*भारत व विश्व में हुए सबसे घातक हवाई दुर्घटनाओं पर एक नज़र*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
*भारत व विश्व में हुए सबसे घातक हवाई दुर्घटनाओं पर एक नज़र*/रिपोर्ट स्पर्श देसाई
【मुंबई/ रिपोर्ट स्पर्श देसाई】गुरुवार 12 जून को गुजरात के अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद लंदन जाने वाले एयर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद विमानन दुर्घटनाओं से संबंधित भारतीय इतिहास की चर्चा फिर से शुरू हो गई है। खराब मौसम की वजह से हवा में घातक टक्करों और घातक दुर्घटनाओं से लेकर टेबलटॉप हवाई अड्डों पर रनवे ओवरशूट तक देश ने पिछले दशकों में कई त्रासदियों को देखा है। भारत व विश्व के विमानन इतिहास में सबसे विनाशकारी हवाई दुर्घटनाओं की सूची यहां दी गई है:
-एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट 1344 (2020) : कोविड-19 महामारी के दौरान वंदे भारत प्रत्यावर्तन मिशन के तहत संचालित एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट 1344, 7 अगस्त 2020 को कोझिकोड (कालीकट) अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरते समय रनवे से फिसल गई थी। भारी बारिश के बीच विमान गीले टेबलटॉप रनवे से फिसल गया था। एक घाटी में गिर गया और दो हिस्सों में विभाजित हो गया था। विमान में सवार 190 लोगों में से दो पायलटों सहित 21 लोगों की मौत हो गई थी।
-एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट 812 (2010) : एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट 812 22 मई 2010 को कर्नाटक के मंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरते समय रनवे से आगे निकल गई थी। दुबई से आ रहा बोइंग 737-800 टेबलटॉप रनवे से आगे खाई में गिर गया था और उसमें आग लग गई थी। जिससे 158 लोगों की मौत हो गई थी। इस दु:खद घटना ने भारत के टेबलटॉप हवाई अड्डों और प्रतिकूल परिस्थितियों के दौरान लैंडिंग प्रोटोकॉल की जांच को और बढ़ा दिया था।
-एलायंस एयर फ्लाइट 7412 (2000) : एलायंस एयर फ्लाइट 7412 17 जुलाई 2000 को उतरने का प्रयास करते समय बिहार के पटना में घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। अंतिम दृष्टिकोण के दौरान कथित अनुचित हैंडलिंग के कारण बोइंग 737-200 में कम ऊंचाई पर एक स्टॉल का अनुभव हुआ था। साठ लोग मारे गए थे। जिनमें से पाँच ज़मीन पर थे। दुर्घटना ने छोटे शहरी हवाई अड्डों पर दृष्टिकोण प्रक्रियाओं को उन्नत करने के लिए प्रेरित किया।
-चरखी दादरी मध्य-हवाई टक्कर (1996) : 12 नवंबर 1996 को भारत की सबसे विनाशकारी विमानन दुर्घटना में 349 लोग मारे गए थे। यह त्रासदी तब हुई जब सऊदी अरब की फ्लाइट 763, बोइंग 747 और कजाकिस्तान एयरलाइंस की फ्लाइट 1907 इल्युशिन आईएल-76 हरियाणा के चरखी दादरी के पास मध्य हवा में टकरा गई थी। यह दुर्घटना संचार विफलता और कजाख चालक दल के निर्धारित ऊंचाई से नीचे उतरने के कारण हुई थी। घटना के बाद भारत ने महत्वपूर्ण विमानन सुरक्षा उपाय लागू किए थे। जिनमें सभी वाणिज्यिक विमानों में यातायात टकराव परिहार प्रणाली (टीसीएएस) लगाना अनिवार्य करना भी शामिल है।
-इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 605 (1990) : 14 फरवरी 1990 को इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 605 बेंगलुरु के एचएएल हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। जिसमें सवार 146 लोगों में से 92 की मौत हो गई।
एयरबस ए320 जो उस समय भारत में अपेक्षाकृत नया विमान था। बहुत नीचे उतर गया और रनवे से पहले ही जमीन से टकराकर गोल्फ कोर्स पर जा गिरा था।
जांच से पता चला कि पायलट की गलती और ए320 के उन्नत डिजिटल कॉकपिट से अनभिज्ञता के कारण यह दुखद दुर्घटना हुई।
-इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 113 (1988) : 19 अक्टूबर 1988 को खराब दृश्यता के कारण इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 113, बोइंग 737-200 अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। मुंबई से आ रही यह फ्लाइट पेड़ों से टकरा गई और रनवे से पहले ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। जिससे उसमें सवार 135 लोगों में से 133 की मौत हो गई थी। जांचकर्ताओं ने पायलट की गलती,अपर्याप्त मौसम संबंधी जानकारी तथा हवाई यातायात नियंत्रण की प्रक्रियागत चूक की ओर इशारा किया।
-एयर इंडिया फ्लाइट 855 (1978) : 1 जनवरी 1978 को दुबई जाने वाली एयर इंडिया फ्लाइट 855 एक बोइंग 747 मुम्बई से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद अरब सागर में गिर गई थी। जिससे उसमें सवार सभी 213 लोगों की मौत हो गई थी। यह दुर्घटना उड़ान के 101वें सेकण्ड बाद ही घटित हुई थी। जब एटीट्यूड डायरेक्टर इंडिकेटर में खराबी के कारण कैप्टन विमान की दिशा को गलत समझ बैठा था। यह दुर्घटना समुद्र के ऊपर रात्रि के समय हुई थी। जिससे चालक दल को स्थान संबंधी भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
-इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 440 (साल 1973) : 31 मई 1973 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 440 दिल्ली के पालम एयरपोर्ट के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। बोइंग 737-200 विमान खराब मौसम की वजह से रनवे से कुछ ही दूर हाई-टेंशन तारों से टकरा गया था। विमान में सवार 65 लोगों में से 48 की मौत हो गई थी।
मृतकों में प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ मोहन कुमारमंगलम भी शामिल थे। इस दुर्घटना ने भारतीय हवाई अड्डों पर बेहतर मौसम रडार की आवश्यकता को रेखांकित किया।
अब यहां देखें विश्व की बड़ी प्लेन क्रैश की घटनाएं। विमान दुर्घटनाएँ दुनिया भर में अक्सर होती रहती हैं। यहाँ कुछ ऐतिहासिक और प्रमुख विमान हादसों की जानकारी दी गई है:
- टेनेरिफ़ विमान दुर्घटना (1977) स्थान टेनेरिफ़,स्पेन
विमान KLM और Pan Am के बोइंग 747 । कारण कि कोहरे और संचार में गड़बड़ी के कारण दो विमानों की टक्कर हो गई थी। मृतक इस हादसे में 583 यात्रियों की मौत हो गई थी। (इतिहास की सबसे घातक विमान दुर्घटना) ।
-जापान एयरलाइंस फ्लाइट 123 ( साल 1985)
स्थान गुंमा, जापान, विमान बोइंग 747 । कारण देखें तो पिछली मरम्मत में गड़बड़ी के कारण विमान का पिछला हिस्सा फट गया। इस हादसे में 520 यात्रियों की मौत हो गई थी।(एकल विमान की सबसे घातक दुर्घटना) ।
एयर इंडिया फ्लाइट 182,साल 1985 ,स्थान आयरलैंड के पास अटलांटिक महासागर ।विमान बोइंग 747 ।
कारण: आतंकवादी बम विस्फोट। इसमें 329 यात्रियों की मौत हुई थी।
-चारकोरी दुर्घटना साल 2003
स्थान,कराची, पाकिस्तान, विमान PIA फ्लाइट PK-661 (ATR 42) इसका कारण देखें तो इंजन खराबी और पायलट त्रुटि। इस घटना में कुल 47 लोग मारे गए थे।
-मलेशिया एयरलाइंस फ्लाइट MH370 साल था 2014 का,स्थान था हिंद महासागर (गायब) विमान: बोइंग 777 था। कारण: अज्ञात (आज तक विमान का मलबा नहीं मिला)। इस दुर्घटना के मृतक 239 लोग थे।
-जर्मनविंग्स फ्लाइट 9525 साल 2015,स्थान: फ्रांस के आल्प्स पर्वत । विमान: एयरबस A320 । कारण: को-पायलट ने जानबूझकर विमान को दुर्घटनाग्रस्त कर दिया। इसमें सवार सभी 150 यात्रियों की मौत हो गई थी।
- इथियोपियन एयरलाइंस फ्लाइट 302, साल 2019
स्थान: एडिस अबाबा, इथियोपिया । विमान था बोइंग 737 MAX । कारण : सॉफ्टवेयर खराबी (MCAS सिस्टम)। इसमें सभी 157 यात्रियों की मौत हो गई थी ।【Photos Courtesy Google】
★ब्यूरो रिपोर्ट स्पर्श देसाई√•Metro City Post•News Channel•#भारत # विश्व#प्लेन #क्रैश
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