*धनतेरस एक नई शुरुआत का प्रतीक है,जिसमें लोग अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित होते हैं*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】*धनतेरस एक नई शुरुआत का प्रतीक है,जिसमें लोग अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित होते हैं*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

भारत में धनतेरस का त्योहार धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है ।इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानेंगे कि धनतेरस का महत्व क्या है और इसे कैसे मनाया जाता है? धनतेरस एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है । जो दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है। यह त्योहार धन,समृद्धि और स्वास्थ्य की देवी लक्ष्मी और धन्वंतरि की पूजा के लिए समर्पित है।

•धनतेरस का महत्व: 
-धन और समृद्धि: इस दिन नए बर्तन,आभूषण और अन्य कीमती सामान खरीदने से घर में धन और समृद्धि आती है।
 -स्वास्थ्य: धन्वंतरि की पूजा से स्वास्थ्य और दीर्घायु प्राप्त होती है।
-लक्ष्मी पूजा: देवी लक्ष्मी की पूजा से घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
-नई शुरुआत: धनतेरस एक नई शुरुआत का प्रतीक है, जिसमें लोग अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित होते हैं।

•धनतेरस की पूजा विधि:
-स्नान और पूजा के लिए जल्दी उठें। घर को साफ़ और सजाएं।
धन्वंतरि और लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र की पूजा करें। नए बर्तन, आभूषण और अन्य कीमती सामान खरीदें। रात में दीये जलाएं और लक्ष्मी की आरती करें।

•धनतेरस के दिन कुछ महत्वपूर्ण बातें: इस दिन किसी भी तरह का कर्ज न लें । नए व्यवसाय या परियोजना की शुरुआत न करें।
घर में किसी भी तरह का झगड़ा न करें। दान और पुण्य करें।
परिवार के साथ मिलकर पूजा करें। धनतेरस का त्योहार हमें धन, समृद्धि और स्वास्थ्य की महत्ता को याद दिलाता है और हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करता है।

-धनतेरस: धन और समृद्धि का प्रतीक:
भारत में धनतेरस का त्योहार धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन लोग धन और लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं और अपने घरों को सजाते हैं। धनतेरस का महत्व धन और समृद्धि के लिए नहीं है, बल्कि यह एक धार्मिक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हमें धन की महत्वता समझाता है। धनतेरस का अर्थ होता है 'धन की तेरस'और इस दिन देवी लक्ष्मी तथा धन्वंतरि की पूजा की जाती है। जो समृद्धि और धन का प्रतीक हैं। लोग इस दिन नए बर्तन, आभूषणऔर अन्य कीमती सामान खरीदते हैं । जो समृद्धि और धन के आगमन का संकेत माना जाता है।

-धनतेरस का इतिहास:
धनतेरस का त्योहार हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन लोग धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं। धनतेरस का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, जब युद्ध के बाद युद्धसेना ने अपने अस्त्र-शस्त्रों को साफ करने के लिए इस दिन का त्योहार मनाया था। इसके बाद से ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।

-धनतेरस का महत्व:
धनतेरस का महत्व धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए है। इस दिन लोग धन और लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं और अपने घरों को सजाते हैं। धनतेरस का महत्व धन की प्राप्ति के साथ-साथ धर्मिक महत्वपूर्ण भी है। यह त्योहार हमें धन की महत्वता समझाता है और हमें धन को सही तरीके से उपयोग करने की सीख देता है।

-धनतेरस की रस्में:
धनतेरस के दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं और धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं। इस दिन लोग धनतेरस के लिए सोने या चांदी के आभूषण खरीदते हैं और अपने घरों को सजाते हैं। धनतेरस की रस्में बहुत ही धार्मिक और सुंदर होती हैं और इस दिन को खास बनाती हैं।

- धनतेरस के उपहार:
धनतेरस के दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों को उपहार देते हैं। इस दिन लोग सोने या चांदी के आभूषण, धन के सिक्के या फिर धन के उपहार देते हैं। धनतेरस के उपहार लोगों के बीच एक अच्छा रिश्ता बनाए रखने में मदद करते हैं और इस त्योहार को और भी खास बनाते हैं।

-धनतेरस के व्रत:
धनतेरस के दिन लोग धनतेरस का व्रत रखते हैं और लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं। इस दिन लोग सुबह उठकर नहाने के बाद लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं और उन्हें प्रसाद चढ़ाते हैं। धनतेरस के व्रत से लोग धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में सुख-शांति बनाए रखने की कामना करते हैं।

-धनतेरस के महत्वपूर्ण त्योहार:
धनतेरस भारत में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। जो हर साल कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन लोग धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं और अपने घरों को सजाते हैं। धनतेरस के महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में हमें धन की महत्वता समझाता है और हमें धन को सही तरीके से उपयोग करने की सीख देता है।

- धनतेरस का उत्सव:
धनतेरस का उत्सव भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं और धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं। धनतेरस का उत्सव लोगों के बीच एक खुशी और उत्साह का माहौल बनाता है और इस त्योहार को और भी खास बनाता है।

-धनतेरस का संदेश:
धनतेरस का त्योहार हमें धन की महत्वता समझाता है और हमें धन को सही तरीके से उपयोग करने की सीख देता है। इस दिन हमें धन की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी माता की पूजा करनी चाहिए और धन को सही तरीके से उपयोग करना चाहिए। धनतेरस का संदेश है कि हमें धन को सही तरीके से उपयोग करना चाहिए और धन की महत्वता को समझना चाहिए। धनतेरस का त्योहार धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है और हमें धन की महत्वता समझाता है। इस त्योहार को मनाकर हम धन को सही तरीके से उपयोग कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख-शांति बनाए रख सकते हैं।

धनतेरस का त्योहार भारत में धन की देवी लक्ष्मी और चिकित्सा के देवता धन्वंतरि की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार दीपावली महापर्व की शुरुआत का संकेत देता है और हिंदू कैलेंडर के कार्तिक महीने की त्रयोदशी को मनाया जाता है। धनतेरस की महत्ता निम्नलिखित बिंदुओं में समझी जा सकती है:


-आरोग्य और स्वास्थ्य: धन्वंतरि की पूजा का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि का संरक्षण करना है। धन्वंतरि को आयुर्वेद का देवता माना जाता है और इस दिन लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होते हैं।

-नए शुरुआत का अवसर: धनतेरस को नई चीजें खरीदने के लिए शुभ माना जाता है। लोग इस दिन नई कार, सोने-चांदी के आभूषण, और अन्य वस्तुओं का क्रय करते हैं। जो नए शुरुआत और सुअवसर का प्रतीक होता है।

-सामाजिक बंधन: यह त्योहार परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाया जाता है । जिससे प्रेम और एकता का बंधन मजबूत होता है। लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं और साथ मिलकर पूजा-अर्चना करते हैं।

-परंपरा और संस्कृति: धनतेरस का त्योहार भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पारंपरिक मान्यताओं और रीति-रिवाजों को बनाए रखता है और नई पीढ़ियों में इन्हें समर्पित करता है। धनतेरस का पर्व भारतीय संस्कृति में समृद्धि,स्वास्थ्य और सामाजिक एकता का प्रतीक माना जाता हैऔर इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।


•धनतेरस हिन्दु और जैन त्योहार:विकिपीडिया का यह मानना है।
कार्तिक माह (पूर्णिमान्त) की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। भारत सरकार ने धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
धनतेरस: धनतेरस व्रतआधिकारिक नाम : धनतेरस व्रतअनुयायी: हिन्दू,भारतीय,भारतीय प्रवासी तिथि :कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी। जबकि जैन आगम में धनतेरस को 'धन्य तेरस' या 'ध्यान तेरस' भी कहते हैं। भगवान महावीर इस दिन तीसरे और चौथे ध्यान में जाने के लिये योग निरोध के लिये चले गये थे। तीन दिन के ध्यान के बाद योग निरोध करते हुये दीपावली के दिन निर्वाण को प्राप्त हुये। तभी से यह दिन धन्य तेरस के नाम से प्रसिद्ध हुआ।【Photos by Google】

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#धनतेरस#उत्सव#पर्व



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