*मेडल जीतने के बाद उसे काटते क्यों हैं ओलंपिक में जीतने वाले खिलाड़ी?*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*मेडल जीतने के बाद उसे काटते क्यों हैं, ओलंपिक में जीतने वाले खिलाड़ी?*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】अगर आपने कभी ओलंपिक या अन्य कोई खेल देखा होगा तो उसमें ये जरूर गौर किया होगा कि खिलाड़ी मेडल जीतने के बाद उसे काटते जरूर हैं । ये प्रथा गोल्ड मेडल जीतने वाले लोग ज्यादा करते हैं । अब तो ये प्रथा कापी चर्चा में है मगर इसके पीछे जो कारण है वो बेहद पुराना है । जैसा की आप जानते ही होंगे कि जो खिलाड़ी कंप्टीशन में अव्वल आता है,उसे गोल्ड मेडल दिया जाता है,दूसरे स्थान पर आने वाले को सिल्वर और तीसरे पर आने वाले को ब्रॉन्ज मेडल देते हैं ।
इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ओलंपिक हिस्टोरियन्स के प्रेसिडेंट डेविड वौलेनचिन्सकी ने सीएनएन से बात करते हुए इस बारे में जानकारी दी कि खिलाड़ी इस प्रथा का पालन इसलिए करते हैं क्योंकि फोटोग्राफर उनसे ऐसा करने को कहते हैं । रिपोर्ट के अनुसार मेडल काटने की प्रक्रिया ओलंपिक में काफी लंबे वक्त से चलती चली आ रही है मगर आज के दौर में फोटोग्राफर ऐसी फोटो खींचने के लिए ओलंपिक्स विजेताओं को मनाते हैं । इस तरह की फोटोज अखबारों और मैग्जीन में अलग एंगल से बिकती है जिसे लोग पसंद करते हैं ।
*कब से शुरू हुई सोने के काटने की शुरुआत?*
लंबे वक्त से फोटोग्राफर जिद्द कर इस फोटो को खिंचवा देते हैं हालांकि,अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि मेडल काटने की प्रथा कब और कैसे शुरू हुई थी । स्पोर्टिंग न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार साल 1800 के दौरान कैलिफोर्निया में गोल्ड काटने की प्रैक्टिस का पालन किया जाता था । उस दौरान सोने को काटकर ये पता लगाया जाता था कि वो रियल है या फेक ।
*सोने पर काटने से बन जाता है निशान*
असली सोना सॉफ्ट होता है । उसे दांतों से काटने पर उसमें काटने के निशान पड़ जाते हैं मगर नकली सोने को आप चाहे जितना दांतों से काटें,उसपर निशान नहीं बनेगा,वो अलग बात है कि आपके दांत भी ऐसे में टूट सकते हैं । शुद्ध सोने से बने मेडल को आखिरी बार 1912 ओलंपिक में दिया गया था । उसके बाद से शुद्ध सोना नहीं दिया जाता । ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर एथेलीट सोने को काटकर देख रहे हैं तो इसका ये मतलब हो सकता है कि वो सिर्फ चेक करना चाहते होंगे कि उनका मेडल असली है या नकली ।【Photo Courtesy Google】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#मेडल
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