भारत में 50 लाख से अधिक आर्थिक अपराध, 58 हजार दंगल के अपराध हूए/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई

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                 मुंबई / रिपोर्ट स्पर्श देसाई

साल 2017 में, देश में 50 लाख आर्थिक अपराधों के विभिन्न मामलों में सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई थी । इसमें 50 लाख से अधिक वित्तीय अपराध और साथ ही 58,000 दंगल मामले शामिल हैं। पिछले वर्ष की तुलना में समग्र अपराध दर में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह जानकारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी साल 2017 की वार्षिक रिपोर्ट में निहित है।

अपराध भारतीय दंड संहिता और स्थानीय कानूनों के तहत दर्ज किए गए हैं। देश में, 1 लाख 27 हजार 340 वित्तीय अपराधों के रिकॉर्ड दर्ज किए गए थे । इनमें विश्वासघात, जालसाजी और भ्रष्टाचार के मामले शामिल हैं। 3 लाख 55 हजार 994 रुपये के नकली नोट का मामला सामने आया है। वित्तीय अपराधों की सूची में महाराष्ट्र तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। महाराष्ट्र में 13,941 अपराध दर्ज हुए हैं। आर्थिक अपराध में राजस्थान पहले स्थान पर इस राज्य में 21 हजार 645 अपराध दर्ज हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 20,717 मामले सामने आए हैं।

भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत महाराष्ट्र में सबसे अधिक अपराध हैं, जिनमें 925 मामले दर्ज किए गए हैं। उड़ीसा (494) और राजस्थान (404) के मामले निम्नलिखित हैं। देश में कुल 4092 ऐसे अपराध सामने आए हैं।

उन्होंने कहा कि देश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा का प्रचलन बढ़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि  86,000 की संख्या में महिलाओं के विनयभंग के मामले हुए हैं ‌। जो 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। अपहरण की कथित घटनाएं 95,893 थीं। उनमें 42 हजार 325 युवा, लड़कियों और 34 हजार 415 महिलाओं का अपहरण शामिल है। 1460 यौन हमले के मामलों सहित 12 हजार 213 साइबर अपराध रिपोर्ट किए गए हैं।

देश में शांति के उल्लंघन के 78 हजार 15  मामले सामने आए हैं । जिनमें 58 हजार 850 दंगल के मामले शामिल हैं। अनुसूचित जाति और 22,151 अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ 3,469 जाति-संबंधी अत्याचारों की रिपोर्ट की गई है।
गुनाहों में उतर प्रदेश पहले क्रमांक पर आता हैं । उसके बाद महाराष्ट्र और तिसरे नंबर पर मप्र रहा था ।
युपी में एक साल में करीब तीन लाख से अधिक प्राथमिक गुनाह दर्ज किये गये हैं ।
साल 2017 के लिए NCRB  यानि की राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र मध्यप्रदेश, केरल और दिल्ली अपराधों की संख्या में उपरी तह पर रहें ।
बिहार जहां कहां जाता हैं कि यहां जंगल राज चलता हैं, गुनाहों की शृंखला में 6वें  क्रमांक पर आता हैं ,अपराध के मामले में ।
साल 2017 में कुल 30,62,569 मामले, साल 2015 में 29,49,400 और साल 2016 में 29,75,711 मामले दर्ज हुए हैं ।
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 3,10,084 मामले दर्ज हुए हैं । उत्तर प्रदेश में अपराधों का ग्राफ उपरी तह तक का हैं ।
महाराष्ट्र में साल 2015 तक 2,41,920 साल 2016 में 2,82,171 मामले दर्ज हैं ।
इसी तरह मध्यप्रदेश में साल 2017 में 2,69,512 प्राथमिक अपराध दर्ज किये गये थे ।

रिपोर्ट स्पर्श देसाई √•Metro City Post # MCP• News Channel• के लिए...


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