*फिलिस्तीन और इसराइल का पिछले एक साल से जो यूद्ध चल रहा है उसके दोनों के लिए हैं एक एक पिलर हमास और मोसाद*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*फिलिस्तीन और इसराइल का पिछले एक साल से जो यूद्ध चल रहा है उसके दोनों के हैं एक एक पिलर हमास और मोसाद*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】फिलिस्तीन और इजराइल के बीच मौजूदा संघर्ष जो 2023 में आरंभ हुआ था। यह संघर्ष अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ था और तब से यह जारी है। इस संघर्ष की प्रमुख वजहें जटिल हैं लेकिन इनमें कुछ मुख्य कारण शामिल हैं। उसमें स्टेटस क्वो का उल्लंघन शामिल है। जेरुसलम का_status और इसके विभिन्न धार्मिक स्थलों का नियंत्रण एक महत्वपूर्ण विवाद रहा है। दौरान आतंकवाद और सुरक्षा के मद्देनजर हमास और अन्य समूहों द्वारा इजराइल पर रॉकेट हमले और और उसको लेकर इजराइल की सैन्य कार्रवाइयाँ चल रही हैं। इसमें मानवाधिकार और शरणार्थी के लिए मुद्दे अहम है। फिलिस्तीनी शरणार्थियों का मुद्दा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष चल रहा है। दौरान राजनीतिक समाधान की कमी नजर आ रही हैं। लंबे समय से कोई स्थायी राजनीतिक समाधान नहीं निकल पाने के कारण तनाव बढ़ा है। गाजा में हुई मौतों की संख्या को लेकर सटीक आंकड़े समय के साथ बदलते रहते हैं और विभिन्न स्रोतों द्वारा विभिन्न रिपोर्टें आती हैं। साल 2023 के संघर्ष में मीडिया और मानवाधिकार संगठनों द्वारा दी गई सूचनाओं के अनुसार सैकड़ों फिलिस्तीनियों और कई इजराइलियों की मौत हुई है हालाँकि सटीक आकड़े समय-समय पर बदलते हैं इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए विश्वसनीय समाचार स्रोतों की जांच करना हमेशा बेहतर होता है। यह संघर्ष एक संवेदनशील मुद्दा है और इसमें शामिल पक्षों के लिए मानवीय हानि का गहरा प्रभाव होता है। फिलिस्तीन और इज़राइल के बीच संघर्ष एक जटिल और लंबा इतिहास रखता है। जिसमें कई घटक शामिल हैं। इस संघर्ष के दौरान विभिन्न समूहों और संस्थाओं की भूमिकाएं महत्वपूर्ण रही हैं, जिनमें हमास और मोसाद शामिल हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम दो प्रमुख खुफिया एजेंसियों हमास और मोसाद के कामकाज के बारे में जानेंगे। दोनों को कट्टर दुश्मन माना जाता है लेकिन वे कैसे काम करते हैं? आइए जानें।
-हमास:
हमास एक इस्लामी आंदोलन है । जो साल 1987 में स्थापित हुआ और इसका उद्देश्य फिलिस्तीनी लोगों के लिए स्वतंत्रता और न्याय प्राप्त करना है। यह समूह गाजा पट्टी में प्रभावी है और इसे कई देशों द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता दी गई है। हमास ने इजरायल के खिलाफ कई सैन्य संघर्षों में भाग लिया है और इसने गाजा में शासन किया है। समूह ने रॉकेट हमले,सुरंगों का निर्माण और अन्य युद्धक रणनीतियों का उपयोग किया है ताकि इजरायल के खिलाफ अपने लक्ष्यों को हासिल किया जा सके। फिलिस्तीनी उग्रवादी समूह माना जाता हैं। दरअसल
हमास की स्थापना इजरायल के कब्जे से फिलिस्तीन को आजाद कराने के लक्ष्य के साथ की गई थी। यह संगठन अपनी उग्रवादी गतिविधियों के लिए जाना जाता है। जिसमें आत्मघाती बम विस्फोट और रॉकेट हमले शामिल हैं। हमास मुख्य रूप से गाजा पट्टी में काम करता है और इस क्षेत्र में इसकी मजबूत उपस्थिति है।
मोसाद इजरायल की खुफिया एजेंसी है और इसकी भूमिका इजरायल की सुरक्षा को सुनिश्चित करने और आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। मोसाद ने कई अभियानों का संचालन किया है। जिसमें दुश्मन के नेताओं को निशाना बनाना, खुफिया जानकारी इकट्ठा करना और इजरायल के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना शामिल है।मोसाद एक इजरायल की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी मानी गई हैं। दूसरी ओर मोसाद इजरायल की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी है। जो देश के हितों की रक्षा के लिए खुफिया जानकारी जुटाने और गुप्त अभियान चलाने के लिए जिम्मेदार है। मोसाद अपनी परिष्कृत खुफिया जानकारी जुटाने की तकनीकों के लिए जाना जाता है और कई हाई-प्रोफाइल ऑपरेशनों में शामिल रहा है।
हमास और मोसाद अलग-अलग तरीकों से काम करते हैं लेकिन अपने-अपने हितों की रक्षा करने के समान लक्ष्य को साझा करते हैं। हमास अपने ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए गुर्गों और समर्थकों के एक नेटवर्क पर निर्भर करता है। जबकि मोसाद जानकारी इकट्ठा करने के लिए उन्नत तकनीक और खुफिया जानकारी जुटाने की तकनीकों का उपयोग करता है। इन दोनों संगठनों की कार्यप्रणाली और रणनीतियों ने इस क्षेत्र के संघर्ष को और अधिक बढ़ाया है और यह दोनों पक्षों के लिए सुरक्षा, हानि, और राजनीतिक मुद्दों को लेकर जटिलताएं उत्पन्न करती है।
यहां दोनों के बीच चल रहा संघर्ष संवेदनशील और जटिल है और इसमें नागरिकों की सुरक्षा और मानवाधिकारों का मुद्दा भी महत्वपूर्ण होता है। खुफिया एजेंसियां राष्ट्रीय सुरक्षा और देश के हितों की रक्षा के लिए जानकारी जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
-हमास और मोसाद: एक करीबी नज़र:
हमास और मोसाद दो खुफिया एजेंसियां हैं जो सालों से एक-दूसरे के साथ विवाद में हैं। हमास एक फिलिस्तीनी उग्रवादी समूह है । जबकि मोसाद इजरायल की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी है। अपने मतभेदों के बावजूद दोनों संगठन अपने रणनीतिक संचालन और खुफिया जानकारी जुटाने की तकनीकों के लिए जाने जाते हैं।
-हमास और मोसाद के बीच प्रतिद्वंद्विता:
हमास और मोसाद के बीच प्रतिद्वंद्विता इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष में निहित है। दोनों संगठन एक-दूसरे के खिलाफ कई झड़पों और गुप्त अभियानों में शामिल रहे हैं। दोनों एजेंसियों के बीच प्रतिद्वंद्विता उनकी विरोधी विचारधाराओं और लक्ष्यों से प्रेरित है।
-उनके संचालन का प्रभाव:
हमास और मोसाद के संचालन का क्षेत्र और दुनिया भर में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। दोनों एजेंसियाँ हाई-प्रोफाइल हमलों और ऑपरेशनों में शामिल रही हैं। जिन्होंने मध्य पूर्व में इतिहास की दिशा तय की है।
निष्कर्ष के तौर पर खुफिया एजेंसियाँ हमास और मोसाद राष्ट्रीय सुरक्षा और अपने-अपने हितों की रक्षा के लिए सूचना एकत्र करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। कट्टर दुश्मन होने के बावजूद दोनों संगठन अपने रणनीतिक संचालन और खुफिया जानकारी एकत्र करने की तकनीकों के लिए जाने जाते हैं। खुफिया जानकारी एकत्र करने की जटिल दुनिया में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए यह समझना आवश्यक है कि ये एजेंसियाँ कैसे काम करती हैं।
-इंटेलिजेंस-एजेंसियाँ-हमास-मोसाद:
मेटा विवरण: खुफिया एजेंसियों हमास और मोसाद के रहस्यों को उजागर करते हैं। जो कट्टर दुश्मन हैं जो अलग-अलग तरीकों से काम करते हैं लेकिन अपने हितों की रक्षा करने के सामान्य लक्ष्य को साझा करते हैं।
मोसाद इजराइल के जन्म से पहले "हग्गाना" नाम से जाना जाता था। मोसाद का जन्म 13 दिसंबर 1949 में एक केन्द्रीय संस्थान के रूप में हुआ। उस समय के प्रधान मंत्री डेवीड बेन गुरियन एक केंद्रीय समन्वय और मौजूदा सुरक्षा सेवाओं सेना के खुफिया विभाग के बीच सहयोग कर सके। मोसाद खुफिया जानकारी जुटाने गुप्त ऑपरेशन और आतंकवाद निरोध के लिए जिम्मेदार है। इसके निदेशक सीधे और केवल प्रधानमंत्री को जवाब देते हैं। इसका वार्षिक बजट लगभग 10 बिलियन (US$2.73 बिलियन) होने का अनुमान है। मोसाद का अर्थ क्या होता है? तो जाने कि मोसाद का पूरा नाम इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलिजेंस एंड स्पेशल ऑपरेशंस है । यह इजरायल की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी है। मोसाद इजरायल इंटेलिजेंस नेटर्वक के तहत काम करती है।
-हमास के लिए विकिपीडिया क्या कहते हैं?
-इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन , संक्षिप्त रूप में: हमास ( अरबी : حركة المقاومة الإسلامية , रोमानीकृत : Ḥarakat al-Muqāwamah al-ʾIslāmiyyah से एक अरबी संक्षिप्त रूप) एक फिलिस्तीनी राष्ट्रवादी सुन्नी इस्लामवादी राजनीतिक संगठन है जिसकी सैन्य शाखा इज़ अल-दीन अल-क़स्साम ब्रिगेड है। सन् 2008 के अन्त में इज़राइल द्वारा ग़ज़ा पट्टी में हमास के विरुद्ध की गई सैन्य कार्रवाई में कोई 10 लोग मारे गए थे। इस अभियान का उद्देश्य इज़राइली क्षेत्रों में रॉकेट हमले रोकना था पर हमास ने इज़राइल पर साधारण नागरिकों को मारने का आरोप लगाया था। हमास का मतलब क्या होता है? तो दिसंबर 1987 में फिलिस्तीनी विद्रोह की शुरुआत में इजरायल के कब्जे के खिलाफ विद्रोह के रूप में इंतिफादा (अरबी में इंतिफादा- "झटकना") हमास (जो एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है "उत्साह") मुस्लिम ब्रदरहुड और पीएलओ के धार्मिक गुटों द्वारा स्थापित किया गया था और नए संगठन ने जल्द ही एक व्यापक अनुसरण प्राप्त कर लिया। हमास का एक पुराना नाम भी था? हमास - हरकत अल-मुकावामा अल-इस्लामिया (इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन) का संक्षिप्त नाम - फिलिस्तीनी क्षेत्रों में सबसे बड़ा और सबसे सक्षम उग्रवादी समूह है और इस क्षेत्र के दो प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक है। हमास और इजरायल क्यों लड़ रहे हैं? तो कई टिप्पणीकारों ने युद्ध के कारण के रूप में इजरायली कब्जे के व्यापक संदर्भ की पहचान की है। उप राजनीतिक नेता सालेह अल-अरोरी ने कहा कि हमास का मानना है कि इजरायल उच्च पवित्र दिनों के बाद पश्चिमी तट और गाजा पर हमला करने की योजना बना रहा था।
【Photos Courtesy Google】
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