जब कोरोना महामारी से अमरीका में हाहाकार मचा हुआ है, तब मास शूटिंग की घटनाओं में क्यों नहीं आ रही है कमी? / रिपोर्ट स्पर्श देसाई
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【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】
अमरीका में कोरोना वायरस कोविड-19 का तुरंत असर इस देश में अपराध की दर में तेज़ी से गिरावट के रूप में नज़र आ रहा है फिर भी एक आपराधिक वर्ग ऐसा है जिस पर इसका असर नहीं पड़ा है। पिछले कुछ साल के मार्च महीने की तुलना में इस साल मार्च महीने में मास शूटिंग या अंधाधुंध फ़ायरिंग में दुगुनी तादाद में लोग मारे गए थे ।
मार्च 2018 में मास शूटिंग में 10 मौतें हुयी थीं। मार्च 2019 में यह तादाद 12 थी। इस मार्च महीने में जब कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में महामारी का रूप अख़्तियार कर लिया है और क्वारंटीन की हालात हैं, मास शूटिंग में 26 मौतें हुयीं। पिछले साल की तुलना में घायलों की तादाद भी बढ़ी है।
अमरीका में दुनिया के किसी भी देश की तुलना में सबसे ज़्यादा मास शूटिंग की घटनाएं होती हैं यहां तक कि महामारी के दौरान भी इसकी दर में कमी नहीं आ रही है।
कोविड-19 का सामाजिक व्यवहार पर असर पड़ा है, कम से कम मौजूदा समय में कई तरह के अपराध की दर घटी है। वॉल स्ट्रीट जरनल के मुताबिक़, न्यूयॉर्क शहर में जो सबसे ज़्यादा महामारी से प्रभावित हुआ है । दिनांक16 से 22 मार्च के बीच 2019 की तुलना में कई गंभीर अपराधों में 16.6 फ़ीसद कमी आयी हैं । चोरी और मारपीट में पिछले हफ़्ते की तुलना में 18 फ़ीसद कमी आयी।
सवाल यह पैदा होता है कि जब नाना प्रकार के अपराध की दर में कमी आ रही है तो मास-शूटिंग में मरने वालों की तादाद क्यों बढ़ रही है ? वह भी कोविड-19 जैसी सामाजिक इमरजेन्सी की हालत में? बहुत हद तक अशांत आबादियों में जहां क्वारंटीन के आदेश की अवज्ञा हो रही है । गैंग हिंसा की दर स्थिर है। इस हालत की वजह से कन्ज़र्वेटिव लोगों की इस बहस को बल मिल रहा है कि शहर के भीतर के गैंग की वजह से मरने वालों की तादाद बढ़ रही है। ये कन्ज़र्वेटिव अपने इस विचार पर बल दे रहे हैं कि बंदूक़ व राइफ़ल रखने के नियम, एक ज़िम्मेदार बंदूक़धारी के रूप में उनके अधिकार पर ग़ैर ज़रूरी रुकावट है।
गैंग हिंसा की सूचि तय्यार करने वाले अमरीका के सरकारी विभाग नेशनल गैंग सेंटर के डेटा से इस बात का पता लगाने में मदद मिल सकती है कि अमरीका के सामने गैंग समस्या है या बंदूक़ रखने की समस्या है। पिछले कई दशकों के दौरान जहां एक ओर गैंग और गैंग के सदस्यों की तादाद बढ़ती रही है। वहीं गैंग से जुड़ी इंसानों की हत्या में कमी आयी है। गैंग के सदस्यों और बंदूक़ से इंसानों की हत्या की दर के एक दूसरे की विपरीत दिशा में बढ़ने से यह तर्क कमज़ोर पड़ जाता है कि इंसानों की हत्या के पीछे गैंग हिंसा सच-मुच ज़िम्मेदार है।
अमरीका में सांस्कृतिक विभाजन, इस तरह की ख़तरनाक घटना के स्तर को रोकने के लिए किसी भी प्रभावी काम के रास्ते की सबसे बड़ी रुकावट है। देश के बंद दरवाज़े के पीछे पनाह लेने के बावजूद, मास शूटिंग की घटनाएं कम नहीं हुयीं। इस तरह की घटनाओं की दर का बना रहना वह भी महामारी के दौर में, जैसे राजनैतिक व सांस्कृतिक विभाजन, बहुत से शहरों के भीतर हिंसा और बुरी सामाजिक-आर्थिक स्थिति के चक्र तथा गैंग हिंसा को मुख्य रूप से अफ़्रीक़ी-अमरीकियों को इंगित करने के पीछे छिपे जातीय अपमान, अमरीका में सांस्कृतिक मार्ग पर मौजूद अनेक कमियों को दर्शाता है। इसका दुखद नतीजा यह है कि विश्व स्तर पर फैली महामारी भी अमरीकियों को मास शूटिंग में मरने से नहीं रोक पा रही है।【इनपुट्स, रशिया टुडे में प्रकाशित निकोलस शेफ़र्ड के लेख से साभार】
रिपोर्ट स्पर्श देसाई √●Metro City Post # MCP●News Channel ◆ के लिए...
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