*विकास हेतु:महाराष्ट्र के भीमाशंकर मंदिर को इको- टूरिज्म विकास के लिए 288 करोड़ रुपये का बढ़ावा मिला*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*विकास हेतु:महाराष्ट्र के भीमाशंकर मंदिर को इको- टूरिज्म विकास के लिए 288 करोड़ रुपये का बढ़ावा मिला*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】महाराष्ट्र के भीमाशंकर मंदिर को इको-टूरिज्म विकास के लिए 288 करोड़ रुपये का बढ़ावा मिला है। महाराष्ट्र में भीमाशंकर मंदिर क्षेत्र में पर्यटन और तीर्थयात्रियों की सुविधा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ₹288.17 करोड़ की लागत से बदलाव किया जाएगा। अधिकारियों ने व्यापक विकास योजना को मंजूरी दे दी है । जिसमें इको-टूरिज्म,बुनियादी ढांचे के उन्नयन और सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। जिसका लक्ष्य 2027 कुंभ मेले से पहले प्रमुख कार्यों को पूरा करना है। इस पहल में मंदिर के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित करने के साथ-साथ बढ़ती भीड़ को समायोजित करने का वादा भी किया गया है। विकास का खाका धार्मिक महत्व और पारिस्थितिकी पर्यटन के बीच संतुलन बनाने पर केंद्रित है। जिसके तहत मंदिर क्षेत्र को वन क्षेत्र से अलग किए बिना बढ़ाया जाएगा। योजनाओं में वन पथों का निर्माण और श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों के लिए आसान पहुंच के लिए रोपवे प्रणाली का निर्माण शामिल है। निगाडेल जैसे प्रमुख स्थानों पर क्षेत्र की पारिस्थितिकी संवेदनशीलता को बनाए रखते हुए बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए होटल,रेस्तरां और आवास सहित नई सुविधाएं दिखाई देंगी। बुनियादी ढांचे का उन्नयन विकास योजना का मुख्य हिस्सा है। अधिकारियों ने आंतरिक सड़क सुधार और परिवहन संपर्क को प्राथमिकता दी है। खासकर राजगुरुनगर- तालेघर-भीमाशंकर राजमार्ग गलियारे के माध्यम से। पहुंच बढ़ाने के लिए एक हेलीपैड का भी प्रस्ताव किया जा रहा है। स्थानीय विक्रेताओं और दुकानदारों के लिए वाणिज्यिक स्थानों का आधुनिकीकरण किया जाएगा ताकि तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को समायोजित किया जा सके और पर्यटन से जुड़े वाणिज्य के माध्यम से स्थानीय आजीविका को बढ़ावा दिया जा सके। साल 2027 के कुंभ मेले की तैयारी में विकास रणनीति में सुरक्षा और ऊर्जा अवसंरचना शामिल है। बड़ी भीड़ को प्रबंधित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मंदिर क्षेत्र में एक समर्पित पुलिस चौकी स्थापित की जाएगी। इसके अतिरिक्त, मंदिर परिसर और आसपास के पर्यटन अवसंरचना को निर्बाध बिजली आपूर्ति की गारंटी देने के लिए एक नया सबस्टेशन बनाने की योजना बनाई गई है, जिससे क्षेत्र में बिजली कटौती की लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान हो सके। इस बड़े पैमाने की योजना का क्रियान्वयन समयबद्ध रोडमैप का पालन करते हुए किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि मुख्य परियोजनाएं प्रमुख धार्मिक आयोजनों से काफी पहले पूरी हो जाएं। हितधारकों को एक एकीकृत विकास दृष्टिकोण अपनाने का भी निर्देश दिया गया है जिसमें सामुदायिक भागीदारी और टिकाऊ पर्यटन प्रथाएं शामिल हों। भीमाशंकर के परिवर्तन से आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने और पुणे के ग्रामीण क्षेत्र में महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर पैदा होने की उम्मीद है। भीमाशंकर के लिए ₹288.17 करोड़ की विकास योजना सिर्फ़ एक नया रूप नहीं है । यह तीर्थ नगरी को ज़्यादा पर्यटक-अनुकूल,पारिस्थितिक रूप से संतुलित और आध्यात्मिक रूप से आकर्षक बनाने के लिए एक संरचित प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है। वन पथों, रोपवे, नई सड़कों और सुरक्षा उन्नयन के साथ, इस पहल का उद्देश्य विरासत को संरक्षित करते हुए बढ़ती पर्यटन मांग को पूरा करना है। इसका समय पर क्रियान्वयन भीमाशंकर को स्थायी धार्मिक पर्यटन के लिए एक मॉडल के रूप में स्थापित कर सकता है।

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#भीमाशंकर मंदिर#इको टूरिज्म महाराष्ट्र#विरासत मंदिर परियोजना#कुंभ मेला 2027#महाराष्ट्र विकास#तीर्थ पर्यटन भारत#टिकाऊ पर्यटन भारत#मंदिर के बुनियादी ढांचे का उन्नयन

Comments

Popular posts from this blog

*मुंबई में अगले तीन दिन भारी बारिश, कल जल प्रलय हो सकता है मुंबई में भारी बारिश का अनुमान, बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*तेलंगाना में 300 करोड़ रुपये का 200 किलो सोना और 105.58 करोड़ की नकदी जब्त*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*संचार के द्वारपाल: समाचारों को प्राथमिकता देने में पत्रकार की महत्वपूर्ण भूमिका*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई