*मुंबई में अखिल भारतीय ओसवाल महासंघ का स्थापना दिवस मनाया,"सम्मान समारोह" में कई गणमान्य लोगों का सम्मान किया गया*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*मुंबई में अखिल भारतीय ओसवाल महासंघ का स्थापना दिवस मनाया,"सम्मान समारोह" में कई गणमान्य लोगों का सम्मान किया गया*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

【मुंबई/रिपोर्ट स्पर्श देसाई】 महानगर मुंबई के चीरा बाजार स्थित क्षेत्रपाल भवन के बाफना सभागृह में "अखिल भारतीय ओसवाल महासंघ" और "मरुधर का तहलका मीडिया ग्रुप" के संयुक्त तत्वाधान में 27 जूलाई बुधवार दोपहर को अखिल भारतीय ओसवाल महासंघ का स्थापना दिवस मनाया गया था।  । इस अवसर पर मंचाधिन कार्यक्रम के प्रमुख दानवीर व अध्यक्ष बाबुलाल गणेशमल कटारिया संधवी घुम्बाडिया, प्रविणजी लूणिया,शांतिलालजी बोकाडिया,कनकराजजी परमार,शांतिलालजी गोलेचा,पन्नालालजी शाह, जयंतीलालजी शाह, गणपतजी कोठारी के साथ पूर्व केबिनेट मंत्री राज के. पुरोहित और नगरसेवक आकाश राज पुरोहित आदी के साथ जैन आचार्य परम पूज्य श्री उदयरत्न सागर सूरीश्वरजी म.सा. व उनके सुशिक्षा गुणवल्लभजी म.सा.उपस्थित थे। आचार्य भगंवतो द्रारा नवकार मंत्र और महमानों के वरद हस्ते दिप प्रागट्य के साथ प्रारंभ हुआ था ।

 कार्यक्रम में "मरुघर का तहलका" के एडिटर इन चीफ जगदिश जे.मेहता ने अपनी बुलंद आवाज में इस 14 अगस्त को राजस्थान के तीर्थ वरकाणा में होने वाले अ.भा.ओसवाल महासंध का 2479 वें होने वाले कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी थी । उन्होंने कहा था कि राजस्थान के जोधपुर के पास आए हुए गांव "ओशिया" में आचार्य रत्नप्रभ सुरीश्वरजी म.सा. ने आज से 2479 साल पहले गांव के राजपूतों को जैन धर्म की दिक्षा देकर उनसे मांस व मदिरा छूडवाई थी। उनके शिष्य व उनको मानने वाले सभी ओसवाल वंशीय कहलाएं हालांकि इतने सालों के बाद भारत में ओसवाल एक नहीं हो पाएँ हैं। मैं पिछले 5 सालों से लगातार कठोर मेहनत कर सब ओसवालों को इकठ्ठा करने का प्रयास कर रहा हूं । इस 14 अगस्त को बरकाणा तीर्थ में इस समाज का बहुत बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है । इसमें राजनेता,व्यापारी वर्ग,आईएस, वकिल के साथ दूसरे गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे । जो समाज के कोहीनूर कहलाते है । बाद में सभागृह में उपस्थित सभी लोगों को उस कार्यक्रम में पधारने का न्यौता दिया था । दौरान सभाग्रह में उपस्थित लोगों के वरद हाथ मंचाधिन महमानों का स्वागत व सम्मान शाल,श्रीफल व मोती की माला से तालियों के गडगडाट के बीच किया गया था । दौरान बालिका राही जैन ने कार्यक्रम अपना परफोर्स दिया था । जिस सराहा गया था । 

पूज्य गुणवल्लभ म.सा.ने इसी दौरान बताया कि करीब 48 देशों में ओसवाल वंश के लोग मौजूद है । उनको एक छत के नीचे लाने के लिए व्यापक प्रयासो की जरूरत है । कच्छ में कच्छी विसा ओसवाल,मध्य प्रदेश में मारवाडी ओसवाल,सिंघ में सिंधीओसवाल,पाकिस्तान में मशीरी ओसवाल है । यह कार्यक्रम सिर्फ राजस्थान तक सिमीत ना रहे । भारत के 23 राज्यों मे ओसवाल वंश फैला है,उनको भी इस कार्यक्रम में जोड़े । ओसवालों के 1250 गोत्र हैं । आगे उन्होंने कहा कि कुछ लोग इतिहास लिखते है । कुछ कुछ लोग इतिहास पढ़ते हैं और कुछ लोग इतिहास बन जाते हैं । गुजरात के पाटण सिद्धराज राजा के वंशज चावडा,राठौड़ और परमार राजपूतों ओसवाल वंश के लोग हैं ।

प्रासंगिक प्रवचनों में समाज सेवी प्रकाश चोपड़ा ने समाज और भावि पिढ़ी की चिंता करते हुए अपनी बात में कहा था कि आगामी पिढ़ी को हम क्या देकर जा रहे है ? उसके बारे में सोचना है । 22 साल के बाद नई सदी का प्रारंभ हो रहा है । तब हमारी पिढ़ी कहां पर होगी ? घर घर में संस्कारों की कमी के कारण आज हम लोग कहा पर है? उसके लिए हमें चिंतन करना है । हम लोगो में वैचारिक क्रांति जरुरी है | हमे सब को साथ लेकर चलना होगा । आगे प्रकाश चोपड़ा ने कहा था कि आजकल शिक्षा और चिकित्सा महंगी हो गई हैं। असली समस्या यही से शुरू होती है । हमारे समाज को इसी समस्याओं से लड़ना है । हम सब को मिलकर एक प्लेटफोर्म समाज को लाकर उत्क्रांति करनी होगी । हमारे साथ हमारे गुरुओं की प्रेरणा होगी।

 जिवदया प्रेमी सुकनराज परमार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि पिछले साल से ओसवाल वंश का एकता सार्थक प्रयास हो रहा हैं। में मेहता साहब का अभिनंदन करता हूं। जैन समाज की विसंगतियां दूर करनी जरूरी हैं।जैन धर्म व समाज वैसे मजबूत है पर उनकी रक्षा करना हमारा फर्ज है ।

 पूर्व केबिनेट मंत्री राज के.पुरोहितजी ने अपनी बात में कहा कि आजकल में व्यापार की स्थिती बदलने वाली है । लोग आज नहीं बदलेंगे तो बहुत पीछे रह जाएँगे । वॉलमार्ट का मोल एक कि.मी. वर्ग मे फैला हुआ होता है । उसमें आप प्रवेश करें तो फिर बाहर आने की जरूरत है नहीं । भारत में 27 सौ वॉलमार्ट खोलने की परमीशन दे ही गई है । आपका समाज नहीं सुधरता तो फिर घिर जाओगे । वैसे भी दुनिया में हिंसा का वातावरण फैला हुआ है । आज हिंसा कहा पर नहीं हैं? इसलिए हर समाज को एक होने का उद्देश्य रखना चाहिए । 

आगे श्री पुरोहित ने कहा कि भारत में जैन समाज नहीं होता तो लाखों लोग मर जातें । कोरोना काल में जैन समाज ने कई लोगों को दिनरात खाना पहुंचाया हैं। मुंबई के 14 हजार पुलिसवालों को खाना खिलाया है । प्रतिमाह तीन हजार मुंबई के लोगो को दाल,चावल,चीन व आटा पहुंचाया है । यह जिवदया का काम सिर्फ जैन लोग ही कर सकते हैं । आगे उन्होने कहा कि हमे समाज के लिए चिंतन की जरूरत है । हम यहां आए हैं तो कुछ करना चाहिए । चिंतन ऐसे ही कार्यक्रमों में होता है । जागो,समाज शक्तिशाली है,ओसवाल शक्तिशाली है । आनेवाले वक्त में चिंतन शिवीर का आयोजन करें ।

इस अवसर पर जैन श्रेष्ठी विमलजी रांका,संगीतकार
दिनेशजी चोपड़ा, अमृतलाल कटारिया,महिपाल कांकरिया, विनोद जैन, नरेन्द्र परमार,कांतिलाल बलाई,सुभाषजी उगावत,शांति गोलेचा, हीराचंद संधवी, गौतम संधवी, पवनराजजी मेहता, नरपत जैन, राणमलजी धुम्बाडिया, मांगीलाल वाणीगोता, किशोरजी कोठारी, सुरेश जी चौधरी, धनराजजी देवरा, सुमेरमलजी भंसाली, रविंद्र संचैती,मनोज राठौड़, विनोद सोनीगरा व दूसरे गणमान्य लोगो के साथ पत्रकारगण निरंजन परिहार,श्रीमति ज्योतिजी मुणोत मंगल शेठ,विक्रम सुराणा,प्रशांत झवेरी,जगदिश पुनमिया,राकेश मेहता,रवि यादव, फोटोग्राफर अतुल देसाई व पत्रकार स्पर्श देसाई उपस्थित रहे थे। कार्यक्रम का संचालन सुचारू रूप से शैर ओ शायरी के साथ जयंतीलाल जैन चाणोद ने किया । आभार विधि आकाश चोपडा की थी ।【Photos by Atul Desai】

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#सम्मान समारोह


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