*दिल्ली-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन सात जिलों और 335 गांवों से होकर गुजरेगी,राजस्थान को बड़ा बढ़ावा*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*दिल्ली-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन सात जिलों और 335 गांवों से होकर गुजरेगी,राजस्थान को बड़ा बढ़ावा*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई


Published from Blogger Prime Android App
【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】राजस्थान अपनी कनेक्टिविटी और आर्थिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव के लिए तैयार है क्योंकि दिल्ली-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) केंद्र सरकार की मंज़ूरी का इंतज़ार कर रही है। यह महत्वाकांक्षी 875 किलोमीटर लंबा हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर राज्य के सात ज़िलों और 335 गाँवों से होकर गुज़रेगा। जिससे दिल्ली और अहमदाबाद के बीच यात्रा का समय 14 घंटे से घटकर सिर्फ़ 3-4 घंटे रह जाएगा। इस परियोजना से पर्यटन और क्षेत्रीय विकास में नाटकीय रूप से वृद्धि होगी। जिससे प्रमुख विरासत शहरों तक पहुँच और भी आसान हो जाएगी। पूरे हाई-स्पीड रेल मार्ग का 657 किलोमीटर का एक बड़ा हिस्सा राजस्थान में होगा। इस ट्रेन को अलवर,जयपुर, अजमेर,भीलवाड़ा,चित्तौड़गढ़,उदयपुर और डूंगरपुर से होकर गुज़रने की योजना है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अनुसार इस कॉरिडोर पर प्रस्तावित ग्यारह स्टेशनों में से नौ राजस्थान में स्थित होंगे । जिनमें जयपुर,अजमेर और उदयपुर जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। इस व्यापक कवरेज से आम यात्रियों और पर्यटकों दोनों के लिए तेज़ यात्रा विकल्प उपलब्ध कराकर राज्य के पर्यटन क्षेत्र को एक बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। 350 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से चलने के लिए डिज़ाइन की गई यह बुलेट ट्रेन,सुरंगों, पुलों और पहाड़ी क्षेत्रों सहित विभिन्न भूभागों से गुज़रते हुए पाँच प्रमुख नदियों को पार करेगी। यात्री परिवहन के अलावा इस परियोजना से लोकप्रिय पर्यटन स्थलों तक कनेक्टिविटी में सुधार करके क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं को उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा मिलने की उम्मीद है हालाँकि जोधपुर जो कि एक प्रमुख पर्यटन शहर हैं। वो शहर  इस कॉरिडोर में शामिल नहीं है। राजस्थान पहले से ही गुढ़ा साल्ट और थाथाना मिठड़ी के बीच भारत के पहले समर्पित 60 किलोमीटर लंबे हाई-स्पीड परीक्षण ट्रैक की मेजबानी के लिए तैयार है। जहाँ भविष्य में बुलेट ट्रेन के परीक्षण किए जाएँगे। जिससे देश के हाई-स्पीड रेल भविष्य में राज्य की भूमिका और भी मज़बूत होगी। यह बुनियादी ढाँचा पहल टिकाऊ और कुशल यात्रा के एक नए युग को बढ़ावा देती है, जिससे पारंपरिक परिवहन से होने वाले कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आती है। यह प्रमुख केंद्रों को ऐतिहासिक स्थलों से जोड़कर आर्थिक संभावनाओं को उजागर करने और सभी क्षेत्रों में समान विकास को बढ़ावा देने का वादा करती है। यह परियोजना भावी पीढ़ियों के लिए भारत के परिवहन नेटवर्क के आधुनिकीकरण की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।【Photo Couertsy Google】

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#बुलेटट्रैन #राजस्थान#
#अलवर#जयपुर#अजमेर#भीलवाड़ा#चित्तौड़गढ़#उदयपुर#डूंगरपुर#दिल्ली#अहमदाबाद 
    

Comments

Popular posts from this blog

*मुंबई में अगले तीन दिन भारी बारिश, कल जल प्रलय हो सकता है मुंबई में भारी बारिश का अनुमान, बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*तेलंगाना में 300 करोड़ रुपये का 200 किलो सोना और 105.58 करोड़ की नकदी जब्त*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*संचार के द्वारपाल: समाचारों को प्राथमिकता देने में पत्रकार की महत्वपूर्ण भूमिका*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई