रशासन की ओर से क्षेत्र में अलर्ट जारी कर रखा है। बीसलपुर बांध के कन्ट्रोल रूम के अनुसार बीसलपुर बांध का गेज पूर्ण जलभराव 315.50 आरएल मीटर है, जिसमें 38.70 टीएमसी का जलभराव होगा। वहीं बांध के कैचमेंट एरिया में पड़ने वाले भीलवाड़ा व चित्तौड़गढ़ से गुरुवार को पानी की धीमी हो गई है। बांध के जलभराव में पानी की आवक का मुख्य स्त्रोत मानी जाने वाली त्रिवेणी का गेज लगातार कम होता जा रहा है। बुधवार सुबह 8 बजे बांध का गेज 314.81 आर एल मीटर दर्ज किया गया है। वहीं शाम 4 बजे तक 315.09 आरएल मीटर दर्ज किया गया है । जिसमें 35.822 टीएमसी का जलभराव हो गया है। वहीं रात 10 बजे तक बांध का गेज 315.22 आर एल मीटर हो गया था । जिसमें 36.736 टी एम सी पानी का भराव हो गया था। गुरुवार सुबह 8 बजे 315.35 आरएल मीटर पर पहुंच गया था। जिसमें 37.649 टीएमसी का जलभराव था। गुरुवार दोपहर 12 बजे तक 315.38 आरएल मीटर दर्ज किया गया, जिसमें 37.860 टीएमसी का जलभराव हो गया। शाम 4 बजे तक 315.41आरएल मीटर हो गया है, जिसमें 38.070 टीएमसी का जलभराव हो गया है। जो पूर्ण जलभराव के करीब पहुंच गया है। इसी प्रकार बांध के कैचमेंट एरिया में पड़ने वाले भीलवाड़ा जिले की त्रिवेणी का गेज शाम 4 बजे तक 3.90 मीटर रह गया है। खारी नदी का गेज गुरुवार को 0.55 मीटर रह गया है। वही डाई नदी का गेज भी घटकर 2.75 मीटर है।
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राजस्थान में अच्छे मानसून का फायदा इस बार अन्नदाता को मिलने जा रहा है । एक तरफ जहां निर्धारित मानकों से ज्यादा क्षेत्र में बुवाई हुई है,वहीं साथ ही अच्छी बारिश बने रहने से कुल खाद्यान्न उत्पादन में भी बढ़ाेतरी के संकेत हैं । राजस्थान में खरीफ फसलों में सबसे ज्यादा बाजरा की बुवाई होती है और इस वर्ष करीब 45 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बाजरा की बुवाई की जा चुकी है । कृषि विभाग ने खरीफ फसलों की कुल क्षेत्र में बुवाई का जो लक्ष्य रखा था,उसके मुकाबले विभाग करीब 100 फीसदी का लक्ष्य हासिल करने जा रहा है । जबकि यदि पिछले साल के बुवाई के आंकड़ों से तुलना की जाए तो यह आंकड़े और भी ज्यादा बढ़ गए हैं । पिछले वर्ष प्रदेश में 160 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में बुवाई हुई थी, जबकि इस बार यह आंकड़ा अब तक 162.42 लाख हैक्टेयर तक पहुंच चुका है। इस तरह से अच्छी बारिश का फायदा किसानों को मिलने जा रहा है । किसान अधिक क्षेत्र में बुवाई पूरी कर चुके हैं और यदि बारिश का यह सिलसिला सितंबर मध्य तक जारी रहता है तो फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है । किसानों का इस बार खरीफ में खाद्यान्न उत्पादन भी बढ़ जाएगा । खरीफ से खुशहाल: -18 जून से राज्य में बारिश का सिलसिला शुरू हुआ - इस बार सीजन की अब तक करीब 35 फीसदी ज्यादा बारिश हुई - 162.42 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई,कृषि विभाग ने ही 20 लाख किसानों को नि:शुल्क बीज वितरित किए, अब कृषि विभाग को कुल खाद्यान्न उत्पादन भी बढ़ने की उम्मीद कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य में खरीफ फसलों के लिए पर्याप्त मात्रा में यूरिया और डीएपी उपलब्ध है । फिलहाल डीएपी की मांग नहीं है, लेकिन यूरिया पर्याप्त मात्रा में किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है । डीएपी की जरूरत अक्टूबर माह के पहले सप्ताह से रबी फसलों के लिए पड़ेगी. इस बार खरीफ में कृषि विभाग करीब 9 लाख मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति करवा चुका है । खाद कम नहीं, रबी में भी रहेगा भरपूर: पिछले वर्ष खरीफ में 7.69 लाख मीट्रिक टन यूरिया की हुई थी खपत, पिछले वर्ष खरीफ में 2.85 लाख मीट्रिक टन डीएपी की हुई थी खपत - इस वर्ष खरीफ में यूरिया की कुल मांग थी 8.50 लाख मीट्रिक टन -इसके विपरीत करीब 9 लाख मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति हो चुकी - डीएपी की 4.40 लाख मीट्रिक टन मांग के विरूद्ध करीब 4 लाख मीट्रिक टन की आपूर्ति हुई कृषि विभाग ने रबी सीजन के लिए भी यूरिया और डीएपी की कवायद तेज कर दी है. केन्द्र सरकार को 13 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 3 लाख मीट्रिक टन डीएपी की डिमांड भेजी गई है. केन्द्र सरकार ने इसके लिए सहमति भेज दी है. कृषि विभाग का दावा है कि इस बार रबी सीजन में डीएपी और यूरिया की कमी नहीं होने दी जाएगी।【Photos Courtesy Google】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#बारिश
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