*IMF उन देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है जिन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा होता हैं*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*IMF उन देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है जिन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा होता हैं*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】इंटरनेशनल मोनिटरिंग फंड (IMF) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। जिसे साल 1944 में स्थापित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना,वित्तीय सहयोग को बढ़ावा देना और सदस्य देशों के लिए आर्थिक विकास को समर्थन प्रदान करना है।
•IMF विभिन्न तरीके से कार्य करता है:
-सदस्य देशों को वित्तीय सहायता: IMF उन देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है जिन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। यह सहायता मुख्य रूप से ऋण के रूप में होती है, जिसमें विभिन्न शर्तें होती हैं।
-आर्थिक निगरानी: IMF सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर निगरानी रखता है और उन्हें आर्थिक नीतियों में सुधार करने के लिए सुझाव देता है।
-तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण: IMF विभिन्न देशों को आर्थिक नीतियों के विकास में मदद करता है और उन्हें तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
-आर्थिक अनुसंधान और डेटा उपलब्धता: IMF वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में जानकारी और आंकड़े संकलित करता है। जिसे शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं के लिए उपलब्ध किया जाता है।
IMF का मुख्यालय वाशिंगटन, D.C. में है और इसमें 190 से अधिक सदस्य देश हैं। इसके निर्णयों और नीतियों का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर Significant प्रभाव पड़ता है। आईएमएफ वैश्विक आर्थिक स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इसके मुख्य लक्ष्यों में शामिल हैं । अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देना। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाना। गरीबी और असमानता को कम करना।
विनिमय दरों को स्थिर करना। इसके मुख्य कार्य में आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करना। वैश्विक आर्थिक रुझानों की निगरानी करना और नीति सलाह प्रदान करना। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय मानक निर्धारित करना।तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करना।
-IMF संरचना:बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (प्रत्येक सदस्य देश से एक गवर्नर)। कार्यकारी बोर्ड (सभी सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 24 निदेशक)।प्रबंध निदेशक (IMF के प्रमुख)।
-IMF संसाधन:कोटा सदस्यता (सदस्य देशों का योगदान)।
सामान्य संसाधन खाता (GRA)। ।विशेष आहरण अधिकार (SDR)
-आलोचनाएँ और विवाद: शर्तें (ऋण के लिए कठोर नीतिगत शर्तें)। असमानता और ऋण मुद्दे। आर्थिक संकटों में IMF की भूमिका की आलोचनाएँ
-सुधार और पहल: असमानता और सामाजिक सुरक्षा पर अधिक ध्यान।ऋण पारदर्शिता और प्रबंधन को बढ़ाना। कर मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना।
इंटरनेशनल मोनिटरिंग फंड (आईएमएफ) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन होने से विश्व अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और विकास को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। इसका मुख्यालय वाशिंगटन डीसी में है। आईएमएफ के मुख्य उद्देश्य देखें तो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा प्रणाली को स्थिर करना। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना। विकासशील देशों को आर्थिक सहायता प्रदान करना। आर्थिक संकट को रोकने में मदद करना। विश्व अर्थव्यवस्था की निगरानी करना।आईएमएफ के जो कार्य हैं वह कुछ इस तरह के हैं।
आर्थिक सलाह देना।ऋण प्रदान करना। आर्थिक नीतियों का मूल्यांकन करना। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का प्रबंधन करना।
विकासशील देशों को तकनीकी सहायता प्रदान करना। आईएमएफ के जो कुल सदस्य उसके हिसाब से 190 से अधिक देश आईएमएफ के सदस्य हैं। उसमें प्रत्येक सदस्य देश का एक मत होता है। सदस्य देशों का योगदान उनकी अर्थव्यवस्था के आकार पर आधारित होता है। आईएमएफ के प्रमुख कार्यक्रमों मेंं स्टैंडर्ड बायरिंग अरेंजमेंट (एसबीए), एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (ईएफएफ), स्टैंडर्ड क्रेडिट फैसिलिटी (एससीएफ) और पोवर्टी रिडक्शन एंड ग्रोथ फैसिलिटी (पीआरजीएफ) । आईएमएफ की आलोचनाएं भी होती हैं उसके तहत आर्थिक उदारीकरण को बढ़ावा देना। विकासशील देशों पर दबाव डालना।आर्थिक संकट को बढ़ावा देना। सदस्य देशों की स्वतंत्रता को सीमित करना। आईएमएफ एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो विश्व अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है लेकिन इसकी आलोचनाएं भी हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष संयुक्त राष्ट्र की एक प्रमुख वित्तीय एजेंसी है और एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है। जिसका मुख्यालय वॉशिङ्टन, डी॰ सी॰ में है। जिसमें 190 देश शामिल हैं। इसका घोषित उद्देश्य "वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देने, वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करने,अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने,उच्च रोजगार और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और विश्व भर में दारिद्र्य को कम करने के लिए कार्य कर रहा है।" साल 1944 में स्थापित 27 दिसंबर 1945 को शुरू हुआ । ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में मुख्य रूप से हैरी डेक्सटर वाइट और जॉन मेनार्ड केन्ज़ के विचारों से यह साल1945 में 29 सदस्य देशों के साथ औपचारिक अस्तित्व में आया और अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली के पुनर्निर्माण का लक्ष्य था। यह अब भुगतान शेष काठिन्यों और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकटों के प्रबंधन में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है। देश एक कोटा प्रणाली के माध्यम से एक पूल में धन का योगदान करते हैं जिससे भुगतान संतुलन की समस्याओं का सामना करने वाले देश पैसे उधार ले सकते हैं। साल 2016 तक फंड में XDR 477 बिलियन (लगभग यूएस $ 667 बिलियन) था। IMF को अन्तिम उपाय का वैश्विक ऋणदाता माना जाता है।

【Photos: Google & Wikipedia】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#आइएमएफ#कार्य#
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