कोरोना पूरी दुनिया बदल देगा, उथल पुथल कई पीढ़ियों तक जारी रहेगी, यह संकट कभी नहीं देखा गया, अगर कंट्रोल न किया गया तो ...? / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
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【मुंबई / रिपोर्ट स्पर्श देसाई】
अमरीका के पूर्व विदेश मंत्री हेनरी केसेंजर का कहना है कि कोरोना वायरस की महामारी विश्व व्यवस्थ को हमेशा के लिए बदल देगी।
वाल स्ट्रीट जरनल में प्रकाशित होने वाले अपने लेख में केसेंजर ने लिखा कि कोरोना वायरस ने स्वास्थ्य को जो नुक़सान पहुंचाया है वह हो सकता है अस्थायी हो लेकिन इसने जो राजनैतिक और आर्थिक उथल पुथल मचायी है वह कई पीढ़ियों तक जारी रहेगी।
केसेंजर का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते दुनिया जिन हालात से गुज़र रही है उन्हें देखकर मुझे 1944 में दूसरे विश्व युद्ध के आख़िरी दिन याद आ गए जब मैं अमरीकी थल सेना का हिस्सा था क्योंकि आज भी वही ख़तरा मंडरा है जो विश्व युद्ध के समय था यानी कहीं भी कोई भी निशाना बन सकता था, इसी तरह कोरोना भी किसी को भी निशाना बना रहा है।
पुराने समय और आज के हालात में अनेक समानताएं हैं लेकिन एक फ़र्क़ भी है कि उस समय अमरीका के पास बड़ी क्षमता थी और उसने बहुत से लक्ष्य हासिल कर लिए लेकिन आज तो राजनैतिक बिखराव है और एसी सरकार की सख़्त ज़रूरत है जो सक्षम हो और विश्व स्तर पर फैली कोरोना महामारी के कारण पैदा होने वाले अपूर्व बदलाव पर नियंत्रण कर सके।
इस समय दुनिया के देशों के नेता पूरी तरह राष्ट्रीय हालात और ज़रूरतों के तहत इस महामारी से निपटने की कोशिश कर रहे हैं और एक दूसरे से दूर नज़र आ रहे हैं। दुनिया के नेता कोरोना से निपटने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर प्रयास कर रहे हैं मगर उन्हें एक और बहुत ज़रूरी चीज़ पर ध्यान केन्द्रित रखना होगा कि कोरोना महामारी का समय बीत जाने के बाद एक नया वर्ल्ड आर्डर अस्तित्व में आएगा।
केसेंजर का यह भी मानना है कि कोई भी सरकार कोरोना पर अकेले नियंत्रण नहीं कर सकती बल्कि संकट से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की एक स्पष्ट तसवीर होना ज़रूरी है और अगर एक साथ दोनों स्तर पर सफलता से काम न किया गया तो बहुत बुरे नतीजे सामने आएंगे।
केसेंजर ने अमरीकी सरकार पर ज़ोर दिया कि वह एक साथ तीन महत्वपूर्ण मैदानों में काम करे तभी देश के भीतर और विश्व स्तर पर कोरोना के घातक प्रभावों और परिणामों का सामना कर पाना संभव होगा। एक तो संक्रामक रोगों का मुक़ाबला करने के लिए सारी दुनिया को शक्तिशाली बनाना है और इसके लिए वैज्ञानिक शोध को विकसित करना ज़रूरी है।
दूसरा मैदान कोरोना से विश्व अर्थ व्यवस्था को पहुंचने वाले नुक़सान का समाधान है। इतने बड़े पैमाने पर इससे पहले मानव समाज के सामने कोई समस्या पेश नहीं आई थी। केसेंजर का कहना था कि तीसरा मैदान लिबरल विश्व व्यवस्था है जिसकी हिफ़ाज़त करना ज़रूरी है।
दुनिया के नेताओं के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं एक तो महामारी से निपटना और दूसरे भविष्य का निर्माण है और यह दोनों काम एक साथ करना है यदि इनमें किसी एक में भी नाकामी हुई तो पूरी दुनिया जल उठेगी।【समाचार स्रोतः वाल स्ट्रीट जरनल】
रिपोर्ट स्पर्श देसाई √●Metro City Post # MCP●News Channel ◆ के लिए...
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