* News...126.7 मिमी औसत वर्षा के साथ भारत में 124 वर्षों में सबसे अधिक वर्षा वाला मई महीना रहा*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
* News...126.7 मिमी औसत वर्षा के साथ भारत में 124 वर्षों में सबसे अधिक वर्षा वाला मई महीना रहा*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि मई 2025 1901 के बाद से सबसे अधिक वर्षा वाला महीना रहा तथा देश में पिछले महीने औसतन 126.7 मिमी वर्षा हुई थी। दक्षिण-पश्चिम मानसून के शीघ्र आगमन से दक्षिणी और पूर्वी भारत में लगातार वर्षा हुई थी। जिससे यह रिकॉर्ड बना। एक्स नामक एक सोशल मीडिया पोस्ट में आईएमडी ने लिखा हैं कि मई 2025 के लिए अखिल भारतीय (126.7 मिमी) और मध्य भारत (100.9 मिमी) में औसत मासिक वर्षा 1901 के बाद से सबसे अधिक थी। मौसम विभाग के अनुसार मई 2025 के महीने में देश भर में 126.7 मिमी वर्षा होने की संभावना बताई थी। जो कि 61.4 मिमी की दीर्घावधि औसत (एलपीए) से 106 प्रतिशत अधिक थी। आईएमडी की ओर से जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि मई 2025 के महीने में पूरे देश में 126.7 मिमी वर्षा होगी। जो 61.4 मिमी की लंबी अवधि के औसत से 106% अधिक मानी जाती हैं । मई 2025 के लिए अखिल भारतीय (126.7 मिमी) और मध्य भारत (100.9 मिमी) में औसत मासिक वर्षा साल 1901 के बाद से सबसे अधिक थी। जबकि दक्षिण प्रायद्वीपिय भारत में मासिक वर्षा 199.7 मिमी तक पहुंच गई थी। जो साल 1901 के बाद से दूसरी सबसे अधिक थी। यह केवल साल 1990 में दर्ज 201.4 मिमी से अधिक थी। इसी तरह उत्तर- पश्चिम भारत (48.1 मिमी) में मासिक औसत वर्षा साल 1901 के बाद से 13वीं सबसे अधिक और साल 2001 के बाद चौथी सबसे अधिक थी। पूर्व और पूर्वोत्तर भारत क्षेत्र में मासिक वर्षा 242.8 मिमी थी। जो साल 1901 के बाद से 29वीं सबसे अधिक और साल 2001 के बाद चौथी सबसे अधिक है। आईएमडी के अनुसार मई के दौरान 25 उपखंडों में बहुत अधिक वर्षा हुई थी । पांच उपखंडों में अत्यधिक वर्षा हुई थी तथा छह उपखंडों में सामान्य वर्षा हुई थी। मई 2025 में पश्चिमी तट के साथ-साथ असम और मेघालय,उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम,मिजोरम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल,मध्य महाराष्ट्र और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में अत्यधिक भारी वर्षा (> 204.4 मिमी) दर्ज की गई थी। मौसम विभाग के अनुसार अरुणाचल प्रदेश,बिहार, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम,पूर्वी राजस्थान,हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली,मराठवाड़ा,उत्तर आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा,सौराष्ट्र और कच्छ,तेलंगाना,विदर्भ और पश्चिम मध्य प्रदेश में बहुत भारी वर्षा (115.6-204.4 मिमी) हुई थी। इसके अतिरिक्त अंडमान और निकोबार द्वीप समूह,छत्तीसगढ़,पूर्वी मध्य प्रदेश,पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी क्षेत्र,गुजरात क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश,झारखंड,लक्षद्वीप,ओडिशा,उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी वर्षा (64.5-115.5 मिमी) देखी गई। आईएमडी ने कहा कि भारतीय क्षेत्र में सात पश्चिमी विक्षोभ देखे गएं। जिसके कारण पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र,उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के मैदानी इलाकों में तेज हवाओं और ओलावृष्टि के साथ बारिश और गरज के साथ तूफान की घटनाएं लगातार घटित हुईं थी। मई के महीने में भारत के अधिकांश भागों में नियमित अंतराल पर तेज हवाओं के साथ तूफान आते रहे। मई के दौरान पूरे देश में औसत अधिकतम और औसत न्यूनतम और औसत तापमान सामान्य से कम रहा। विज्ञप्ति में कहा गया था कि मई के दौरान पूरे देश के लिए औसत अधिकतम व औसत न्यूनतम और औसत तापमान क्रमशः 35.08oC, 24.07oC और 29.57oC रहा था। जबकि 1991-2020 के आंकड़ों के आधार पर सामान्य तापमान 36.60oC, 24.17oC और 30.38oC रहा था। इस प्रकार पूरे देश के लिए औसत अधिकतम व औसत न्यूनतम और औसत तापमान क्रमशः -1.52oC, -0.10oC और -0.81oC के सामान्य से हटकर सामान्य से नीचे रहा था। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में 24 मई को पहुंचा था। जो कि इसकी सामान्य तिथि 1 जून से आठ दिन पहले की थी।【Photo Couretsy Google】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#भारतीय मौसम विभाग#
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