*मुंबई लंदन को पीछे छोड़कर वैश्विक डेटा सेंटर पावरहाउस बन गया*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

*मुंबई लंदन को पीछे छोड़कर वैश्विक डेटा सेंटर पावरहाउस बन गया*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई

【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】महाराष्ट्र का महानगर मुंबई एक प्रमुख वैश्विक डेटा सेंटर हब के रूप में अपनी स्थिति को तेजी से मजबूत कर रहा है तथा निर्माणाधीन क्षमता के मामले में दुनिया भर में प्रभावशाली छठा स्थान प्राप्त कर रहा है। यह उल्लेखनीय वृद्धि जिसके कारण मुंबई लंदन और डबलिन जैसे स्थापित डेटा सेंटर पावरहाउस से आगे निकल गया है। क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और व्यापक डिजिटल अर्थव्यवस्था में विस्फोट से प्रेरित डिजिटल बुनियादी ढांचे की बढ़ती मांग का प्रमाण है। "कुशमैन एंड वेकफील्ड" की एक हालिया रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि विश्वसनीय बिजली पहुंच आसानी से उपलब्ध भूमि और मजबूत बुनियादी ढांचे जैसे महत्वपूर्ण कारक इस अभूतपूर्व वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आ रहे हैं। एशिया प्रशांत क्षेत्र जो पहले से ही दुनिया के दस सबसे बड़े डेटा सेंटर बाज़ारों का घर है। एक बेजोड़ विस्तार का अनुभव कर रहा है। साल 2024 के अंत तक इस क्षेत्र ने 1.6 गीगावाट की नई क्षमता जोड़ी हैं। जिससे इसकी कुल परिचालन क्षमता प्रभावशाली 12.2 गीगावाट हो गई हैं। इससे विकास पाइपलाइन मजबूत बनी हुई है । जिसमें अतिरिक्त 14.4 गीगावाट वर्तमान में निर्माणाधीन है या विभिन्न नियोजन चरणों में है। यह जोरदार विस्तार मुख्य रूप से 5G नेटवर्क के व्यापक रोलआउट,उद्योगों में क्लाउड सेवाओं को तेजी से अपनाने और डिजिटल सामग्री और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) अनुप्रयोगों की लगातार बढ़ती खपत से प्रेरित है।
मुंबई का विकसित होता डेटा सेंटर परिदृश्य अब आत्मविश्वास से खुद को प्रमुख वैश्विक खिलाड़ियों के साथ खड़ा कर रहा है। जबकि शहर के पास भारत के निर्माणाधीन डेटा सेंटर क्षमता का 42% हिस्सा है। पूरा होने पर इसकी परिचालन क्षमता में 62% की आश्चर्यजनक वृद्धि होने वाली है । कहानी इसकी तत्काल सीमाओं से परे फैली हुई है। पड़ोसी पुणे भी APAC डेटा सेंटर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है। यह उभरता हुआ क्षेत्र काफी अंतरराष्ट्रीय निवेश आकर्षित कर रहा है। जो घरेलू खिलाड़ियों के प्रयासों का पूरक है । जो सक्रिय रूप से अपनी क्षमताओं को बढ़ा रहे हैं। मजबूत विकास क्षमता,बढ़ती अधिभोग दरों और स्थिर किराये की पैदावार के साथ इस डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट में निवेशकों का विश्वास असाधारण रूप से उच्च बना हुआ है। शहर के रणनीतिक डिजिटल बुनियादी ढांचे का उन्नयन इस तेजी से बढ़ते विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इस साल 2025 तक भारत को तीन प्रमुख अंडरसी डेटा केबल परियोजनाओं के पूरा होने की उम्मीद है। ये महत्वपूर्ण धमनियां न केवल भारत की इंटरनेट क्षमता और गति को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगी बल्कि अफ्रीका,यूरोप,मध्य पूर्व और एशिया के अन्य हिस्सों सहित प्रमुख वैश्विक क्षेत्रों के साथ कनेक्टिविटी में भी नाटकीय रूप से सुधार करेंगी। ये विकास दक्षिण पूर्व एशिया के भीतर एक केंद्रीय कनेक्टिविटी हब के रूप में मुंबई की महत्वपूर्ण भूमिका को और मजबूत करने के लिए तैयार हैं। जो निर्बाध डेटा प्रवाह सुनिश्चित करता है और लाखों लोगों की डिजिटल आकांक्षाओं को शक्ति प्रदान करता है। इस बीच डेटा सेंटर के क्षेत्र में अग्रणी पुणे की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। जिसने APAC के शीर्ष बाजारों में चौथा स्थान हासिल किया है। इस साल 2025 की पहली तिमाही तक पुणे में 112 IT MW की परिचालन डेटा सेंटर क्षमता है साथ ही हिंजेवाड़ी और पिंपरी-चिंचवाड़ जैसे प्रमुख क्षेत्रों में 190 IT MW का निर्माण कार्य सक्रिय रूप से चल रहा है। STT GDC, Nxtra by Airtel और IronMountain सहित प्रमुख उद्योग खिलाड़ी पुणे में महत्वपूर्ण परिचालन स्थापित कर रहे हैं। शहर के प्रति उनका आकर्षण इसके अनुकूल जलवायु, कुशल श्रम शक्ति तक पहुँच, विश्वसनीय बिजली अवसंरचना और मुंबई के महत्वपूर्ण केबल लैंडिंग स्टेशनों से इसकी रणनीतिक निकटता से उपजा है। मुंबई और पुणे के बीच यह तालमेल एक शानदार डिजिटल कॉरिडोर बनाता है। जो दोनों शहरों को वैश्विक डेटा सेंटर क्षेत्र में तेजी से विकास के लिए तैयार करता है और शून्य शुद्ध कार्बन और डिजिटल रूप से उन्नत शहरी केंद्रों को बढ़ावा देने की भारत की महत्वाकांक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देता है।【Photo Courtesy Google】

★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metri City Post•News Channel•#डिजिटल#मुंबई#पूणे
#वैश्विक डेटा सेंटर

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