*कांदिवली में रगडापाड़ा बना मुंबई का पहला जीरो-वेस्ट स्लम, छोटी शुरुआत से बड़ी चीजें आती हैं*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*कांदिवली में रगडापाड़ा बना मुंबई का पहला जीरो-वेस्ट स्लम, छोटी शुरुआत से बड़ी चीजें आती हैं*/रिपोर्ट स्पर्श देसाईं

【मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】 भले ही मुंबई स्रोत पर 100% अपशिष्ट पृथक्करण से एक लंबा सफर तय कर चुका है लेकिन उपनगर कांदिवली पश्चिम की एक झुग्गी बस्ती ने सिर्फ एक साल में लक्ष्य हासिल कर लिया है। बीएमसी और एनजीओ श्री आस्था महिला बचत गत की एक संयुक्त पहल,सरोजिनी नगर में रगडापाड़ा स्लम को शून्य कचरा मॉडल के रूप में उद्धृत किया जा रहा है। लगभग 5,000 निवासियों के साथ रगडापाड़ा किसी भी अन्य झुग्गी बस्ती की तरह था । जहां हर जगह कचरा था और खुले में शौच और बंद नालियों की समस्याओं से पीड़ित था।

फरवरी 2021 में बीएमसी ने अपनी "स्वच्छ मुंबई प्रबोधन अभियान योजना "को लागू करने के लिए लॉटरी के माध्यम से इसे चुना था। जिसमें रंगीन डिब्बे (सूखे के लिए नीला और गीला कचरे के लिए हरा और सैनिटरी नैपकिन के लिए काला),कचरा संग्रह और शौचालयों के रखरखाव के लिए निश्चित समय शामिल है। इस योजना का सबसे कठिन हिस्सा परिवारों को प्रत्येक को 20 रुपये और प्रतिष्ठानों को संग्रह के लिए 50 रुपये का योगदान देने के लिए राजी करना था। जिन्होंने स्वेच्छा से कूड़ा इकट्ठा किया उन्हें "सफाई मंत्री" की उपाधि से सम्मानित किया गया। जैसा कि अपेक्षित था कि समाधान का शुरू में झुग्गी-झोपड़ियों के निवासियों द्वारा जोरदार विरोध किया गया था । जिन्होंने सड़कों पर अधिक कचरा फेंकने की धमकी दी थी। 18 महीने के निरंतर प्रयासों के बाद यह जगह हर दिन 250 किलो कचरे को अलग करते है और 120-150 किलो गीला कचरा खाद बनाते है।

ठोस कचरा प्रबंधन के लिए विशेष कार्य प्रभारी अधिकारी डॉ सुभाष दलवी ने कहा कि हर स्वच्छता अभियान में नागरिकों की भागीदारी समान रूप से महत्वपूर्ण है। हमने उन्हें अलग-अलग करने के महत्व को समझा और रंगीन डब्बों को पहचानने और कचरा संग्रहकर्ताओं को सौंपने के लिए एक समय में चिपके रहने के सरल समाधान प्रदान किए थे। पार्टनर एनजीओ की चेयरपर्सन अश्विनी बोरुडे ने कहा कि जागरूकता पैदा करना मुख्य कदम है। हमने चौक सभा आयोजित की, पर्चे वितरित किए और अलगाव की आवश्यकता के बारे में बताते हुए महीनों तक घर-घर गए। यह कड़ी मेहनत थी और कोई चमत्कार नहीं। अब कचरा संग्रह के लिए, और नालियों, नालों और सार्वजनिक शौचालयों को साफ करने के लिए स्वयंसेवक हैं। बोरुडे ने कहा कि सफाई मंत्री श्रम और परिवहन लागत को कम करने के लिए खाद बनाने में भी मदद करते हैं। झुग्गी बस्ती की रहने वाली पूजा कनौजिया ने कहा कि साफ-सुथरी जगह पर रहना अच्छा लगता है । जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। खेल शिक्षक व रेजिडेंट विपुल थोम्ब्रे ने बताया कि सफाई मंत्री सुबह सात बजे हर घर में जाकर अलग-अलग कूड़ा करकट के लिए सीटी बजाते हैं ।निवासी अब अपना कचरा नाले में नहीं फेंकते हैं और अपने पौधों और पेड़ों के लिए रचना का उपयोग करते हैं । ऐसा उन्होंने आखिर में कहा।【Photo Courtesy Google】

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#साफसुथरी जगह

Comments

Popular posts from this blog

*मुंबई में अगले तीन दिन भारी बारिश, कल जल प्रलय हो सकता है मुंबई में भारी बारिश का अनुमान, बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*तेलंगाना में 300 करोड़ रुपये का 200 किलो सोना और 105.58 करोड़ की नकदी जब्त*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*संचार के द्वारपाल: समाचारों को प्राथमिकता देने में पत्रकार की महत्वपूर्ण भूमिका*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई