बेशर्मी की भी हद है, रूस ने की अमरीका की मदद लेकिन ट्रम्प आभार व्यक्त करने पर तैयार नहीं / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
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◆मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई◆
इस समय चीन और रूस मानवीय आधारों पर अमरीका की मदद कर रहे हैं और कोरोना वायरस की महामारी से निपटने में उसका साथ दे रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर ट्रम्प प्रशासन उन राष्ट्रों को कोई ढील देने के लिए तैयार नहीं है जिन पर उसने प्रतिबंध लगा रखे हैं।
बुधवार की शाम रूस का एक बड़ा विमान कई टन चिकित्सा सामग्री लेकर न्यूयार्क के एयरपोर्ट पर उतरा। रूस ने इससे पहले अपने कई विमानों में मानवीय सहायता इटली भेजी थी।
अमरीका अब सारी दुनिया में कोरोना वायरस का केन्द्र बन गया है जहां वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या लगभग ढाई लाख और मरने वालों की संख्या 6 हज़ार तक पहुंच चुकी है। अमरीका की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था इस महामारी के कारण नाकाम होकर रह गई है।
रूस, चीन, ईरान और वेनेज़ोएला सहित आठ देशों ने अमरीका पर ज़ोर दिया था कि वह संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव की अपील पर ध्यान देते हुए अपने प्रतिबंधों को समाप्त करे लेकिन ट्रम्प प्रशासन ने अपने कान बंद कर लिए। यानी इन देशों पर अमरीका के ग़ैर क़ानूनी और ग़ैर इंसानी प्रतिबंध जारी हैं।
अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पेयो ने तो बेशर्मी की यह हद कर दी कि गुट-20 की शिखर बैठक के घोषणापत्र में कोरोना वायरस को चीनी वायरस लिखवाने पर ज़ोर दिया। ट्रम्प ने इसी बीच इराक़ के संबंध में ईरान को धमकी दी।
बहुत से देशों ने अपनी जेलों से क़ैदियों को रिहा किया है इनमें तुर्की, ईरान और सीरिया जैसे देश शामिल हैं मगर अमरीका और इस्राईल इस समय बड़ा ग़ैर इंसानी रवैया अपना रहे हैं।
छोटे से वायरस ने अमरीकी वर्चस्व को हिलाकर रख दिया है और यह भी साबित कर दिया है कि अमरीकी नेतृत्व में इंसानियत नाम की कोई चीज़ नहीं है।
रिपोर्ट स्पर्श देसाई √●Metro City Post # MCP● News Channel ◆ के लिए...
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