*दीपावली को भारत का प्रकाश का महान महापर्व माना गया है*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*दीपावली को भारत का प्रकाश का महान महापर्व माना गया है*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

【मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】दीपावली जिसे भारत में प्रकाश का त्योहार भी कहा जाता है। भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर के महीने में पड़ता है। दीपावली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। अयोध्यावासियों ने राम के आगमन का उत्सव मनाने के लिए अपने घरों,गलियों और मंदिरों को मिट्टी के दीपों और रंगोली से सजाया था। आज दीपावली उसी परंपरा को जीवंत करती है। लोग अपने घरों को रंगोली, फूलों और दीयों से सजाते हैं। जो प्रकाश और समृद्धि का प्रतीक हैं। लक्ष्मी,धन और समृद्धि की देवी और गणेश, बुद्धि और शुभ शुरुआत के देवता की पूजा की जाती है। दीपावली का त्योहार लोगों को एक साथ लाता है। परिवार,दोस्त और पड़ोसी घर-घर जाकर मिठाई और उपहार बांटते हैं और आतिशबाजी का प्रदर्शन करते हैं। आतिशबाजी अंधकार और बुरी आत्माओं को दूर भगाने का प्रतीक है।

दीपावली केवल एक त्योहार नहीं है बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव है । जो भारत की समृद्ध विरासत और परंपराओं को दर्शाता है। यह प्रकाश और आशा का समय है । जब लोग अंधकार को दूर करने और बेहतर भविष्य की कामना करने के लिए एक साथ आते हैं। इस साल दीपावली भारत में 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस प्रकाश के त्यौहार को अपने प्रियजनों के साथ मनाएं। अपने घरों को रोशन करें और आशा और समृद्धि की कामना करें।

-दीपावली: भारत का प्रकाश का त्योहार हैं:
दीपावली जिसे 'रोशनी का त्योहार' भी कहा जाता है । भारत में सबसे महत्वपूर्ण और बहुप्रतीक्षित त्योहारों में से एक है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने की अमावस्या की रात को मनाया जाता है। जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में पड़ता है। दीपावली आध्यात्मिक जागृति,नवीनीकरण और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

-पौराणिक कथा और महत्व:
दीपावली की उत्पत्ति कई पौराणिक कथाओं से जुड़ी हुई है। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार इस दिन भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अपने राज्य अयोध्या लौटे थे। अयोध्या के लोगों ने उनकी वापसी का जश्न मनाने के लिए दीये जलाए और आतिशबाजी की। एक अन्य कथा में दीपावली को भगवान कृष्ण द्वारा राक्षस नरकासुर पर विजय की स्मृति में मनाया जाता है।
दीपावली बुराई पर अच्छाई,अंधकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार आध्यात्मिक जागृति और आंतरिक अंधकार को दूर करने का अवसर प्रदान करता है। दीपों का प्रकाश सत्य और अच्छाई का मार्गदर्शन करने वाला माना जाता है।

-परंपराएं और अनुष्ठान:
दीपावली कई परंपराओं और अनुष्ठानों से जुड़ा हुआ है। त्योहार की तैयारियां हफ्तों पहले शुरू हो जाती हैं, जिसमें घरों की सफाई, रंगाई और सजावट शामिल होती है। दीपावली की पूर्व संध्या पर, लोग रंगीन रंगोली डिजाइन बनाते हैं । दीये जलाते हैं और पूजा करते हैं। दीपावली के मुख्य दिन पर लोग नए कपड़े पहनते हैं। एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं और मिठाइयाँ बाँटते हैं। पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लिया जाता है । जिसमें हलवा, गुजिया और लड्डू शामिल हैं। शाम को आतिशबाजी आकाश को रोशन करती है । जो त्योहार के उत्सव का प्रतीक है।

-आर्थिक महत्व:
दीपावली भारतीय अर्थव्यवस्था में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। त्योहार से पहले के हफ्तों में बाजार हलचल से भरे रहते हैं क्योंकि लोग त्योहार की खरीदारी करते हैं। कपड़े, आभूषण,उपहार और सजावट की बिक्री में वृद्धि होती है। दीपावली मिठाई उद्योग के लिए भी एक व्यस्त समय है।

-सामाजिक महत्व:
दीपावली एक ऐसा अवसर है जो परिवार और दोस्तों को एक साथ लाता है। यह समुदाय के बंधन को मजबूत करता है और प्रियजनों के बीच प्यार और खुशी का प्रसार करता है। त्योहार विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोगों को एक साथ लाता है। एकता और सद्भाव की भावना को बढ़ावा देता है।

-पर्यावरणीय चिंताएँ:
हाल के वर्षों में दीपावली उत्सव के दौरान पर्यावरण प्रदूषण एक बढ़ती हुई चिंता बन गई है। आतिशबाजी का जलाना हवा की गुणवत्ता को खराब करता है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। ध्वनि प्रदूषण भी चिंता का विषय है क्योंकि आतिशबाजी की आवाज से जानवरों और पक्षियों को परेशानी होती है। अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल दीपावली समारोहों को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है।

-निष्कर्ष:
दीपावली भारत का एक प्रिय त्योहार है जो आध्यात्मिक जागृति, नवीनीकरण और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार परंपराओं,अनुष्ठानों और आर्थिक और सामाजिक महत्व से समृद्ध है हालांकि पर्यावरण की चिंताओं को ध्यान में रखना और अधिक टिकाऊ दीपावली समारोहों को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। दीपावली के प्रकाश का प्रतीक हमें अंधकार को दूर करने और हमारे जीवन में खुशी और समृद्धि लाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।【Photo : Google】

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#दीपावली#प्रकाश#भारत

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