*स्वर्ण मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी के पीछे कौन है?*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*स्वर्ण मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी के पीछे कौन है?*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने 16 जूलाई बुधवार को बताया कि 14 जुलाई से अब तक स्वर्ण मंदिर को उड़ाने की धमकी वाले पांच ई-मेल प्राप्त हुए हैं। अमृतसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए धामी ने कहा कि बम हमलों की धमकी वाले पांच ई-मेल चिंता का विषय हैं। 14 जुलाई को जब पहला ई-मेल प्राप्त हुआ तो अधिकारियों ने स्वर्ण मंदिर के आसपास पुलिस की तैनाती बढ़ा दी थी। इस बीच अमृतसर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि स्वर्ण मंदिर के बाहर तलाशी अभियान के लिए सीमा सुरक्षा बल की एक बम निरोधक टीम तैनात की गई है। धमकी भरे ई-मेल के बारे में भुल्लर ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। धामी ने कहा कि एसजीपीसी ने सरकार और पुलिस प्रशासन को इन धमकियों के बारे में सूचित कर दिया है हालाँकि उन्होंने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि ई-मेल भेजने वाले की पहचान अभी भी अज्ञात है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या ये धमकियां महज किसी दुर्भावनापूर्ण दिमाग की शरारत हैं या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हैं?धामी ने कहा कि सचखंड श्री हरमंदर साहिब (स्वर्ण मंदिर) समस्त मानवता के लिए एक आध्यात्मिक और समावेशी केंद्र है। जहां प्रतिदिन भारत और विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पवित्र स्थल पर पूजा-अर्चना करने आने वाले बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के बीच भय पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन ई-मेलों के स्रोत का पता लगाना सरकार की जिम्मेदारी है। जिसमें सर्वर,आईपी एड्रेस और मूल देश शामिल हैं। धामी ने खुलासा किया कि 15 और 16 जुलाई को भेजे गए धमकी भरे ई-मेल न केवल एसजीपीसी को भेजे गए थे बल्कि अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी भेजे गए थे लेकिन सरकार अभी तक यह पता लगाने में विफल रही है कि इनके पीछे कौन था ? उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ने पहले भी पंजाब पुलिस को अपने नाम से चल रहे फर्जी और पैरोडी सोशल मीडिया अकाउंट के बारे में कई शिकायतें दी हैं लेकिन साइबर सेल ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। जो सिख संस्थाओं के प्रति राज्य की गंभीरता की कमी को दर्शाता है। धामी ने कहा कि एसजीपीसी अपनी जिम्मेदारियों को पूरी लगन से निभा रही है और सचखंड श्री हरमंदर साहिब के पूरे परिसर का प्रबंधन प्रबंधन द्वारा अत्यंत सावधानी से किया जा रहा है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे दर्शन के लिए आते समय भयभीत न हों और कहा कि हमेशा की तरह अब भी बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। इस बीच शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि धमकी भरे ई-मेल बहुत गंभीर मामला है। उन्होंने पंजाब और केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वे इस मामले की गंभीरता पर विचार करें और दोषियों को पकड़ने के लिए गहन जांच करें ताकि संगत के मन में असुरक्षा की भावना पैदा न हो। इस बीच पंजाब विधानसभा में पेश किए गए बेअदबी विरोधी विधेयक पर बोलते हुए धामी ने इस कदम का स्वागत किया लेकिन इस बात पर जोर दिया कि सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि इस तरह के कानून पर चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले पिछली अकाली सरकार ने भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी और भावनाओं का सम्मान करते हुए इस मामले को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। धामी ने कहा कि पंजाब में बेअदबी की अधिकांश घटनाएं गुरु ग्रंथ साहिब से संबंधित हैं और प्रस्तावित कानून में केवल "पवित्र ग्रंथों" का उल्लेख करना अपर्याप्त है तथा इससे सिख भावनाओं को ठेस पहुंचती है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के धर्मग्रंथ सम्माननीय हैं लेकिन गुरु ग्रंथ साहिब को 10वें सिख गुरु गुरु गोविंद सिंह ने शाश्वत गुरु का दर्जा दिया है। एसजीपीसी प्रमुख ने कहा कि सिखों के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जीवित,शाश्वत गुरु हैं और इसलिए इस संबंध में बनाए गए किसी भी कानून में सिख भावनाओं से संबंधित विशिष्ट प्रावधान होने चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सिख गुरुओं की शिक्षाओं के अलावा गुरु ग्रंथ साहिब में विभिन्न समुदायों के संतों,भाटों और सिखों की रचनाएं भी शामिल हैं। जो मानवता को एक सार्वभौमिक संदेश देती हैं। तस्वीर: 16 जुलाई, 2025 को पंजाब के अमृतसर में पांचवें बम विस्फोट की धमकी के बाद स्वर्ण मंदिर के आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण करते बीएसएफ के जवान एक खोजी कुत्ते के साथ। तस्वीर: एएनआई फोटो।
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