√● टैक्स बचाने वाली इन धाराओं के बारे में नहीं जानते होंगे आप, ऐसे बचा सकते हैं पैसे / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
√● टैक्स बचाने वाली इन धाराओं के बारे में नहीं जानते होंगे आप, ऐसे बचा सकते हैं पैसे / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
वित्तीय वर्ष के अंतिम दौर में आम तौर पर टैक्स बचाने के संभावित विकल्पों का पता लगाने के लिए आखिरी वक्त में काफी भागदौड़ करनी पड़ती है । धारा 80c के अंतर्गत निवेश विकल्पों में निवेश करने की बात आम तौर पर सब लोग जानते हैं लेकिन इसके अलावा और भी कई टैक्स बचाने वाली धाराएं हैं । जिन पर कई टैक्स दाताओं का ध्यान नहीं जाता है । यहां पांच ऐसे ही बहुत कम इस्तेमाल की जाने वाली टैक्स बचाने वाली धाराओं के बारे में बताया जा रहा है, जो टैक्स बचाने में मदद कर सकती हैं और इस आकलन वर्ष में आपकी टैक्स बचत को बढ़ा सकती हैं ।
सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज और धारा 80TTA :
आम तौर पर लोगों को यही मालूम है कि सेविंग्स बैंक अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है । असल में ब्याज की रकम टैक्सेबल होने के बावजूद धारा 80TTA के अनुसार ₹-10,000 की टैक्स कटौती का लाभ उठाया जा सकता है । आप सेविंग्स बैंक अकाउंट के लिए धारा 80 TTA के अंतर्गत ₹ 10,000 तक के ब्याज के लिए टैक्स कटौती के लिए क्लेम कर सकते हैं । यह जान लें कि बैंक फिक्स्ड डिपोजिट जैसे अन्य निवेश विकल्पों पर मिलने वाले ब्याज पर यह सुविधा नहीं मिलती है । इसलिए प्रभावशाली ढंग से यदि आपने अपने सभी सेविंग बैंक अकाउंट्स से वित्तीय वर्ष में ₹ 15,000 ब्याज कमाया है तो आपको धारा 80TTA के अंतर्गत ₹ 10,000 की कटौती का लाभ उठाने के बाद सिर्फ ₹ 5000 पर टैक्स देना होगा ।
धारा 2(28A) के अनुसार लोन प्रोसेसिंग फीस पर कटौती :
जब टैक्स और घर खरीदने की बात आती है तो उधारकर्ताओं द्वारा काफी हद तक होम लोन के मूलधन और ब्याज पर मिलने वाली टैक्स कटौती पर विचार किया जाता है । यदि आपने कोई लोन लिया है । जहाँ बैंक या वित्तीय संस्थान ने आपसे लोन प्रोसेसिंग फीस लिया है तो आप आईटी अधिनियम की धारा 2(28A) का इस्तेमाल करके टैक्स कटौती का लाभ उठा सकते हैं । धारा 2(28A) के अंतर्गत धारा 2(28A) के अनुसार पैसे उधार लेते समय या कोई कर्ज लेते समय ली गई सर्विस फीस पर टैक्स कटौती का लाभ मिलता है चूंकि लोन प्रोसेसिंग फीस को एक सर्विस फीस माना जाता है इसलिए एक टैक्स कटौती के रूप में जायज तरीके से इसे क्लेम किया जा सकता है ।
किसी जानलेवा बीमारी का इलाज और धारा 80DDB :
पुरानी और जानलेवा बीमारियों से लड़ना, मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से काफी मुश्किल हो सकता है । यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस लड़ाई में आपकी आर्थिक स्थिति ख़राब न हो जाए । आयकर अधिनियम की धारा 80DDB के अंतर्गत इलाज के आर्थिक बोझ को कम करने के लिए टैक्स कटौती का लाभ प्रदान किया जाता है । इस धारा के अंतर्गत एड्स, कैंसर और न्यूरोलॉजिकल जैसी ख़ास बीमारियों के इलाज पर होने वाले खर्च के लिए व्यक्तियों को ₹40,000 तक और 60 और 80 साल से ज्यादा उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों को ₹1,00,000 तक टैक्स कटौती का लाभ दिया जाता है ।
धारा 80G, 80GGA और 80GGC के अंतर्गत दान :
दान एक अच्छा काम होने के साथ-साथ आपको टैक्स कटौती का लाभ उठाने में भी मदद कर सकता है । धारा 80G के अंतर्गत विभिन्न फंड्स या मंदिरों में दिए गए किसी भी दान पर 50 से 100% तक टैक्स कटौती का लाभ उठाया जा सकता है । इसके अलावा आप धारा 80GGC के अंतर्गत किसी भी राज नीतिक दल को दिए गए दान के लिए भी टैक्स कटौती का लाभ उठा सकते हैं । जहाँ दान की रकम पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है । वैज्ञानिक अनुसंधान की सुविधा प्रदान करने वाली और 35(1) (ii), 35(1) (iii), 35CCA, 35CCB के अंतर्गत सरकार द्वारा अनुमोदित विश्वविद्यालयों या संस्थानों को दिए गए दान पर भी धारा 80GGA के अंतर्गत टैक्स कटौती का लाभ मिलता है ।
मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान और धारा 80D के अंतर्गत कटौती :
लगातार बढ़ रहे स्वास्थ्य सेवा सम्बन्धी खर्चों को देखते हुए एक मेडिक्लेम पॉलिसी हाल के दिनों में प्रत्येक परिवार की एक जरूरत बन गई है । जहाँ एक तरफ एक मेडिकल इंश्योरेंस आपको और आपके परिवार को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करता है । वहीं दूसरी तरफ इससे कई अन्य लाभ भी है । क्या आपको पता है कि पॉलिसी के लिए दिए गए प्रीमियम की रकम टैक्स बचाने में आपकी मदद कर सकती है?
आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80D के अंतर्गत आपको अपने लिए अपनी पति/पत्नी और बच्चों के लिए दिए गए सभी हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर ₹ 25,000 तक की टैक्स छूट मिलती है । यदि आप 60 साल से ज्यादा उम्र के एक वरिष्ठ नागरिक हैं तो आप जैसे लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए साल 2018 की बजट में टैक्स छूट की यह सीमा ₹ 30,000 से बढ़ाकर ₹ 50,000 कर दी गई है इसलिए यदि आपके माता-पिता 60 साल से ज्यादा उम्र के, वरिष्ठ नागरिक हैं तो आप ₹ 50,000 तक अतिरिक्त कटौती के लिए क्लेम कर सकते हैं । जिससे कटौती की कुल रकम ₹ 75,000 हो जाती है । इस टैक्स कटौती का लाभ उठाने के लिए बस यह सुनिश्चित कर लें कि प्रीमियम की रकम नकद में न दी गई हो । यहाँ ऊपर बताई गई विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मिलने वाली और कम जानी-मानी टैक्स कटौतियों का लाभ उठाते हुए अधिक से अधिक टैक्स बचाएं ।
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई √●Metro City Post●News Channel●
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