*Metro...बढ़ता जा रहा है व्यापार युद्ध: चीन और अमेरिका ने टैरिफ बढ़ाए*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*Metro...बढ़ता जा रहा है व्यापार युद्ध: चीन और अमेरिका ने टैरिफ बढ़ाए*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई


【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】चीन और अमेरिका के बीच व्यापार संघर्ष बढ़ता जा रहा है तथा राष्ट्रपति ट्रम्प ने चीनी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाकर 110% करने की धमकी दी है हालांकि अमरीका ने चीन पर 104 प्रश का टैरिफ डाल दिया है। चीनी अधिकारियों ने जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है। जिससे संभावित रूप से दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच अलगाव हो सकता है। दोनों पक्ष महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभावों के लिए तैयारी कर रहे हैं । चीन अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए विभिन्न प्रतिक्रियाओं पर विचार कर रहा है। राष्ट्रपति ट्रम्प के तहत अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध पर चीन का रुख कई रणनीतिक,आर्थिक और राजनीतिक कारकों में निहित है। उनके दृष्टिकोण के कुछ प्रमुख पहलू इस प्रकार हैं:

-आर्थिक विविधीकरण: चीन ने अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ाया है । जिससे अमेरिकी बाजार पर उसकी निर्भरता कम हुई है। इस कदम का उद्देश्य अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करना और दुनिया को यह दिखाना है कि वह केवल अमेरिकी व्यापार पर निर्भर नहीं है। साल 2018 और साल 2020 के बीच चीन को ब्राजील के सोयाबीन निर्यात में 45% से अधिक की वृद्धि हुई थी। जबकि इसी अवधि में अमेरिकी निर्यात में 38% की गिरावट आई थी।

-सटीक प्रतिशोध: अमेरिका के टैरिफ वृद्धि को दोहराने के बजाय चीन ने अपने जवाबी उपायों में रणनीतिक सटीकता का इस्तेमाल किया है। यह अमेरिकी कृषि निर्यात को लक्षित करता है। जो कि पीक रोपण सीजन के दौरान रिपब्लिकन गढ़ों पर ध्यान केंद्रित करता है। इन टैरिफ का समय और चयन संघर्षरत अमेरिकी किसानों पर आर्थिक चिंता डालता है और एक सटीक राजनीतिक संदेश देता है।  

-आंतरिक बाजारों को मजबूत करना: चीन ने अपने आंतरिक बाजारों को स्थिर करने और घरेलू मांग को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। इस रणनीति का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को बाहरी झटकों के प्रति अधिक लचीला बनाना और व्यापार तनावों के प्रभाव को कम करना है। राज्य से जुड़े उद्यमों ने बाजार को स्थिर करने और चीन की आर्थिक संभावनाओं में विश्वास बनाए रखने के लिए शेयर खरीदे हैं।


-मुद्रा युद्धाभ्यास: चीन ने अपनी मुद्रा युआन को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर होने दिया है। कमजोर युआन चीनी निर्यात को वैश्विक बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धी और आकर्षक बनाता है। जो बाहरी व्यापार संबंधों को बनाए रखने और बढ़ते टैरिफ के कुछ प्रभावों को ऑफसेट करने में मदद कर सकता है।

-दृढ़ कूटनीति: चीनी अधिकारियों ने इस व्यापार युद्ध में "अंत तक लड़ने" की कसम खाई है। मजबूत बयानबाजी एक दृढ़ और विद्रोही रुख का संकेत देती है । जो दर्शाता है कि चीन अमेरिकी दबाव के सामने पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस कूटनीतिक दृष्टिकोण का उद्देश्य ताकत की स्थिति से बातचीत करना और व्यापार संघर्ष को सहने की चीन की इच्छा को व्यक्त करना हो सकता है। अब वैकल्पिक बाज़ारों की खोज में हैं चीन ।

अमेरिका द्वारा चीन पर 104% का टैरिफ लगाने पर चीन के संभावित प्रतिक्रियाएं निम्नलिखित हो सकती हैं । जो ऐतिहासिक और हाल के व्यापार तनावों के आधार पर आकलित हैं:

-प्रतिशोधात्मक टैरिफ:  
चीन अमेरिकी निर्यातों (जैसे कृषि उत्पाद,विमानन उपकरण या ऑटोमोटिव सेक्टर) पर अपने स्वयं के टैरिफ लगा सकता है। उदाहरण के लिए साल 2018-19 के व्यापार युद्ध के दौरान चीन ने सोयाबीन और अन्य वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाए थे।

-विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत:
चीन WTO में अमेरिका के खिलाफ नियमों का उल्लंघन करने का मामला दर्ज कर सकता है। जैसा कि पिछले मामलों में किया गया है।

-निर्यात बाजार विविधीकरण:  
चीन यूरोप,दक्षिणपूर्व एशिया या मध्य पूर्व जैसे अन्य बाजारों पर ध्यान केंद्रित करके अमेरिकी बाजार पर निर्भरता कम कर सकता है। विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर में यह रणनीति देखी गई है।

-घरेलू उपभोक्ता बाजार को बढ़ावा:  
चीन आंतरिक मांग बढ़ाने के लिए नीतिगत प्रोत्साहन (जैसे कर छूट या सब्सिडी) शुरू कर सकता है ताकि निर्यात पर निर्भरता कम हो।

-रणनीतिक सामग्रियों पर नियंत्रण:
चीन दुर्लभ धातुओं (जैसे गैलियम,जर्मेनियम) या बैटरी उत्पादन से जुड़े कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकता है। जो अमेरिकी तकनीकी उद्योग के लिए महत्वपूर्ण हैं।




-राजनयिक और मीडिया प्रतिक्रिया: 
चीन "संरक्षणवाद" और "एकतरफा नीतियों" की आलोचना करते हुए अपने राजनयिक मंचों (जैसे UN) और मीडिया के माध्यम से अमेरिका पर दबाव बना सकता है।

-तकनीकी प्रतिस्पर्धा को तेज करना:  
चिप्स,AI या हाई-टेक सेक्टर में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए निवेश को गति दी जा सकती है ताकि अमेरिकी प्रतिबंधों का प्रभाव कम हो।

-आखिर में : मई 2024 में अमेरिका ने चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100% टैरिफ लगाया था। जिसके जवाब में चीन ने अमेरिकी ऑटो उद्योग और एथेनॉल पर जांच शुरू की। इसी तरह की प्रतिक्रियाएं संभव हैं हालांकि दोनों देशों के बीच आर्थिक अंतर्निर्भरता को देखते हुए प्रतिक्रियाएं सीमित और रणनीतिक होंगी।【Photos Court est Google】

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#चीन# अमेरिका#टैरिफयुध्द

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