*पायलट पर होगा बड़ा फैसला :30 नेताओं के साथ राहुल-खड़गे की मीटिंग; दिल्ली बुलाए गए नेताओं-मंत्रियों में गहलोत गुट का दबदबा*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*पायलट पर होगा बड़ा फैसला :30 नेताओं के साथ राहुल-खड़गे की मीटिंग; दिल्ली बुलाए गए नेताओं-मंत्रियों में गहलोत गुट का दबदबा*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान पर फोकस करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस हाईकमान राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान मिटाकर चुनाव में एकजुटता का मैसेज देने की रणनीति पर काम कर रहा है। विधानसभा चुनावों की रणनीति तय करने और संगठन से जुड़े मुद्दों को लेकर आज कांग्रेस मुख्यालय दिल्ली में अहम बैठक बुलाई गई है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी राजस्थान के कांग्रेस नेताओं को चुनावी टास्क देंगे। इस बैठक में करीब 30 वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया है। सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान मिटाकर एकजुट करने के हिसाब से इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। राज नीतिक जानकारों के मुताबिक इस बैठक में राजस्थान विधानसभा चुनावों की रणनीति के साथ सचिन पायलट के रोल काे लेकर फैसला होने की संभावना है। पिछले दिनों इसी तरह की बैठक छत्तीसगढ़ के मामले में हुई थी। छत्तीसगढ की बैठक के बाद टीएस सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया गया था। छत्तीसगढ़ में खींचतान मिटाने के बाद अब राजस्थान की बारी है। सचिन पायलट को संगठन में पद देकर मेनस्ट्रीम में लाने के फार्मूला पर इस बैठक के बाद अमल होने की संभावना है । राजस्थान के विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर पहले राहुल गांधी 1 जुलाई को बैठक लेने वाले थे लेकिन उस वक्त कांग्रेस विधायकों की सालासर में होने वाले दो दिन के सम्मेलन का हवाला देकर इसे आगे खिसकाया था। इस बीच सीएम अशोक गहलोत के पैर के अंगूठाें में फ्रैक्चर होने के कारण विधायक और उम्मीदवारों के सम्मेलन को टाल दिया था। सीएम अशोक गहलोत की इस बैठक में वर्चुअली जुड़ सकते हैं। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष होने के हिसाब से सचिन पायलट बैठक में शामिल हो सकते हैं। बताया जाता है कि कांग्रेस मुख्यालय से चुनिंदा नेताओं को बैठक में शामिल होने के लिए फोन किए गए हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी सुखिजंदर रंधावा,तीनों सहप्रभाारी पिछले तीन दिनों से दिल्ली में हैं। बैठक में शामिल होने के लिए मंत्री और वरिष्ठ नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं।
खड़गे-राहुल की बैठक में गहलोत-पायलट सहित मंत्री और वरिष्ठ नेता । विधानसभा चुनावों की रणनीति तैयार करने और कांग्रेस में एकजुटता को लेकर हो रही इस बैठक में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ 30 नेताओं को बुलाया गया है। इसमें मंत्री और वरिष्ठ नेता शामिल हैं। स्पीकर सीपी जोशी भी बैठक में शामिल हो रहे हैं। प्रदेश प्रभारी सुखिजंदर सिंह रंधावा, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटाससरा,सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन,अमृता धवन,वीरेंद्र राठौड़ के अलावा दूसरे प्रदेशों के प्रभारी रहे नेता रघु शर्मा,भंवर जितेंद्र सिंह,हरीश चौधरी,मोहन प्रकाश,सीडब्ल्यूसी मेंबर रहे रघुवीर मीणा,पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी,राज्यसभा सांसद नीरज डांगी को बैठक में बुलाया है। यूपी के सहप्रभारी सचिव रहे धीरज गुर्जर और जुबेर खान भी बैठक में शामिल होंगे। मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, लालचंद कटारिया,उदयलाल आंजना,परसादी लाल मीणा,शकुंतला रावत,ममता भूपेश,गोविंद राम मेघवाल, महेन्द्रजीत सिंह मालवीय, प्रमोद जैन भाया, रामलाल जाट,रमेश मीणा, भजन लाल जाटव बैठक में शामिल हो रहे हैं। विधायक रफीक खान को भी बुलाया है।
*नोटिस वाले दोनों मंत्रियों को नहीं बुलाया*
25 सितंबर की घटना में नोटिस वाले दोनों मंत्रियों यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल,जलदाय मंत्री महेश जोशी को बैठक में नहीं बुलाया गया है। इन्हें उस वक्त नोटिस दिया था जिस पर अभी तक एक्शन पेंडिंग है।
*बैठक में पायलट गुट के नेता नहीं*
बैठक में सचिन पायलट खेमे के मंत्रियों को नहीं बुलाया गया है। बैठक में गहलोत खेमे के नेताओं का ही दबदबा ज्यादा है। पायलट गुट के नेता चुनिंदा ही हैं।
*नेताओं को मिलेंगे चुनावी टास्क*
राजस्थान की इस बैठक में नेताओं को चुनावी टास्क दिए जाएंगे। मुख्य जोर चुनावी रणनीति के हिसाब से फील्ड में एक्टिव रहने पर रहेगा। जनाधार वाले नेताओं को अपने क्षेत्र के साथ कुछ और सीटों की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस बैठक में अब तक कई राउंड में हुए सर्वे के रिजल्ट पर भी चर्चा होगी। नेताओं को चुनावी दौरे करने के साथ फील्ड में सक्रिय होने को कहा जाएगा। जनाधार वाले मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को फील्ड में उतारा जाएगा। इस खबर में नीचे पोल भी दिया गया है ।
*सर्वे के आधार पर टिकट काटने पर भी फैसले के संकेत*
चुनावी बैठक में टिकट बांटने के फार्मूले पर भी चर्चा होगी। कर्नाटक चुनावों का मॉडल राजस्थान में भी अपनाए जाने के आसार हैं। इस बार सर्वे में हारने वाले नेताओं के टिकट काटने के फार्मूले पर विचार चल रहा है। कांग्रेस ने अब तक कई राउंड सर्वे करवाए हैं। इन सर्वे के नतीजों के आधार पर हारने वाले विधायकों को फील्ड में हालत सुधारने की नसीहत पहले ही दी जा चुकी है। अब कर्नाटक फार्मूले के हिसाब से फाइनल सर्वे के आधार पर टिकट तय हो सकते हैं। जिन विधायकों और मंत्रियों की ग्राउंड में हालत ठीक नहीं है । उनके टिकट काटने पर विचार किया जा रहा है। चुनावी कमेटियां बनाने पर भी चर्चा,पायलट काे चुनावी कमेटियों में जगह मिलने की संभावना हैं। विधानसभा चुनाव की तैयारी बैठक में प्रदेश के लिए बनने वाली चुनावी कमेटियों पर भी चर्चा होगी।
*आने वाले दिनों में स्क्रीनिंग कमेटी कैंपेन*
कमेटी सहित करीब आठ से 10 चुनावी कमेटियां बनाई जानी हैं। इन कमेटियों में वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। बैठक में कमेटियां बनने की डेडलाइन तय होने की संभावना है। सचिन पायलट को भी किसी चुनावी कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है।
*सबसे बड़ा मुद्दा पायलट-गहलोत की खींचतान*
छत्तीसगढ़ की तर्ज पर राजस्थान की चुनावी बैठक में सचिन पायलट और अशोक गहलोत की खींचतान मिटाने का मुद्दा उठेगा। पायलट की मांगों का समाधान करके दोनों नेताओं को एक मंच पर लाने का मैसेज देने के लिए कई नेता सलाह दे चुके हैं। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि कांग्रेस में पायलट और गहलोत खेमों की एकजुटता के बिना भारी नुकसान का पूर्वानुमान लगाया है।
कांग्रेस हाईकमान को भी इसका फीडबैक दिया जा चुका है। यही वजह है कि अब राहुल गांधी और खड़गे राजस्थान के मामले को टैक्टफुली हैंडल करने की रणनीति बना रहे हैं। दोनों नेताओं को एक मंच पर लाने के लिए शेयरिंग फार्मूले पर भी बैठक में विचार किया जा सकता है। हालांकि इस बैठक में मोटे तौर पर चुनावी मुद्दों,संगठन की मजबूती और ग्राउंड लेवल की कमजोरियों को सुधारकर बूथ मैनेजमेंट पर फोकस करने का टास्क दिया जाएगा। सीएम अशोक गहलोत इस बैठक से दो दिन पहले प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपरलीक करने वालों को उम्र कैद की सजा का प्रावधान करने और भर्ती करवाने वाली संस्थाओं के कामकाज के तौर तरीकों में बदलाव लाने की घोषणा कर चुके हैं। गहलोत की इस घोषणा को सचिन पायलट की मांगों को मानने की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। सचिन पायलट ने आरपीएएसी को भंग करके इसका पुनर्गठन करके आमूलचूल बदलाव करने की मांग की थी। अब तक पायलट की मांगों को गहलोत ने सिरे से खारिज कर दिया था। पायलट ने 11 से 15 मई तक पेपरलीक और बीजेपी राज के करप्शन के खिलाफ अजमेर से जयपुर तक पैदल यात्रा की थी। 15 मई को जयपुर में यात्रा खत्म करके सभा में पायलट ने सरकार के सामने तीन मांगें रखते हुए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था। अल्टीमेटम खत्म होने से पहले 29 मई को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी की मौजूदगी में गहलोत पायलट की सुलह बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद पायलट ने आंदोलन तो नहीं किया लेकिन युवाओं से जुड़ी मांगों को छोड़ने से इनकार कर दिया था।
*बीच का रास्ता निकाल सकता है हाईकमान*
सचिन पायलट ने पेपरलीक से प्रभावित युवाओं को मुआवजा देने,आरपीएससी को भंग करके पुनर्गठन करने और बीजेपी राज के करप्शन की जांच के लिए हाई पावर कमेटी बनाने की मांग की थी। सीएम ने प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए RPSC, कर्मचारी चयन बोर्ड की कामकाज की शैली और प्रोसेस को सुधारने की शुरुआत करने की घोषणा की। जबकि सचिन पायलट की तीन मांगों को मानने से पहले सीएम अशोक गहलोत ने साफ इनकार कर दिया था। पेपरलीक से प्रभावित बेरोजगारों को मुआवजा देने की मांग को गहलोत ने बुद्धि का दिवालियापन बताया था। आरपीएससी को भंग करने की मांग पर गहलोत ने कहा था कि पायलट हमारे परिवार के मेंबर हैं । उन्होंने बात उठाई है तो हमने परीक्षण करवाया तो सामने आया कि कानून में इस तरह का प्रावधान ही नहीं है।अब जिन तीन मंत्रियों शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ को अनुशासनहीनता का नोटिस मिला, उन्हें दिल्ली बैठक में नहीं बुलाया।
*मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रुख पर निर्भर करेगी राजस्थान में कांग्रेस की एकता*
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख नेताओं और मंत्रियों की एक बड़ी बैठक 6 जुलाई को दिल्ली में हो रही है। इस बैठक के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पैर में चोट लगने की वजह से वे दिल्ली में उपस्थित नहीं हुए। जबकि प्रतिद्वंदी नेता सचिन पायलट और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा बैठक में मौजूद है। बैठक में पायलट को पूरा सम्मान देते हुए राहुल गांधी के निकट ही बैठाया गया। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में कांग्रेस हाईकमान ने सभी को एकजुट होकर विधानसभा का चुनाव लडऩे की नसीहत दी। खडग़े और राहुल गांधी का कहना रहा कि यदि सभी नेता एकजुट होकर चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस की सरकार रिपीट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि नेताओं को आपसी मतभेद भुलाकर पार्टी हित में कामना करना चाहिए। यदि कांग्रेस पार्टी मजबूत होगी तो फिर सभी नेताओं का महत्व भी बना रहेगा। खडग़े और राहुल ने आगामी विधानसभा चुनाव में जहां सीएम अशोक गहलोत की योजनाओं का भी महत्व माना वहीं सचिन पायलट के सहयोग को भी जरूरी बताया। हालांकि बैठक में पायलट की भूमिका की घोषणा नहीं की गई, लेकिन आने वाले दिनों में माना जा रहा है कि पायलट को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। अब कांग्रेस की एकता सीएम अशोक गहलोत के रुख पर निर्भर करती है। यदि हाईकमान द्वारा घोषित पायलट की भूमिका को गहलोत स्वीकार करते हैं तो चुनाव में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी। लेकिन यदि सीएम गहलोत पायलट की भूमिका को स्वीकार नहीं करते हैं तो फिर कांग्रेस में टकराव की स्थिति देखने को मिलेगी। अभी तक दोनों नेताओं ने एकजुटता की ओर पहला कदम भी नहीं बढ़ाया है।
*धारीवाल, जोशी और राठौड़ को नहीं बुलाया*
6 जुलाई की बैठक में राजस्थान कांग्रेस के चालीस से भी ज्यादा नेता उपस्थित हैं। लेकिन इसमें नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री महेश जोशी और आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ शामिल नहीं है। ये तीनों ही मंत्री राजस्थान में सरकार के कर्ताधर्ता है। इन तीनों को सीएम गहलोत का खास समर्थक माना जाता है। लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने इन तीनों से ही फिहाल दूरी बनाए रखी है। मालूम हो कि इन तीनों नेताओं को गत वर्ष 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की समानांतर बैठक बुलाने का आरोपी माना गया था। इन तीनों को ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से नोटिस भी जारी किए गए थे। हालांकि इन तीनों के विरुद्ध अनुशासनहीनता की कार्यवाही नहीं हुई, लेकिन बैठक में न बुलाकर हाईकमान ने इन तीनों के प्रति अपनी नाराजगी प्रकट की है। 6 जुलाई की बैठक में जो नेता उपस्थित रहे उनमें मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, मुरारी लाल मीणा, राजेंद्र यादव, खिलाड़ी बैरवा, अशोक चांदना, ममता भूपेश, शकुंतला रावत, लालचंद कटारिया के साथ साथ हरीश चौधरी, रघु शर्मा, जितेंद्र सिंह, रामेश्वर डूडी, गिरिराज मलिंगा, रफीक खान आदि थे। सा।【Photo Courtesy Google】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#राजस्थान#चुनाव#दिल्ली#सोनिया गांधी#राहुल गांधी#गहलोत#पायलट
Comments