*सेबी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को वित्तीय उत्पादों की रेटिंग करने की अनुमति देने पर विचार कर रही है*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*सेबी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को वित्तीय उत्पादों की रेटिंग करने की अनुमति देने पर विचार कर रही है*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】सेबी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को वित्तीय उत्पादों की रेटिंग करने की अनुमति देने पर विचार कर रही है। सेबी ने क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को RBI या IRDAI जैसी संस्थाओं द्वारा विनियमित वित्तीय उत्पादों की रेटिंग करने की अनुमति देने का प्रस्ताव दिया है। बशर्ते वे संबंधित मानदंडों का पालन करें और अपने संचालन में संरचनात्मक पृथक्करण बनाए रखें। भारत के प्रतिभूति बाजार नियामक ने प्रस्ताव दिया है कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों (CRA) को अन्य वित्तीय क्षेत्र नियामकों द्वारा देखरेख किए जाने वाले वित्तीय उत्पादों और उपकरणों की रेटिंग करने की अनुमति दी जाएं। रेटिंग फ़र्म ऐसा व्यवसाय कर सकती हैं बशर्ते वे संबंधित नियामक—जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI),भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) या पेंशन फ़ंड नियामक और विकास प्राधिकरण के नियमों का पालन करें। (पीएफआरडीए)भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 9 जूलाई बुधवार को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक चर्चा पत्र में यह बात कही। सेबी ने स्पष्ट किया कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां (सीआरए) केवल शुल्क-आधारित और गैर-निधि आधारित रेटिंग गतिविधियाँ ही कर सकती हैं। नियामक ने कहा कि ऐसे गैर-प्रमुख व्यवसाय क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों (सीआरए) के भीतर एक अलग व्यावसायिक इकाई बनाकर और मुख्य तथा गैर-प्रमुख क्षेत्रों के बीच एक उचित ''चीनी दीवार'' सुनिश्चित करके किए जा सकते हैं। दौरान सेबी का अध्ययन हैं कि खुदरा व्यापारियों को वित्त वर्ष 2025 में डेरिवेटिव्स में दांव लगाने से ₹1 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। सेबी ने चर्चा पत्र पर 30 जुलाई तक जनता की टिप्पणियाँ मांगी हैं।【Photo Courtesy Google】
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